भारत वैश्विक सम्मान का हकदार: पुतिन का स्वतंत्रता दिवस पर विशेष संदेश
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 – भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत वैश्विक मंच पर मिल रहे सम्मान का “पूरा हकदार” है। पुतिन ने भारत की सामाजिक-आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों की सराहना करते हुए भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी को “गौरवशाली और विशेष” बताया।
घटनाक्रम और आधिकारिक बयान
शुक्रवार सुबह भारत स्थित रूसी दूतावास के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा की गई। इसमें लिखा था—
“व्लादिमीर पुतिन ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं भेजीं।”
अपने संदेश में पुतिन ने कहा:
“भारत ने सामाजिक-आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो सम्मान मिल रहा है, वह उसका हकदार है। भारत वैश्विक मुद्दों के समाधान में सक्रिय योगदान दे रहा है।”
पुतिन ने आगे भारत और रूस के संबंधों पर जोर देते हुए कहा:
“हम अपनी खास और गौरवशाली रणनीतिक साझेदारी को अत्यधिक महत्व देते हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी साझा कोशिशों से हम अलग-अलग क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाएंगे।”
राजदूत डेनिस अलीपोव का संदेश
भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भी एक अलग पोस्ट में भारतीय जनता को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा:
“प्रिय भारतीय मित्रों, 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई! वैश्विक इतिहास के इस संग-ए-मील की वर्षगांठ पर मेरी कामना है कि विकास और जनकल्याण के मार्ग पर अग्रसर भारतीय राष्ट्र की सभी महत्वाकांक्षाएं पूरी हों। जय हिंद। जय रूस।”
पृष्ठभूमि: भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी
भारत और रूस के बीच संबंध दशकों पुराने हैं, जिनकी शुरुआत शीत युद्ध काल से मानी जाती है। रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान, शिक्षा और अंतरिक्ष सहयोग जैसे कई क्षेत्रों में दोनों देशों ने गहरे रिश्ते बनाए रखे हैं।
- रक्षा क्षेत्र: भारत की अधिकांश सैन्य तकनीक और उपकरणों का स्रोत लंबे समय तक रूस रहा है।
- ऊर्जा साझेदारी: परमाणु ऊर्जा और तेल-गैस के क्षेत्र में कई संयुक्त परियोजनाएं चल रही हैं।
- वैज्ञानिक-तकनीकी सहयोग: अंतरिक्ष मिशनों और अनुसंधान परियोजनाओं में रूस का महत्वपूर्ण योगदान है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह संदेश?
- राजनयिक संकेत – पुतिन का बयान भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उसके महत्व की पुष्टि करता है।
- भारत-रूस संबंधों का सुदृढ़ीकरण – ऐसे अवसरों पर भेजे गए संदेश दोनों देशों के बीच विश्वास और साझेदारी को और गहरा करते हैं।
- भूराजनीतिक संदर्भ – ऐसे समय में जब वैश्विक राजनीति में कई ध्रुव उभर रहे हैं, भारत को रूस से मिला यह सार्वजनिक समर्थन रणनीतिक दृष्टि से अहम है।
विशेषज्ञों की राय
अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार डॉ. विनोद शर्मा का कहना है:
“पुतिन का यह संदेश केवल एक औपचारिक बधाई नहीं है, बल्कि यह भारत की वैश्विक स्थिति को मान्यता देने का प्रतीक है। आने वाले वर्षों में भारत-रूस संबंध नए क्षेत्रों में विस्तार पा सकते हैं।”
विदेश नीति विशेषज्ञ अनिता देसाई का मानना है:
“इस बयान का महत्व इसलिए भी है क्योंकि रूस इस समय पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण संबंधों में है, ऐसे में भारत के साथ मजबूत साझेदारी रूस के लिए भी रणनीतिक लाभ देती है।”
स्थानीय और राष्ट्रीय प्रभाव
- स्थानीय स्तर पर – भारत में यह संदेश कूटनीतिक संबंधों में मजबूती और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ते प्रभाव का संकेत देता है।
- राष्ट्रीय स्तर पर – यह दर्शाता है कि भारत की नीतियां और उपलब्धियां केवल घरेलू स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी मान्यता पा रही हैं।
TheTrendingPeople.com की अंतिम टिप्पणी
भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का अवसर नहीं है, बल्कि यह उस अंतरराष्ट्रीय पहचान का भी प्रतीक है जो भारत ने अपनी मेहनत, प्रगति और योगदान से अर्जित की है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन का संदेश इस बात की पुष्टि करता है कि भारत आज न केवल दक्षिण एशिया, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में भी एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित हो चुका है।