वेटिकन का ऐतिहासिक फैसला—ट्रंप की नीतियों को चुनौती देने वाले रोनाल्ड हिक्स बने न्यूयॉर्क के आर्कबिशप, कार्डिनल डोलन की लेंगे जगहDecember 17, 2025. REUTERS/Ciro De Luca/File
वेटिकन सिटी/न्यूयॉर्क — कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप लियो XIV (Pope Leo XIV) ने अमेरिकी कैथोलिक पदानुक्रम में एक बड़ा और निर्णायक फेरबदल करते हुए बिशप रोनाल्ड हिक्स (Bishop Ronald Hicks) को न्यूयॉर्क का अगला आर्कबिशप नियुक्त किया है। यह नियुक्ति न केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि रोनाल्ड हिक्स को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशासनिक नीतियों, विशेषकर आप्रवासन (Immigration) के मुद्दों पर उनके मुखर विरोध के लिए जाना जाता है।
शिकागो के मूल निवासी और अब तक जोलीट (Joliet), इलिनोइस के बिशप रहे हिक्स, अब कार्डिनल टिमोथी डोलन (Cardinal Timothy Dolan) का स्थान लेंगे, जो अमेरिकी कैथोलिक नेतृत्व में एक प्रमुख रूढ़िवादी (Conservative) चेहरा माने जाते रहे हैं। डोलन के सेवानिवृत्त होने के बाद हिक्स की यह नियुक्ति अमेरिकी चर्च की दिशा में एक बड़े बदलाव का संकेत दे रही है।
ट्रंप प्रशासन के खिलाफ 'बिशप हिक्स' का कड़ा रुख
रोनाल्ड हिक्स का चयन इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि उन्होंने इसी साल की शुरुआत में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा की गई इमिग्रेशन रेड्स (छापेमारी) की कड़ी आलोचना की थी। हिक्स उन कैथोलिक बिशप्स के समूह में शामिल थे जिन्होंने प्रशासन की सख्त आव्रजन कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई थी।
नवंबर का वह संदेश जिसने हिक्स को सुर्खियों में लाया: बीते नवंबर में, हिक्स ने यूएस कॉन्फ्रेंस ऑफ कैथोलिक बिशप्स (USCCB) के एक विशेष संदेश का पुरजोर समर्थन किया था, जिसमें ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन रेड्स की निंदा की गई थी। इन रेड्स का मुख्य केंद्र हिक्स का गृह क्षेत्र शिकागो रहा था।
उस समय कैथोलिक समुदाय से इस संदेश को साझा करने का आग्रह करते हुए हिक्स ने एक भावुक बयान जारी किया था:
"यह संदेश हमारे सभी भाइयों और बहनों के साथ हमारी एकजुटता की पुष्टि करता है, क्योंकि यह हमारी चिंताओं, विरोध और आशाओं को स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ व्यक्त करता है। यह मानव गरिमा के प्रति कैथोलिक सामाजिक शिक्षा की चर्च की स्थायी प्रतिबद्धता और सार्थक आव्रजन सुधार के आह्वान पर आधारित है।"
हिक्स का यह बयान स्पष्ट करता है कि वे सामाजिक न्याय और प्रवासियों के अधिकारों को लेकर चर्च की शिक्षाओं को प्राथमिकता देते हैं, जो कई बार मौजूदा राजनीतिक सत्ता के खिलाफ खड़ा होता है।
कार्डिनल डोलन का जाना और एक युग का अंत
सेवानिवृत्त हो रहे कार्डिनल टिमोथी डोलन अमेरिकी कैथोलिक चर्च में एक भारी-भरकम व्यक्तित्व रहे हैं। उन्हें अक्सर रिपब्लिकन पार्टी और रूढ़िवादी विचारधारा के करीब माना जाता रहा है। डोलन ने कई मौकों पर राजनीतिक नेतृत्व के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश की, लेकिन हिक्स की नियुक्ति यह दर्शाती है कि वेटिकन अब न्यूयॉर्क जैसे प्रमुख आर्चडायस (Archdiocese) के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपना रहा है।
हिक्स का प्रोफाइल:
- मूल: शिकागो, अमेरिका।
- वर्तमान पद: जोलीट, इलिनोइस के बिशप।
- पहचान: प्रवासियों के समर्थक और सामाजिक सुधारों के पक्षधर।
घटनाक्रम का समयचक्र (Timeline)
- साल की शुरुआत: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अमेरिका के कई शहरों, विशेषकर शिकागो में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी (Raids) शुरू की।
- नवंबर: यूएस कॉन्फ्रेंस ऑफ कैथोलिक बिशप्स ने इन छापों की निंदा करते हुए एक विशेष संदेश जारी किया।
- हिक्स का समर्थन: बिशप रोनाल्ड हिक्स ने सार्वजनिक रूप से इस संदेश का समर्थन किया और इसे "मानव गरिमा" का प्रश्न बताया।
- ताजा घटनाक्रम: पोप लियो XIV ने कार्डिनल डोलन के रिटायरमेंट को स्वीकार करते हुए रोनाल्ड हिक्स को न्यूयॉर्क का नया आर्कबिशप घोषित किया।
क्यों मायने रखती है यह नियुक्ति? (Why it Matters)
न्यूयॉर्क का आर्कबिशप होना अमेरिकी कैथोलिक चर्च में सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली पदों में से एक है। यह पद न केवल धार्मिक नेतृत्व प्रदान करता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्च की आवाज भी बनता है।
- वैचारिक बदलाव: डोलन से हिक्स तक का सफर 'कंजरवेटिव' (रूढ़िवादी) से 'प्रोग्रेसिव' (प्रगतिशील) नेतृत्व की ओर बदलाव का संकेत है।
- प्रवासियों के लिए उम्मीद: न्यूयॉर्क प्रवासियों का शहर है। ऐसे में, एक ऐसे आर्कबिशप का आना जो इमिग्रेशन रिफॉर्म्स का समर्थक है, वहां के लाखों आप्रवासी कैथोलिकों के लिए एक बड़ा संबल होगा।
- वेटिकन का संदेश: पोप लियो XIV ने इस नियुक्ति के जरिए शायद यह संदेश देने की कोशिश की है कि चर्च का मिशन "हाशिए पर पड़े लोगों" (Marginalized) के साथ खड़ा होना है, चाहे इसके लिए राजनीतिक शक्तियों से टकराव ही क्यों न हो।
स्थानीय और वैश्विक प्रतिक्रिया
हिक्स की नियुक्ति की खबर आते ही न्यूयॉर्क और शिकागो के कैथोलिक समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां लिबरल कैथोलिक और इमिग्रेशन एडवोकेट्स ने इस फैसले का स्वागत किया है, वहीं रूढ़िवादी धड़े ने दबी जुबान में चिंता जताई है।
एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार, हिक्स को एक "पस्टल" (Pastoral) लीडर के रूप में देखा जाता है जो लोगों के बीच रहना पसंद करते हैं। अब देखना होगा कि वे न्यूयॉर्क की जटिल राजनीति और धार्मिक जिम्मेदारियों के बीच कैसे संतुलन बनाते हैं।
हमारी राय
पोप लियो XIV द्वारा बिशप रोनाल्ड हिक्स को न्यूयॉर्क का आर्कबिशप चुनना एक साहसिक और दूरदर्शी कदम है। ऐसे समय में जब अमेरिका की राजनीति इमिग्रेशन के मुद्दे पर विभाजित है, न्यूयॉर्क जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर एक ऐसे धर्मगुरु की नियुक्ति करना जो "दीवारों के बजाय पुल बनाने" (Building bridges not walls) में विश्वास रखता हो, वेटिकन की स्पष्ट मंशा को दर्शाता है।
The Trending People का मानना है कि यह नियुक्ति केवल एक प्रशासनिक बदलाव नहीं है, बल्कि यह चर्च की प्राथमिकताओं में बदलाव का प्रतीक है। कार्डिनल डोलन का कार्यकाल जहां सत्ता के गलियारों में प्रभाव रखने वाला था, वहीं हिक्स का कार्यकाल सड़कों पर संघर्ष कर रहे लोगों की आवाज बनने की संभावना रखता है। हालांकि, हिक्स के लिए राह आसान नहीं होगी। उन्हें एक तरफ विभाजित अमेरिकी कैथोलिक समाज को एकजुट करना होगा, तो दूसरी तरफ ट्रंप प्रशासन की नीतियों के साथ सैद्धांतिक मतभेदों को भी संभालना होगा। यह नियुक्ति निश्चित रूप से आने वाले समय में चर्च और स्टेट (Church and State) के रिश्तों को पुनर्परिभाषित करेगी।