नटराजासन: मांसपेशियों को मजबूती देने और संतुलन बढ़ाने का 'नृत्य मुद्रा'
मांसपेशियां हमारे शरीर की हर छोटी-बड़ी गतिविधि, संतुलन और शारीरिक कार्यों के लिए आधार स्तंभ होती हैं। इसलिए, उन्हें स्वस्थ और मजबूत बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। भारतीय योग पद्धति में ऐसे कई प्रभावी आसन हैं, जिनके नियमित अभ्यास से मांसपेशियों को टोन और स्वस्थ रखा जा सकता है।
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा (MDNIY) के अनुसार, ऐसा ही एक बेहतरीन योगासन है नटराजासन (Dancer’s Pose)।
नटराजासन का अर्थ और महत्व
नटराजासन नाम संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है:
- 'नट' (Nata): जिसका अर्थ है नर्तक (Dancer)
- 'राजा' (Raja): जिसका अर्थ है राजा (King)
इस आसन को 'नृत्य के राजा' कहे जाने वाले भगवान शिव के नटराज रूप से प्रेरणा मिली है। यह एक ऐसी मुद्रा है जिसमें साधक एक पैर पर संतुलन बनाकर पूरे शरीर को नृत्य की मुद्रा में ले आता है।
नटराजासन के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ
नटराजासन योग के सबसे प्रभावी आसनों में से एक माना जाता है, जो शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है।
शारीरिक लाभ | मानसिक लाभ |
|---|---|
मांसपेशियों को मजबूती: यह आसन कूल्हों, जांघों, टखनों, कंधों और रीढ़ की हड्डी को सशक्त बनाता है। | एकाग्रता (Concentration): यह आसन ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाता है। |
संतुलन और स्थिरता: नियमित अभ्यास से शरीर का संतुलन बेहतर होता है। | मानसिक शांति: तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है। |
लचीलापन (Flexibility): रीढ़ की हड्डी और जोड़ों के लचीलेपन में वृद्धि होती है। | मन को स्थिर करना: मन को शांत और स्थिर बनाए रखने में सहायक है। |
नटराजासन का अभ्यास कैसे करें?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा (NIY) ने इस आसन के अभ्यास की सरल विधि साझा की है:
- प्रारंभिक स्थिति: सबसे पहले, दोनों पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं।
- संतुलन बनाना: अपने शरीर का पूरा भार बाएं पैर पर डालें और संतुलन (Balance) बनाने का प्रयास करें।
- दाएं पैर को उठाना: अब दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर उठाएं।
- पकड़ना: दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाकर, पीछे से दाएं पैर या टखने को मजबूती से पकड़ लें।
- मुद्रा बनाना: संतुलन बनाए रखते हुए, दाएं पैर को ऊपर की ओर खींचें और शरीर को हल्का सा आगे की तरफ झुकाएं।
- दृष्टि: नजरें सामने किसी एक बिंदु पर स्थिर रखें (यह संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा) और गहरी सांस लेते रहें।
- वापसी: कुछ देर मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक स्थिति में आएं।
- दोहराना: इसी प्रक्रिया को अब बाएं पैर से भी दोहराएं।
किन्हें बरतनी चाहिए एहतियात?
योग विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि नटराजासन का अभ्यास सभी के लिए सरल और फायदेमंद है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में एहतियात बरतनी चाहिए या विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए:
- गर्भवती महिलाएं
- कमर या घुटने में गंभीर दर्द वाले व्यक्ति
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज
- हाल ही में हुई सर्जरी वाले लोग