इंडिगो और अदाणी एयरपोर्ट्स ने नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान सेवा की शुरुआत का किया ऐलान
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी बजट एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) और अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (Adani Airport Holdings Limited - AAH) ने बुधवार को नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA) पर परिचालन शुरू करने की घोषणा की। दोनों कंपनियों ने बताया कि एनएमआईए के कमर्शियल ऑपरेशन के पहले दिन से ही इंडिगो 15 से अधिक शहरों के लिए 18 उड़ानों (36 एयर ट्रैफिक मूवमेंट्स) का संचालन करेगी।
यह शुरुआत भारत के विमानन क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है, जो मुंबई के एयर ट्रैफिक को और अधिक सहजता और विस्तार देगा।
उड़ानों की विस्तार योजना: 2025 से 2026 तक उड़ानों में जबरदस्त वृद्धि
दोनों कंपनियों ने साझा बयान में कहा कि 2025 के नवंबर तक दैनिक उड़ानों की संख्या 79 तक पहुँच जाएगी, जिनमें से 14 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें होंगी। इसका मतलब कुल 158 एयर ट्रैफिक मूवमेंट्स होंगे।
मार्च 2026 तक, ये संख्या बढ़कर रोजाना 100 उड़ानें (200 एयर ट्रैफिक मूवमेंट्स) हो जाएगी। और नवंबर 2026 तक यह और भी बढ़कर 140 उड़ानें (280 एयर ट्रैफिक मूवमेंट्स) प्रतिदिन तक पहुँच जाएंगी।
इंडिगो का बयान: भारत के विमानन क्षेत्र में नई ऊंचाई
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा, “इंडिगो नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से परिचालन करने वाली पहली एयरलाइन होगी। यह हमारे लिए गर्व की बात है। हमारा यह विस्तार तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र और यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
पीटर एल्बर्स ने यह भी कहा कि यह कदम देश के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक की स्थापना में मदद करेगा और यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करेगा।
अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के सीईओ अरुण बंसल का दृष्टिकोण
एएएचएल के सीईओ अरुण बंसल ने कहा, “इंडिगो के साथ हमारी साझेदारी नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एक ट्रांसफर हब के रूप में विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम मिलकर लाखों यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव को बेहतर बनाएंगे और सुविधा एवं विकल्पों को बढ़ाएंगे।”
अरुण बंसल ने यह भी जोड़ा कि यह साझेदारी एनएमआईए को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण विमानन गेटवे के रूप में मजबूत करेगी।
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की महत्वाकांक्षी योजना
एनएमआईए को भारत के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह अत्याधुनिक सुविधाओं, बेहतर यात्री अनुभव और निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए जाना जाएगा। इसके अलावा, एनएमआईए की रणनीतिक स्थिति और उन्नत बुनियादी ढांचा इसे भारत के वैश्विक हवाई यात्रा नेटवर्क का एक प्रमुख हिस्सा बनाएंगे।
एनएमआईए की शुरुआती क्षमता प्रति वर्ष लगभग 2 करोड़ यात्रियों को सेवा देने और 0.5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कार्गो हैंडलिंग की है। भविष्य में, यह क्षमता बढ़ाकर 9 करोड़ यात्री और 3.2 एमएमटी कार्गो तक पहुंचाने की योजना है।
नवी मुंबई एयरपोर्ट की भूमिका और संभावनाएं
नवी मुंबई एयरपोर्ट का निर्माण मुंबई के मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (CSIA) के भार को कम करने के लिए किया जा रहा है। मुंबई एयरपोर्ट की भीड़ और यातायात की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, इस नए एयरपोर्ट को मुंबई महानगर क्षेत्र के विमानन के लिए सहायक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
यह एयरपोर्ट न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधा देगा, बल्कि व्यापार और कार्गो के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित होगा। एनएमआईए के माध्यम से देश के पश्चिमी क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।
इंडिगो की विस्तार रणनीति
इंडिगो, जो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है, लगातार अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही है। नवी मुंबई एयरपोर्ट से परिचालन शुरू करने का मतलब है कि यह एयरलाइन देश के प्रमुख व्यापारिक और पर्यटन केंद्रों से बेहतर कनेक्टिविटी दे पाएगी।
इंडिगो के पास भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक मार्ग नेटवर्क है और यह नई सुविधा से यात्रियों को बेहतर विकल्प और समय की बचत प्रदान करेगी। यह कदम इंडिगो की रणनीति को और मजबूत करेगा, खासकर बजट एयरलाइन क्षेत्र में।
भारतीय विमानन क्षेत्र का विकास
भारत में विमानन क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। सरकार की नीति और निजी निवेश से भारतीय हवाई यात्रा सुलभ और किफायती हो रही है। आने वाले वर्षों में नई एयरपोर्ट परियोजनाएं और एयरलाइन सेवाएं यात्रियों की संख्या में वृद्धि करेंगी।
नवी मुंबई एयरपोर्ट भी इसी विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मुंबई महानगर और आसपास के इलाकों के लिए बेहतर विमानन समाधान लाएगा।
इंडिगो और अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स का नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से परिचालन शुरू करना भारतीय विमानन क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। यह न केवल यात्रियों के लिए सुविधा और बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा, बल्कि भारत की आर्थिक प्रगति में भी योगदान देगा। आने वाले वर्षों में इस एयरपोर्ट की क्षमता और उड़ानों की संख्या बढ़ने से देश का विमानन परिदृश्य और अधिक प्रभावशाली बनेगा।