भोपाल में अब 'सात फेरों' का सबूत मिलेगा घर बैठे—मैरिज सर्टिफिकेट के लिए निगम के चक्कर लगाने से आज़ादी, पूरी प्रक्रिया हुई ऑनलाइन
भोपाल — मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नवविवाहित जोड़ों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अगर आप शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट (Marriage Certificate) बनवाने के लिए नगर निगम दफ्तरों की लंबी लाइनों और बाबुओं के चक्कर लगाने से डर रहे थे, तो अब आप चैन की सांस ले सकते हैं। भोपाल नगर निगम (BMC) ने 'डिजिटल इंडिया' की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए विवाह पंजीयन की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। अब आप अपने घर के सोफे पर बैठकर, चाय की चुस्की लेते हुए अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
नगर निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने हाल ही में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नागरिकों को विवाह पंजीयन की सुगम और पारदर्शी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी जरूरी कदम तुरंत उठाए जाएं।
अब नहीं घिसेंगी चप्पलें: पूरी प्रक्रिया हुई डिजिटल
पहले मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कई बार जोनल ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते थे। कभी दस्तावेज कम होते थे, तो कभी साहब सीट पर नहीं मिलते थे। लेकिन नई व्यवस्था ने इस पूरी भागदौड़ को खत्म कर दिया है।
- डिजिटल सर्टिफिकेट: अब आवेदन से लेकर सर्टिफिकेट प्राप्त करने तक का सफर डिजिटल होगा। सत्यापन (Verification) के बाद आपको एक डिजिटल मैरिज सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जिसे आप दुनिया के किसी भी कोने से ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
- पारदर्शिता: इस कदम से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि दलालों और बिचौलियों की भूमिका भी खत्म हो जाएगी, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।
कमिश्नर की सख्ती और नया रोडमैप
निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने गुरुवार को हुई बैठक में स्पष्ट किया कि प्रशासन का उद्देश्य नागरिकों की सुविधाओं में इजाफा करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों का निपटारा तय समय सीमा के भीतर किया जाए।
कैसे काम करेगा सिस्टम? नई प्रक्रिया के तहत एक ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया गया है। इसमें आवेदक को अपनी शादी से जुड़ी सारी जानकारी (दूल्हा-दुल्हन का नाम, शादी की तारीख, स्थान आदि) भरनी होगी और जरूरी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करने होंगे। इसके बाद का काम नगर निगम के कर्मचारियों का होगा।
सत्यापन की अनोखी प्रक्रिया: अधिकारी आएंगे आपके द्वार?
इस नई व्यवस्था में एक दिलचस्प पहलू 'भौतिक सत्यापन' (Physical Verification) का भी है।
- दस्तावेजों की जांच: जैसे ही आप ऑनलाइन आवेदन करेंगे, संबंधित वार्ड में पदस्थ नगर निगम कर्मचारी आपके द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेजों की जांच करेगा और एक ऑनलाइन 'पंचनामा' तैयार करेगा।
- स्थल सत्यापन: जोनल अधिकारी (ZO) और सहायक स्वास्थ्य अधिकारी (AHO) जरूरत पड़ने पर आवेदक के घर जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे।
- सिर्फ एक बार जाना होगा: प्रक्रिया को इतना सरल बनाया गया है कि मैरिज शाखा के अधिकारी केवल अंतिम हस्ताक्षर या बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए दूल्हा-दुल्हन को एक बार ऑफिस बुला सकते हैं, अन्यथा अधिकांश काम ऑनलाइन ही हो जाएगा।
स्टेप-बाय-स्टेप गाइड: कैसे करें ऑनलाइन आवेदन?
अगर आप भी अपना मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना चाहते हैं, तो इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
- वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले भोपाल नगर निगम की आधिकारिक वेबसाइट www.bmconline.gov.in पर जाएं।
- सिटीजन सर्विस: होमपेज पर आपको 'सिटीजन सर्विसेज' (Citizen Services) का विकल्प मिलेगा, उस पर क्लिक करें।
- फॉर्म भरें: वहां 'मैरिज रजिस्ट्रेशन' (Marriage Registration) का विकल्प चुनें। फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी सही-सही भरें।
- दस्तावेज अपलोड करें: मांगे गए सभी जरूरी दस्तावेजों को स्कैन करें और अपलोड करें।
- फीस जमा करें: दस्तावेज अपलोड होने के बाद आपको 1100 रुपये का ऑनलाइन पेमेंट करना होगा। यह भुगतान नेट बैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड या यूपीआई के जरिए किया जा सकता है।
- डाउनलोड करें: सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको एसएमएस या ईमेल पर सूचना मिलेगी, जिसके बाद आप अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकेंगे।
जरूरी दस्तावेजों की चेकलिस्ट (Documents Checklist)
आवेदन करने से पहले इन दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी तैयार रखें:
- पहचान पत्र: दूल्हा और दुल्हन दोनों के आधार कार्ड।
- माता-पिता की आईडी: वर और वधू दोनों के माता-पिता के आधार कार्ड।
- गवाह: दो गवाहों के आधार कार्ड (आमतौर पर शादी में शामिल करीबी रिश्तेदार)।
- शादी का सबूत: शादी का निमंत्रण कार्ड (Invitation Card)।
- स्थान का प्रमाण: जिस गार्डन, होटल या धर्मल से शादी संपन्न हुई है, वहां का रसीद या प्रमाण पत्र।
- तस्वीरें: शादी की कुछ संयुक्त तस्वीरें।
हमारी राय
भोपाल नगर निगम का यह फैसला निश्चित रूप से एक स्वागत योग्य कदम है। सरकारी दफ्तरों में होने वाली लेटलतीफी और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए 'डिजिटलीकरण' सबसे कारगर हथियार है। 1100 रुपये की फीस देकर घर बैठे सर्टिफिकेट मिलना मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत है।
The Trending People का मानना है कि इस योजना की सफलता इसके क्रियान्वयन (Execution) पर निर्भर करेगी। अक्सर देखा गया है कि सर्वर डाउन होने या अधिकारियों द्वारा सत्यापन में देरी करने से ऑनलाइन सेवाएं भी सिरदर्द बन जाती हैं। निगम प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि 'फिजिकल वेरिफिकेशन' के नाम पर आवेदकों को परेशान न किया जाए और तय समय सीमा में सर्टिफिकेट जारी हो। अगर यह सुचारू रूप से चला, तो यह मॉडल पूरे मध्य प्रदेश के लिए एक नजीर बन सकता है।