संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस की बड़ी मांगें: जयराम रमेश ने इन मुद्दों पर चर्चा पर जोर दिया
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को घोषणा की कि 21 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर कम से कम दो दिनों की चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन मांगों को लेकर कोई समझौता नहीं होगा, और विपक्ष यह भी मांग करेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आकर इन विषयों पर जवाब दें। रमेश ने जोर देकर कहा कि संसद में गतिरोध टालने और कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की नहीं, बल्कि सरकार की है। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से आरंभ हो रहा है और 21 अगस्त तक कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं।
विपक्ष की मुख्य मांगें: इन मुद्दों पर चाहते हैं चर्चा
जयराम रमेश ने 'पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमारी दो मुख्य मांगें हैं। यह सिर्फ कांग्रेस की मांग नहीं है, बल्कि इंडिया ‘जनबंधन' इससे सहमत है। जिन मुद्दों को उठाने की बात हम कर रहे हैं, उनसे पीछे नहीं हटा जा सकता और कोई समझौता नहीं हो सकता।'' उन्होंने जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की मांग की है, वे इस प्रकार हैं:
- पहलगाम आतंकी हमला: रमेश ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के हमलावर आज भी न्याय के कटघरे में नहीं लाए गए हैं, जिस पर सरकार को जवाब देना चाहिए।
- 'ऑपरेशन सिंदूर' पर खुलासे: 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में तीन वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने कुछ खुलासे किए हैं। कांग्रेस इस पर सरकार से हकीकत और उसके रुख के बारे में जानना चाहती है। रमेश ने सवाल किया कि क्या पहलगाम और 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में करगिल युद्ध के बाद की तरह ही कोई विश्लेषण किया जाएगा।
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रुकवाने संबंधी बार-बार दावे किए हैं। रमेश ने कहा कि ट्रंप ने 66 दिन में 23 बार यह बात दोहराई है कि उन्होंने युद्ध रुकवाया, और प्रधानमंत्री को इस पर संसद में साफ शब्दों में जवाब देना होगा।
- चीन का मुद्दा: चीन से संबंधित विभिन्न मुद्दे, जिनमें सीमा विवाद और अन्य रणनीतिक पहलू शामिल हैं, पर भी चर्चा की मांग की गई है।
बिहार में 'वोटबंदी' का गंभीर आरोप
देश की विदेश नीति और सुरक्षा के मुद्दों के अलावा, रमेश ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया - बिहार में जारी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)। उन्होंने इसे 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया और आरोप लगाया कि बिहार में 'वोटबंदी' के माध्यम से लाखों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी, अब बिहार में वोटबंदी की जा रही है।'' उन्होंने दावा किया कि 'एसआईआर' (SIR) के इशारे पर निर्वाचन आयोग लोकतंत्र पर तोप चला रहा है। रमेश ने कहा, ‘‘आयोग के कंधे पर तोप रखकर चलायी जा रही है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। इस विषय पर सभी दल चिंतित हैं।'' कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, ‘‘एसआईआर का मकसद लोगों के मताधिकार छीनना है। यह हम नहीं कह रहे हैं। यह पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है...यह षड्यंत्र है। यह जानबूझकर किया जा रहा है। यह हमारे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की सुनियोजित रणनीति है।''
जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग
रमेश ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किए जाने का मुद्दा भी उठेगा। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि किसी पूर्ण राज्य को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया जाए।'' राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को खत लिखकर मांग की है कि इसी सत्र में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए विधेयक लाया जाए। कांग्रेस ने इस मांग का समर्थन करने की बात कही है।
'इंडिया' गठबंधन की एकजुटता और भाजपा पर कटाक्ष
रमेश ने शनिवार शाम होने वाली 'इंडिया' गठबंधन की ऑनलाइन बैठक का हवाला देते हुए कहा कि यह गठबंधन एकजुट है। उन्होंने कहा कि बैठक में राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता शामिल होंगे और आने वाले दिनों में दिल्ली में वे भी मिलेंगे।
विपक्षी गठबंधन की एकजुटता पर भाजपा द्वारा सवाल किए जाने को लेकर रमेश ने भाजपा पर ही पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘‘नड्डा साहब के बाद अब तक भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त क्यों नहीं हुआ है। हर विषय पर प्रवचन देने वाले भाजपा के एक सांसद ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व नहीं हो तो भाजपा को 150 सीटें नहीं मिलेंगी। भाजपा में क्या हो रहा है? भाजपा और आरएसएस के बीच क्या हो रहा है? उस पर भाजपा के लोगों को चिंतित होने की जरूरत है।'' उन्होंने आगे यह भी कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस में क्या तनाव है? ‘नंबर एक' और ‘नवंबर दो' में क्या तनाव है, ‘नंबर दो' और ‘नवंबर तीन' में क्या तनाव है? इस पर आप (भाजपा) चिंता करिये..इंडिया ‘जनबंधन' एकजुट है।''