प्रियंका गांधी का मोदी सरकार पर हमला: वंदे मातरम् बहस को बंगाल चुनाव से जोड़ा, कहा- सरकार जनता की असली समस्याओं से ध्यान भटका रही
नेशनल डेस्क। लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित विशेष चर्चा के दौरान कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला। प्रियंका ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश की असली समस्याओं से ध्यान हटाकर राजनीतिक लाभ के लिए अतीत से जुड़े मुद्दों को हवा दे रही है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं बल्कि भारत की आज़ादी का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “जब हम वंदे मातरम् कहते हैं तो स्वतंत्रता संघर्ष का इतिहास सामने आ जाता है। यह साहस, सामर्थ्य और नैतिकता का प्रतीक है। ब्रिटिश साम्राज्य भी इस गर्जना के सामने झुक गया था।”
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् 150 वर्षों से देश की आत्मा में बसा हुआ है और यह भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों की गौरवगाथा का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।
बंगाल चुनाव को लेकर सियासी आरोप
प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार इस बहस के जरिए बंगाल चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह मौजूदा कठिनाइयों के समाधान की जगह जनता को अतीत की भावनाओं में उलझाना चाहती है।
उनके अनुसार, “देश आज बेरोजगारी, महंगाई और किसान संकट से जूझ रहा है। लेकिन सरकार इन मुद्दों पर चर्चा करने से बच रही है और वंदे मातरम् की आड़ में राजनीतिक एजेंडा चला रही है।”
“आप चुनाव के लिए हैं, हम देश के लिए”
अपने संबोधन में प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “मोदी जी अब पहले जैसे प्रधानमंत्री नहीं रहे और उनकी नीतियों से देश कमजोर हो रहा है।”
उन्होंने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा:
“आप हमें रोक नहीं सकते। हम देश के लिए लड़ते रहेंगे। चाहे कितने भी चुनाव हार जाएं, संसद में बैठकर आपकी विचारधारा और नीतियों से मुकाबला करते रहेंगे।”
हमारी राय
प्रियंका गांधी के भाषण में स्पष्ट राजनीतिक संदेश था कि कांग्रेस मौजूदा हालात में भी विपक्ष की भूमिका आक्रामक तरीके से निभाना चाहती है। हालांकि वंदे मातरम् का मुद्दा राष्ट्रीय भावना से जुड़ा है, लेकिन इसका राजनीतिक उपयोग चुनावी संदर्भ में होने से बहस स्वाभाविक रूप से तीखी हो जाती है। आने वाले समय में यह विमर्श भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक टकराव को और तेज कर सकता है।