भारत ने अंतिम लीग मैच में पड़ी जीत, सेमीफाइनल में किया प्रवेश
कोलंबो/नई दिल्ली: टी20 ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप के अंतिम लीग मुकाबले में भारत ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 8 विकेट से करारी शिकस्त देकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में खेले गए इस अहम मुकाबले में भारत की बल्लेबाज अनेखा देवी ने शानदार और विस्फोटक पारी खेलते हुए टीम की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई।
पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 8 विकेट पर 135 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद दमदार रही। सलामी बल्लेबाजों ने तेज रनगति से बल्लेबाजी करते हुए मैच पर शुरुआत से ही पकड़ मजबूत बना ली।
अनेखा देवी की तूफानी पारी: 34 गेंदों पर 64 रन
भारत की तरफ से कठुआ जिले के मशेड़ी गांव की रहने वाली अनेखा देवी ने महज 34 गेंदों पर 64 रन की आतिशी पारी खेलकर पाकिस्तान के गेंदबाजों पर दबाव बना दिया। उनकी पारी में 7 चौके शामिल रहे।
अनेखा के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम ने लक्ष्य को आसान बना दिया और मुकाबला एकतरफा साबित हुआ। शानदार बल्लेबाजी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।
इस वर्ल्ड कप में अनेखा लगातार अपनी टीम के लिए भरोसेमंद प्रदर्शन कर रही हैं और कई महत्वपूर्ण मैचों में टीम को संभाल चुकी हैं।
दिव्यांगता को बनाया ताकत, नहीं बनने दी कमजोरी
अनेखा देवी 75% दृष्टिबाधित हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपनी दिव्यांगता को कमजोरी नहीं माना। बचपन से ही खेलों में रुचि रखने वाली अनेखा ने अपने जुनून और लगन से क्रिकेट को अपना लक्ष्य बनाया।
उनके पिता बिजली विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं, जबकि परिवार में चाचा और चचेरी बहन भी दृष्टिबाधित हैं। मुश्किल हालातों के बावजूद अनेखा ने अपने हौसले को कम नहीं होने दिया और आज देश के लिए विश्व मंच पर चमक रही हैं।
अनेखा का हुनर पहचानने वाले चाचा अजय कुमार
अनेखा की क्रिकेट यात्रा की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उनके चाचा अजय कुमार ने, जो जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के महासचिव हैं।
अजय ने ही अनेखा को 18 वर्ष की उम्र में पेशेवर क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि शुरुआत में अनेखा स्थानीय स्कूल में थी, लेकिन उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें जम्मू के दृष्टिबाधित बच्चों के विशेष स्कूल में दाखिला दिलाया गया।
जम्मू-कश्मीर में महिलाओं की ब्लाइंड क्रिकेट टीम न होने की वजह से अनेखा को पुरुष टीम के साथ प्रशिक्षण लेना पड़ा। कड़ी मेहनत और लगन के बाद आज वह भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
सेमीफाइनल से पहले भारत की बढ़ी उम्मीदें
पाकिस्तान पर emphatic जीत के बाद भारतीय टीम का मनोबल ऊंचा है और सेमीफाइनल के लिए टीम पूरी तरह तैयार दिखाई दे रही है।
अनेखा देवी की फॉर्म भारतीय टीम के लिए बड़ा सकारात्मक संकेत है, खासकर नॉकआउट मैचों से पहले।
टूर्नामेंट विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का टॉप ऑर्डर लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और गेंदबाज भी प्रभावशाली रहे हैं। टीम मैनेजमेंट का मानना है कि यदि खिलाड़ियों का इसी तरह प्रदर्शन जारी रहा, तो भारत के खिताब जीतने की संभावनाएं मजबूत हो जाएंगी।
TheTrendingPeople की राय में
टी20 ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत की यह जीत सिर्फ एक खेल उपलब्धि नहीं, बल्कि दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास और साहस की प्रेरणादायक कहानी है।
अनेखा देवी ने यह साबित किया है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, हुनर और मेहनत के दम पर सपनों को पूरा किया जा सकता है।
ये जीत भारत के खेल इतिहास में दिव्यांग खिलाड़ियों के योगदान को और मजबूत करती है और आने वाली पीढ़ियों को आगे बढ़ने का संदेश देती है।
