पीएम मोदी का अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का ऐलान, व्यापारियों ने किया स्वागत
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 – स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए जीएसटी प्रणाली में व्यापक सुधारों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस दिवाली देशवासियों को “दोहरी दिवाली” का तोहफा मिलेगा, क्योंकि आम घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी दरों में भारी कटौती की जाएगी।
इस घोषणा का देशभर के व्यापारिक संगठनों ने स्वागत किया है। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट परमजीत सिंह पम्मा ने इसे “व्यापारियों के लिए राहत भरा कदम” बताया।
घोषणा का विवरण और प्रमुख बिंदु
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“इस दिवाली, मैं आपके लिए दोहरी दिवाली मनाने जा रहा हूं। देशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है, आम घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी में भारी कटौती होगी। जीएसटी दरों में कमी समय की मांग है और आम लोगों के लिए कर कम किया जाएगा।”
पीएम मोदी ने यह भी जोर दिया कि अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पाद खरीदने की आदत विकसित करनी चाहिए, जिससे स्थानीय उद्योग और रोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा।
व्यापारियों की प्रतिक्रिया
परमजीत सिंह पम्मा ने TheTrendingPeople.com से बातचीत में कहा:
“जीएसटी में सुधार होना एक अच्छा कदम है। मौजूदा समय में टैक्स की दरें 5% से लेकर 28% के बीच हैं, जिससे व्यापारियों को परेशानी होती है। जीएसटी रिफॉर्म हमेशा से हमारी मांग रही है और पीएम मोदी के इस ऐलान का हम स्वागत करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि दरों में कटौती से घरेलू व्यापार को मजबूती मिलेगी और विदेशी सामान के साथ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता बढ़ेगी।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार संदर्भ
अमेरिकी टैरिफ पर प्रतिक्रिया देते हुए पम्मा ने कहा:
“हमारे देश के पास बहुत बड़ा बाजार है। हमें किसी देश में माल बेचने के लिए जाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, यहां के बाजारों के लिए कुछ सुधार लागू करने की आवश्यकता है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब वैश्विक स्तर पर व्यापारिक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और भारत घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत बदलाव कर रहा है।
पृष्ठभूमि: जीएसटी का आठ साल का सफर
- लॉन्च वर्ष: 2017
- उद्देश्य: विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत कर एक ही टैक्स प्रणाली लागू करना
- मुख्य लाभ: व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business) में सुधार, कर अनुपालन की प्रक्रिया सरल
- चुनौतियां: कई दरों की जटिलता, छोटे व्यापारियों पर अनुपालन का दबाव, समय-समय पर दरों में असंतुलन
आठ वर्षों में जीएसटी भारत के कर ढांचे का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, लेकिन दरों और प्रक्रियाओं में सुधार की मांग लगातार बनी रही। पीएम मोदी का यह ऐलान उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
क्यों अहम है यह ऐलान?
- घरेलू उपभोग में वृद्धि – दरों में कटौती से आम उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुएं सस्ती होंगी।
- व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में सुधार – विदेशी उत्पादों के मुकाबले भारतीय वस्तुओं की कीमत और गुणवत्ता में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
- आर्थिक गति – त्योहारों के मौसम में मांग बढ़ने से उत्पादन और रोजगार दोनों में इजाफा होगा।
विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्री डॉ. अर्चना गुप्ता का कहना है:
“जीएसटी दरों में कमी से उपभोक्ताओं और उद्योग दोनों को फायदा होगा। यह कदम अल्पावधि में खपत बढ़ाएगा और दीर्घावधि में उत्पादन व निवेश को प्रोत्साहित करेगा।”
वहीं, कर विशेषज्ञ संजय अग्रवाल ने कहा:
“दर सुधार के साथ-साथ अनुपालन प्रक्रिया को भी सरल बनाना जरूरी है, तभी इसका अधिकतम लाभ छोटे व्यापारियों तक पहुंचेगा।”
स्थानीय और राष्ट्रीय असर
- स्थानीय स्तर पर: खुदरा व्यापार में रौनक, छोटे दुकानदारों की बिक्री में संभावित बढ़ोतरी।
- राष्ट्रीय स्तर पर: जीडीपी वृद्धि दर में सकारात्मक योगदान, राजस्व में अल्पावधि कमी लेकिन दीर्घावधि में बढ़ी खपत से संतुलन।
TheTrendingPeople.com की अंतिम टिप्पणी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीएसटी सुधारों का ऐलान केवल कर दरों में कमी का मामला नहीं है, बल्कि यह देश की आर्थिक संरचना को सरल और प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले महीनों में यह देखने लायक होगा कि इन सुधारों का असर खुदरा बाजार, उद्योग और उपभोक्ताओं पर किस तरह से पड़ता है।