कॉफी के स्वास्थ्य लाभ: एक विस्तृत विश्लेषण
नई दिल्ली: कॉफी दुनियाभर में लोगों की पसंदीदा पेय रही है। बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं जिनके दिन की शुरुआत कॉफी के साथ होती है और दिनभर में 3-4 कप कॉफी पी जाते हैं। कॉफी सेहत के लिए फायदेमंद है या हानिकारक, इसको लेकर लंबे समय से चर्चा होती रही है। इसके अध्ययनों के परिणाम भी मिले-जुले हैं। हालांकि, कुछ शोध इस तरफ इशारा करते हैं कि कॉफी का अगर संयमित मात्रा में सेवन किया जाता है तो इससे मौत के खतरे को कम किया जा सकता है।
पिछले वर्षों में कई वैज्ञानिक अध्ययनों में दावा किया गया है कि कॉफी पीना सेहत को कई प्रकार से लाभ दे सकता है, इतना ही नहीं इससे गंभीर बीमारियों से मौत का खतरा भी कम हो सकता है।
कॉफी पीने से कम होता है असमय मृत्यु का खतरा
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन (2015) में पाया गया कि दिन में 3 से 4 कप कॉफी पीने वाले लोगों में कई प्रकार की बीमारियों के कारण असमय मृत्यु का खतरा 15% तक कम हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, नियमित रूप से कॉफी पीने वाले लोगों में हृदय रोग, स्ट्रोक, टाइप-2 डायबिटीज और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों (जैसे पार्किंसंस और अल्जाइमर) से मृत्यु का जोखिम कम पाया गया।
अध्ययनकर्ताओं ने यह भी बताया कि पूरे दिन की खपत की तुलना में सुबह की कॉफी का सेवन ज्यादा बेहतर परिणाम दे सकता है। इसके अलावा, कॉफी का सेवन अगर दूध और चीनी के बिना किया जाए तो यह ज्यादा प्रभावी हो सकती है, क्योंकि अतिरिक्त चीनी और वसा इसके संभावित लाभों को कम कर सकते हैं।
अध्ययनों में क्या पता चला? कॉफी में मौजूद लाभकारी यौगिक
शोधकर्ताओं ने पाया कि कॉफी में कई बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- एंटीऑक्सीडेंट्स: कॉफी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो शरीर में इंफ्लेमेशन (सूजन) को कम करते हैं और कोशिकाओं को क्षति से बचाने में मदद करते हैं।
- कैफीन: यह एक उत्तेजक है जो सतर्कता बढ़ाता है और संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार कर सकता है।
- क्लोरोजेनिक एसिड: यह एक पॉलीफेनोल है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
ये यौगिक शरीर में मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में सहायक होते हैं। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध की रिपोर्ट से पता चलता है कि लिवर, हार्ट, मेटाबॉलिज्म और मस्तिष्क सभी के लिए कॉफी फायदेमंद है, लेकिन इसके लाभ तभी मिलते हैं जब इसमें कोई एडिटिव जैसे दूध या चीनी न मिलाया जाए।
हृदय रोगों का कम होता है खतरा
शोधकर्ताओं ने बताया कि मध्यम मात्रा में कॉफी का सेवन, विशेष रूप से फिल्टर्ड कॉफी, हृदय रोग के जोखिमों को कम करने में सहायक है। यह संभवतः कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य लाभकारी यौगिकों की उपस्थिति के कारण होता है जो सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। रक्त वाहिकाओं के कार्य को बेहतर बनाने में भी कॉफी के सेवन को लाभकारी पाया गया है, जिससे हृदय प्रणाली स्वस्थ रहती है। हालांकि, यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अत्यधिक कॉफी का सेवन, विशेष रूप से अनफिल्टर्ड कॉफी (जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले यौगिकों को बरकरार रख सकती है), संभावित रूप से नकारात्मक असर डाल सकता है।
मधुमेह और लिवर स्वास्थ्य में लाभप्रद
अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ब्लैक कॉफी पीने से मधुमेह के विकसित होने या फिर जिन लोगों को पहले से ही यह दिक्कत है, उसे नियंत्रित करने में लाभ मिल सकता है। कॉफी की प्रतिक्रिया में शरीर अधिक इंसुलिन का उत्पादन करता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। हालांकि, ध्यान रखें कि इसका संयमित मात्रा में ही सेवन किया जाना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक सेवन से विपरीत प्रभाव भी पड़ सकते हैं।
इसी तरह, ब्लैक कॉफी लिवर की सफाई में मदद करती है और लिवर सिरोसिस, फैटी लिवर और हेपेटाइटिस जैसे रोगों से बचाव कर सकती है। कॉफी में मौजूद यौगिक लिवर एंजाइमों को प्रभावित कर सकते हैं और लिवर को क्षति से बचा सकते हैं।
कितनी कॉफी पीना सुरक्षित?
अमर उजाला से बातचीत में आहार विशेषज्ञ पारुल शर्मा ने बताया कि दिन में 2 से 4 कप कॉफी (लगभग 200–400 mg कैफीन) को सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है। यह मात्रा अधिकांश वयस्कों के लिए बिना किसी नकारात्मक प्रभाव के लाभकारी हो सकती है। हालांकि, इससे अधिक मात्रा में कैफीन नुकसानदायक हो सकता है और बेचैनी, नींद न आना, दिल की धड़कन बढ़ने जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कैफीन के प्रति संवेदनशील लोगों में कॉफी बेचैनी, दिल की धड़कन बढ़ने जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है, इसलिए उन्हें अपनी मात्रा का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
निष्कर्ष
कॉफी न केवल थकान दूर करती है, बल्कि संतुलित मात्रा में सेवन करने पर यह जीवन की गुणवत्ता बढ़ा सकती है। यह दिल, मस्तिष्क, लिवर और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डाल सकती है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि अत्यधिक कैफीन कई प्रकार से नुकसानदायक हो सकती है, और प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सहनशीलता के अनुसार इसका सेवन करना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित है।
स्रोत:
- Coffee consumption and all-cause and cause-specific mortality: a meta-analysis by potential modifiers (हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अध्ययन, 2015)
- जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध रिपोर्ट
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