आंखों की थकान से राहत का आसान उपाय: आयुष मंत्रालय ने बताया 'आई पामिंग' का फायदाImage via Pexels
बढ़ती स्क्रीन टाइम की समस्या
आज के डिजिटल युग में कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप और टीवी हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं।
ऑफिस में घंटों स्क्रीन के सामने बैठना या घर पर लंबे समय तक मोबाइल और टीवी देखना अब आम बात हो गई है।
परिणामस्वरूप, आंखों में जलन, लालिमा, सूखापन और भारीपन जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सब स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light) और लंबे समय तक फोकस करने के कारण होता है।
इसी समस्या के समाधान के रूप में अब भारत सरकार का आयुष मंत्रालय एक बेहद सरल और प्राचीन तकनीक — ‘आई पामिंग’ (Eye Palming) — की सलाह दे रहा है।
आयुष मंत्रालय की सिफारिश
आयुष मंत्रालय ने हाल ही में जारी दिशानिर्देशों में कहा है कि “आई पामिंग आंखों की थकान को दूर करने का सबसे आसान और प्रभावी उपाय है।”
यह एक प्राचीन योग तकनीक है, जो बिना किसी दवा, उपकरण या खर्च के आंखों को तुरंत राहत देती है।
मंत्रालय के अनुसार, नियमित अभ्यास से —
- आंखों की थकी हुई मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं,
- सिरदर्द और माथे का भारीपन कम होता है,
- स्क्रीन की नीली रोशनी से होने वाला तनाव घटता है,
- और नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है।
'आई पामिंग' करने का सही तरीका
आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाया गया तरीका बेहद आसान है और किसी भी उम्र का व्यक्ति इसे कर सकता है।
आप घर, ऑफिस या यात्रा के दौरान भी इसे कर सकते हैं।
कदम-दर-कदम प्रक्रिया:
- आराम से सीधे बैठें।
- दोनों हथेलियों को रगड़ें।
- आंखें बंद करें।
- हथेलियों को आंखों पर रखें।
- गहरी सांस लें।
- 1 से 5 मिनट तक इसी स्थिति में रहें।
कब और कितनी बार करें
- दिन में 3–4 बार ‘आई पामिंग’ करने से आंखों की सेहत में स्पष्ट सुधार देखा जा सकता है।
- ऑफिस में लंबे काम के बीच ब्रेक टाइम में,
- बच्चों के लिए पढ़ाई के बाद,
- और रात को सोने से पहले यह अभ्यास किया जा सकता है।
नियमित अभ्यास से आंखों की थकान और सूखापन धीरे-धीरे कम हो जाता है।
आई पामिंग के फायदे
आयुष मंत्रालय और योग विशेषज्ञों के अनुसार, ‘आई पामिंग’ सिर्फ आंखों के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी फायदेमंद है।
प्रमुख लाभ:
- आंखों की मांसपेशियों में रिलैक्सेशन आता है।
- सिरदर्द और तनाव में राहत मिलती है।
- आंखों की रोशनी बनाए रखने में मददगार।
- नींद की गुणवत्ता में सुधार।
- लंबे समय तक काम करने पर आंखों के जलने और सूखने की समस्या कम होती है।
डॉक्टरों के अनुसार, यह एक 100% सुरक्षित योग तकनीक है, जिसे बच्चे, बुजुर्ग और सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय
दिल्ली स्थित योग विशेषज्ञ डॉ. नेहा बंसल बताती हैं —
“आई पामिंग एक प्राकृतिक हीलिंग प्रोसेस है।
यह आंखों के आसपास की मांसपेशियों को आराम देती है और स्क्रीन से होने वाले स्ट्रेस को तुरंत कम करती है।”
वहीं, आयुष मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा —
“डिजिटल जीवनशैली के इस दौर में आंखों की सेहत के लिए प्राकृतिक योग उपायों की आवश्यकता बढ़ गई है।
आई पामिंग एक सरल लेकिन प्रभावी अभ्यास है, जो आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।”
सोशल मीडिया पर बढ़ता ट्रेंड
हाल के दिनों में #EyePalming और #HealthyEyes जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहे हैं।
कई योग प्रशिक्षक और फिटनेस इन्फ्लुएंसर अपने वीडियो में दिखा रहे हैं कि कैसे 2–3 मिनट की ‘आई पामिंग’ आंखों को तुरंत तरोताजा कर देती है।
लोग इसे “डिजिटल डिटॉक्स फॉर आइज” भी कह रहे हैं।
लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करना आज की जरूरत है, लेकिन इससे होने वाले दुष्प्रभावों से बचाव भी उतना ही जरूरी है।
‘आई पामिंग’ एक ऐसी सस्ती, सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से मान्य तकनीक है, जो बिना किसी दवा या उपकरण के आंखों को राहत देती है।
TheTrendingPeople.com की राय में:
आधुनिक जीवनशैली में ‘आई पामिंग’ जैसी योग तकनीकें न केवल आंखों की सेहत सुधारने में मदद करती हैं, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करती हैं।
आयुष मंत्रालय की यह पहल इस बात की याद दिलाती है कि स्वास्थ्य के लिए समाधान हमेशा सरल होते हैं — बस अपनाने की जरूरत है।