बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण: अब तक 88.65% फॉर्म एकत्र, सिर्फ 6.85% मतदाता बाकी
पटना, 16 जुलाई 2025 — बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision - SIR) तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब तक 88.65% गणना फॉर्म (Enumeration Forms) एकत्र किए जा चुके हैं और केवल 6.85% मतदाताओं से ही फॉर्म प्राप्त होना बाकी है।
7.8 करोड़ मतदाताओं में से 6.99 करोड़ ने भरा फॉर्म
राज्य में कुल 7,89,69,844 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें से 6,99,92,926 (88.65%) ने अपना गणना फॉर्म भर दिया है। इनमें से 6,47,24,300 (81.96%) फॉर्म सफलतापूर्वक अपलोड भी किए जा चुके हैं।
गैर-मौजूद और मृत मतदाताओं के आंकड़े
विशेष पुनरीक्षण में यह भी सामने आया है कि:
- 4.5% (35,69,435) मतदाता अपने पते पर नहीं मिले।
- 1.59% (12,55,620) मतदाता मृत पाए गए।
- 2.2% (17,37,336) मतदाता स्थायी रूप से अन्यत्र स्थानांतरित हो चुके हैं।
- 0.73% (5,76,479) ऐसे मतदाता हैं जिनका नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज पाया गया है।
6.85% फॉर्म अभी भी बाकी
अब केवल 54,07,483 (6.85%) मतदाताओं से फॉर्म भरवाना शेष रह गया है। चुनाव आयोग ने साफ किया है कि सभी गणना फॉर्म 25 जुलाई, 2025 तक एकत्र कर लिए जाने चाहिए, जिससे 1 अगस्त को मसौदा मतदाता सूची समय पर प्रकाशित की जा सके।
फॉर्म की स्थिति ऐसे करें चेक
मतदाता अपना फॉर्म भरने की स्थिति ECI-NET ऐप या voters.eci.gov.in पर जाकर जांच सकते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म न केवल जानकारी देता है बल्कि ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी प्रदान करता है।
गैर-उपस्थित मतदाताओं की जानकारी राजनीतिक दलों को
बीएलओ (Booth Level Officers) द्वारा तीन बार दौरा करने के बावजूद जो मतदाता अपने पते पर नहीं मिले हैं, उनकी जानकारी 18 जुलाई से सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके 1.5 लाख बूथ स्तरीय एजेंटों को साझा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं किसी असली मतदाता का नाम सूची से न कटे।
शहरों में विशेष शिविर, प्रवासी मतदाता भी भर सकते हैं फॉर्म
बिहार के सभी 261 शहरी निकायों के 5,683 वार्डों में विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं, जहां पर मतदाता फॉर्म भर सकते हैं। इसके अलावा, जो लोग अस्थायी रूप से राज्य से बाहर हैं, वे भी ECI-NET ऐप या वेबसाइट से ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। वे पहले से भरे गए फॉर्म को डाउनलोड कर सकते हैं और उसे बीएलओ को व्हाट्सऐप या अन्य माध्यमों से भेज सकते हैं।
TheTrendingPeople.com की राय:
बिहार में मतदाता सूची का यह विशेष पुनरीक्षण लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। चुनाव आयोग द्वारा अपनाई गई पारदर्शी और तकनीकी दृष्टिकोण से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और मतदाता सूची निष्पक्ष हो।
जागरूक नागरिक होने के नाते, यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि समय रहते गणना फॉर्म भरें और अपने वोट का अधिकार सुरक्षित रखें।