छत्तीसगढ़ में डिजिटल संचार को सशक्त बनाने के लिए 400 नए बीएसएनएल टावर: केंद्र सरकार की पहल
रायपुर, छत्तीसगढ़: केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों में डिजिटल संचार को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रही है। इस पहल के तहत, राज्य में 400 नए बीएसएनएल (BSNL) टावर लगाए जाएंगे, जिससे इन क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। यह जानकारी ग्रामीण विकास और दूरसंचार राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने रायपुर में दी, जहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनका स्वागत किया।
दूरसंचार विस्तार: अंतिम गांव तक कनेक्टिविटी का लक्ष्य
डॉ. शेखर ने अधिकारियों के साथ हुई बैठक में बताया कि इन 400 टावरों की स्थापना के लिए सुरक्षा बलों और वन विभाग से आवश्यक मंज़ूरी मिलने के बाद चरणबद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने इस योजना के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "बीएसएनएल आज देश में उच्च गुणवत्ता की 4जी सेवाएं दे रहा है, और इस विस्तार के साथ हम देश के अंतिम गांव तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचाने के मिशन को साकार कर रहे हैं।" यह पहल डिजिटल इंडिया के विजन को जमीनी स्तर पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक और योजनाओं का क्रियान्वयन
डॉ. शेखर ने रायपुर में आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ग्रामीण विकास विभाग, डाक विभाग, दूरसंचार विभाग और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य केंद्र सरकार की विभिन्न ग्रामीण विकास और दूरसंचार योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करना था।
बैठक के दौरान मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) जैसी योजनाओं के तेज़ और प्रभावशाली क्रियान्वयन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं ग्रामीण आधारभूत संरचना और आवास क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन ला रही हैं, जिससे ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
महिला सशक्तिकरण के लिए नवाचार: 'पिंक ऑटो' पहल
राज्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ‘पिंक ऑटो' जैसे नवोन्मेषी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत महिलाओं को स्वामित्व वाले पिंक ऑटो प्रदान किए जा रहे हैं। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बना रही है, बल्कि उन्हें सुरक्षित परिवहन के अवसर भी प्रदान कर रही है। उन्होंने इस पहल को अन्य राज्यों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बताया।
डॉ. शेखर ने यह भी उल्लेख किया कि स्वसहायता समूहों को विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उन्हें वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और विपणन अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।
छत्तीसगढ़ में 400 नए बीएसएनएल टावरों की स्थापना की योजना, ग्रामीण विकास योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और महिला सशक्तिकरण के लिए 'पिंक ऑटो' जैसी अभिनव पहलें राज्य में समग्र विकास और डिजिटल समावेशन के प्रति केंद्र और राज्य सरकारों की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। ये प्रयास न केवल दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाएंगे, बल्कि ग्रामीण आबादी, विशेषकर महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगे, जिससे छत्तीसगढ़ 'विकसित भारत' के लक्ष्य की ओर अग्रसर होगा।