लखनऊ: 15 साल से पुराने व अनफिट स्कूल वाहनों पर सख्ती, 300 स्कूलों को नोटिस
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में परिवहन विभाग ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब 15 साल से पुराने और अनफिट स्कूल वाहनों पर सख्ती शुरू कर दी गई है। सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) प्रशासन ने जिले के करीब 300 स्कूलों को नोटिस भेजा है और स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि नियमों का उल्लंघन हुआ तो स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह पहल बच्चों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जिलाधिकारी के निर्देश के बाद शुरू हुई कार्रवाई
परिवहन विभाग द्वारा यह कार्रवाई जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देशों के बाद शुरू की गई है। चार जुलाई को हुई परिवहन यान सुरक्षा समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने स्कूलों में चल रहे जर्जर व पुराने वाहनों पर तत्काल कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के अनुपालन में, गुरुवार को एआरटीओ प्रशासन द्वारा यह नोटिस जारी किया गया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी अनफिट वाहन स्कूली बच्चों को ले जाने के लिए उपयोग न किया जाए।
कंडम वाहन हटाने का निर्देश
जारी किए गए नोटिस में सभी स्कूल प्रबंधकों को जुलाई के अंत तक 15 साल से अधिक पुराने सभी कंडम वाहनों का पंजीकरण निरस्त कराने का निर्देश दिया गया है। यह समय सीमा स्कूलों को अपने वाहन बेड़े को अपडेट करने और सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए दी गई है। इसके साथ ही, विद्यालयों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे हर महीने परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक अपने स्तर पर आयोजित करें। इन बैठकों का उद्देश्य स्कूल स्तर पर वाहन सुरक्षा मानकों की नियमित समीक्षा करना और किसी भी संभावित खतरे को समय रहते पहचानना है।
प्राइवेट वाहनों की जानकारी अनिवार्य
परिवहन विभाग ने स्कूल प्रशासन पर एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी डाली है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर किसी विद्यालय में बच्चों को निजी वाहनों से लाया और ले जाया जा रहा है, तो विद्यालय प्रशासन को 7 दिनों के भीतर वाहन संख्या, प्रकार और फोटो सहित विस्तृत जानकारी परिवहन विभाग और जिला विद्यालय निरीक्षक को उपलब्ध करानी होगी। यह कदम निजी वाहनों की सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि यह पता चल सके कि कौन से वाहन बच्चों को स्कूल ला रहे हैं और ले जा रहे हैं।
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
एआरटीओ प्रशासन के पीके सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत लखनऊ के करीब 300 स्कूलों को नोटिस भेजा गया है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर नोटिस के बावजूद अनफिट वाहन चलते पाए गए, तो न केवल ऐसे वाहनों को सीज किया जाएगा, बल्कि संबंधित विद्यालय प्रबंधन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कड़ी चेतावनी का उद्देश्य स्कूल प्रबंधनों को नियमों का पालन करने और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए बाध्य करना है।
लखनऊ में परिवहन विभाग द्वारा 15 साल से पुराने और अनफिट स्कूल वाहनों पर की जा रही यह सख्ती एक सराहनीय कदम है। यह पहल स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, परिवहन नियमों का पालन करवाने और स्कूल प्रबंधन की जवाबदेही तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जिलाधिकारी के निर्देशों के बाद शुरू हुई यह कार्रवाई, बच्चों के लिए सुरक्षित परिवहन व्यवस्था बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।