वस्त्र क्षेत्र में इनोवेशन बढ़ाने के लिए टेक्स-रैम्प्स योजना को मंजूरी, 305 करोड़ का प्रावधान
नई दिल्ली, 26 नवंबर — भारत सरकार ने गुरुवार को वस्त्र क्षेत्र में रिसर्च, इनोवेशन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए टेक्स-रैम्प्स (Text-RAMPS) योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य देश में टेक्सटाइल सेक्टर को तकनीकी रूप से मजबूत बनाना और इसे भविष्य के लिए तैयार करना है।
305 करोड़ रुपये का कुल बजट, पूरा वित्त पोषण केंद्र से
वस्त्र मंत्रालय के अनुसार, टेक्स-रैम्प्स योजना को वित्त वर्ष 2025–26 से 2030–31 तक लागू किया जाएगा। इस अवधि के लिए सरकार ने 305 करोड़ रुपये का कुल बजट स्वीकृत किया है।
यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना होगी, जिसका पूरा वित्त पोषण वस्त्र मंत्रालय करेगा।
योजना के पांच बड़े घटक
सरकार ने टेक्स-रैम्प्स में पाँच प्रमुख घटक शामिल किए हैं—
- रिसर्च एवं इनोवेशन
- डेटा, विश्लेषण और निदान
- एकीकृत वस्त्र सांख्यिकी प्रणाली
- क्षमता विकास और ज्ञान इको-सिस्टम
- स्टार्ट-अप और इनोवेशन सहायता
ये सभी घटक टेक्सटाइल सेक्टर को आधुनिक तकनीकों, मजबूत डेटा सिस्टम और इनोवेशन सपोर्ट से जोड़ने में मदद करेंगे।
“वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम”—गिरिराज सिंह
केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा,
“टेक्स-रैम्प्स योजना रिसर्च, डेटा और इनोवेशन को एक साथ लाती है, जिससे भारत का वस्त्र सेक्टर तकनीकी रूप से मजबूत होकर वैश्विक स्तर पर नेतृत्व कर सकेगा।”
उन्होंने इसे भारत के टेक्सटाइल इको-सिस्टम को भविष्य के लिए सुरक्षित बनाने की दिशा में निर्णायक कदम बताया।
भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर फोकस
योजना का उद्देश्य है—
- वैश्विक बाजारों में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना
- रिसर्च और इनोवेशन को मजबूत करना
- डेटा-आधारित नीति निर्माण को सशक्त बनाना
- टेक्सटाइल सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़ाना
- राज्यों, उद्योग, अकादमिक संस्थानों और सरकारी एजेंसियों को जोड़ना
सरकार के मुताबिक, टेक्स-रैम्प्स एक लचीला, सक्षम और प्रतिस्पर्धी टेक्सटाइल इको-सिस्टम तैयार करेगा।
Final Thoughts from TheTrendingPeople
टेक्स-रैम्प्स योजना भारत के वस्त्र और परिधान क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, अत्याधुनिक रिसर्च को प्रोत्साहन देने और स्टार्ट-अप्स को सपोर्ट देने से यह योजना उद्योग के लिए नई संभावनाएँ खोलेगी। आने वाले वर्षों में इसका प्रभाव उत्पादन, निर्यात और रोजगार—all तीन स्तरों पर देखने को मिल सकता है।