केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ELI और RDI योजनाओं को मंजूरी दी: 3.5 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दे दी है, जिनमें 'रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना' (Employment Linked Incentive - ELI) सबसे प्रमुख है। इस महत्वपूर्ण कदम का लक्ष्य देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करना, रोजगार क्षमता बढ़ाना और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है। सरकार का मकसद इस योजना के तहत अगले दो सालों में 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी देना है, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
ELI योजना: रोजगार सृजन का नया अध्याय
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि ELI योजना का मुख्य फोकस मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर रहेगा। यह योजना देश में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाती है।
पहली बार नौकरी करने वालों को मिलेगी सब्सिडी: इस स्कीम के तहत पहली बार नौकरी करने वालों को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार उन्हें एक महीने के वेतन के बराबर सब्सिडी प्रदान करेगी, जो अधिकतम 15,000 रुपये तक होगी। यह सब्सिडी सीधे कंपनियों को दी जाएगी। यह सब्सिडी दो किस्तों में मिलेगी:
- पहली किस्त: छह महीने की नौकरी पूरी होने पर दी जाएगी।
- दूसरी किस्त: 12 महीने की नौकरी पूरी होने पर दी जाएगी।
यह प्रावधान उन लोगों को काफी मदद देगा जिन्हें अपनी पहली नौकरी ढूंढने में अक्सर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह नए कर्मचारियों को कार्यबल में शामिल होने और लंबे समय तक बने रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
बड़ा बजट और महत्वाकांक्षी लक्ष्य: वैष्णव ने बताया कि इस योजना के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपये का खर्च निर्धारित किया गया है, और इसका उद्देश्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को बढ़ावा देना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्कीम सभी संबंधित पक्षों से चर्चा के बाद तैयार की गई है और इसका ऐलान बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था, जो इसकी व्यापक योजना और महत्व को दर्शाता है।
'सस्टेन एम्प्लॉयमेंट' के लिए भी सपोर्ट: ELI योजना के दो मुख्य हिस्से हैं: 'फर्स्ट टाइमर' (पहली बार नौकरी करने वाले) और 'सस्टेन एम्प्लॉयमेंट' (रोजगार को बनाए रखने वाले)। 'सस्टेन एम्प्लॉयमेंट' के तहत सरकार अगले दो सालों तक हर कर्मचारी पर 3,000 रुपये प्रति महीना का सपोर्ट देगी। इससे कंपनियों को कर्मचारियों को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद मिलेगी, जिससे रोजगार के ज्यादा अवसर खुलेंगे और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह स्थिरता और दीर्घकालिक रोजगार सृजन पर सरकार के जोर को दर्शाता है।
मोदी कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
मोदी कैबिनेट ने ELI योजना के अलावा कुछ और बड़े फैसले भी लिए हैं, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास को गति देंगे:
- अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) योजना: रणनीतिक और उभरते सेक्टर्स में रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को मंजूरी दी गई है। इसका मकसद निजी क्षेत्र को आर्थिक सुरक्षा, रणनीतिक उद्देश्यों और आत्मनिर्भरता से जुड़े उभरते और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में RDI को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह भारत को वैश्विक नवाचार केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति पर केंद्रित है।
- तमिलनाडु में सड़क निर्माण: कैबिनेट ने तमिलनाडु में 4-लेन परमकुडी - रामनाथपुरम खंड (लगभग 46.7 किलोमीटर) के निर्माण को भी हरी झंडी दिखा दी है। यह परियोजना कनेक्टिविटी में सुधार करेगी, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बेहतर सड़क बुनियादी ढांचा क्षेत्रीय विकास को गति देगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ELI और RDI योजनाओं तथा तमिलनाडु में सड़क निर्माण परियोजना को दी गई मंजूरी भारत के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ELI योजना के माध्यम से लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा करने और मौजूदा रोजगार को बनाए रखने पर जोर दिया गया है, जबकि RDI योजना देश को अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करेगी। ये फैसले मिलकर एक मजबूत, आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सशक्त भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।