प्रो कबड्डी सीज़न 12 में जयपुर पिंक पैंथर्स के लिए चुने गए उदय पाटे: सिवनी से प्रोफेशनल कबड्डी तक का सफरफोटो : IANS
सिवनी, मध्य प्रदेश: प्रो कबड्डी लीग (PKL) सीज़न 12 की नीलामी में जब उदय पाटे का नाम गूंजा और वह कैटेगरी D के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी बनकर सामने आए, तो 23 वर्षीय इस युवा के लिए यह एक भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण बन गया।
"उस वक्त दिमाग में कुछ नहीं चल रहा था, बस सबकुछ महसूस कर रहा था," उदय ने उस पल को याद करते हुए कहा, जब जयपुर पिंक पैंथर्स ने उन्हें अपने स्क्वाड में शामिल किया।
भाई की राह पर चला और बना प्रोफेशनल रेडर
उदय का कबड्डी सफर किसी अकादमी से नहीं, बल्कि उनके बड़े भाई से प्रेरित होकर शुरू हुआ।
"मेरे बड़े भाई कबड्डी खेलते हैं, वहीं से मैं भी उनके साथ मैदान पर गया," उन्होंने बताया।
जहां ज्यादातर खिलाड़ी बचपन से ट्रेनिंग लेते हैं, वहीं उदय ने कबड्डी 17 साल की उम्र में शुरू की जब वह स्कूल में थे। उन्होंने स्थानीय स्तर पर खेलते हुए 2021 में जूनियर नेशनल में अपनी छाप छोड़ी, जिसके बाद उन्हें अकादमी में जगह मिली और ऑल इंडिया टूर्नामेंट्स में खेलने का मौका मिला।
नीलामी में सपना हुआ पूरा
नीलामी के दिन जयपुर पिंक पैंथर्स ने उदय पर विश्वास जताया—जो खुद उनकी पसंदीदा टीम रही है।
"टीम ने मुझ पर बहुत विश्वास दिखाया है, तो अब मुझे अच्छा खेलना ही पड़ेगा," उदय ने कहा।
नीलामी के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने पिता और कोच महेश गौड़ को फोन किया। महेश गौड़, जो खुद बंगाल वॉरियर्स, पटना पाइरेट्स और यूपी योद्धा जैसे टीमों के लिए खेल चुके हैं, ने उदय को प्रोफेशनल लेवल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।
कोचिंग स्टाफ और सीनियर खिलाड़ियों से मिला आत्मविश्वास
नीलामी के करीब 20 दिन बाद उदय की मुलाकात हेड कोच नरेंद्र रेडू से हुई। कोच ने उन्हें खुलकर खेलने और खुद पर भरोसा रखने की सलाह दी।
"हेड कोच बहुत मोटिवेट करते हैं। उन्होंने कहा कि वो मुझ पर बहुत भरोसा करते हैं और जैसा खेलता हूं, वैसे ही खेलते रहूं।"
टीम में मौजूद सीनियर खिलाड़ी जैसे नितिन रावल और नितिन कुमार धनकर उन्हें जरूरी मार्गदर्शन दे रहे हैं।
"सभी सीनियर्स बहुत अच्छे हैं, उनका अनुभव हमें काफी कुछ सिखाता है। वह बताते हैं कि कब क्या करना है और कैसे सुधार करना है।"
प्रो कबड्डी डेब्यू: एक सपने की शुरुआत
अब जब उदय पाटे PKL सीजन 12 में जयपुर पिंक पैंथर्स की जर्सी पहनकर मैट पर उतरेंगे, तो यह सिर्फ उनका व्यक्तिगत डेब्यू नहीं होगा—यह उन हजारों छोटे शहरों के युवाओं के लिए एक प्रेरणा होगी, जो छोटे मैदानों से बड़े मंच तक पहुंचने का सपना देखते हैं।
"बस भगवान का नाम लेकर मेहनत करता हूं और अच्छा खेलने की कोशिश करता हूं," उन्होंने अपने डेब्यू के लिए अपनी सोच को संक्षेप में बताया।