चंडीगढ़ में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी: तापमान 44 डिग्री तक पहुंचा, बिजली की खपत ने भी बनाया नया कीर्तिमान
चंडीगढ़, 11 जून (दी ट्रेंडिंग पीपल ) – उत्तर भारत में गर्मी का कहर जारी है, और चंडीगढ़ भी इसकी चपेट में है। पिछले तीन दिनों से लगातार बढ़ रही भीषण गर्मी ने मंगलवार को चंडीगढ़ में तापमान को रिकॉर्ड 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा दिया। इस तरह, मंगलवार का दिन अभी तक इस सीजन के सबसे गर्म दिन के तौर पर दर्ज हो गया, जिसने शहरवासियों को बेहाल कर दिया। दिनभर गर्म हवाओं के साथ लू भी चलती रही, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। शहर में लगातार बढ़ रहे तापमान के बीच, बिजली की खपत ने भी इस साल के सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जो इस भयंकर गर्मी से निपटने के लिए बढ़ती ऊर्जा मांग को दर्शाता है।
तापमान में लगातार वृद्धि: दिन और रात दोनों गर्म
मंगलवार को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिसने सभी को चौंका दिया। वहीं, सैक्टर-39 स्थित मौसम विज्ञान केंद्र में पारा 44 डिग्री से मात्र 1 डिग्री सेल्सियस कम, यानी 43.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह दर्शाता है कि शहर के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी का अनुभव किया गया। अब रातों में भी गर्मी से कोई खास राहत नहीं मिल रही है, क्योंकि न्यूनतम तापमान लगभग 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास, यानी 29.7 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं गया। दिन और रात दोनों का गर्म रहना, शहर में गर्मी के समग्र प्रभाव को और बढ़ा रहा है, जिससे लोगों को चौबीसों घंटे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार उच्च तापमान ने लोगों को घरों और कार्यालयों के अंदर रहने पर मजबूर कर दिया है, जिससे बाहरी गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
शनिवार तक गर्मी से राहत के आसार नहीं, फिर बदल सकता है मौसम
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, गर्मी के मौजूदा तेवरों को अभी शनिवार तक झेलना पड़ेगा। शहरवासियों को शुक्रवार तक भी 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास के तापमान का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, शनिवार दोपहर के बाद मौसम में बदलाव के कुछ आसार बताए गए हैं, जिससे थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जगी है। 14 जून के बाद तेज हवाओं के साथ बादलों की गर्जना और बिजली चमकने के साथ अंधड़ आने की संभावना है। यदि ऐसा होता है, तो तापमान में गिरावट दर्ज होगी, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। इसके अलावा, 14 जून के बाद मानसून के भी सक्रिय होने के आसार बताए गए हैं, जिससे गर्मी का मौजूदा दौर कुछ हल्का पड़ेगा और अंततः राहत मिलने की उम्मीद है।
दोपहर में चली लू और खाली सड़कें
मंगलवार को लगातार बढ़ते तापमान के साथ गर्म हवाएं चलती रहीं, जिसने दिन को और भी असहनीय बना दिया। दोपहर डेढ़ बजे से तीन बजे के बीच शहर के कुछ हिस्सों में लू भी चली, जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। दोपहर में शहर की हालत यह थी कि बाजारों में लोगों की भीड़ बिल्कुल कम थी। सड़कों पर भी केवल वही लोग नजर आ रहे थे, जिन्हें किसी बहुत जरूरी काम से बाहर निकलना पड़ा था। सुबह 11 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक पारा लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के पार ही रहा, जो दिनभर की भीषण गर्मी को दर्शाता है। दोपहर डेढ़ बजे पारा 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया और अढ़ाई बजे के आसपास एयरपोर्ट पर पारा 44 डिग्री और सैक्टर 39 में 43.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो इस साल का रिकॉर्ड तापमान था। इस प्रचंड गर्मी से बचने के लिए लोगों ने अपने घरों और कार्यालयों में एयर कंडीशनर और कूलर का खूब इस्तेमाल किया।
बिजली की खपत ने तोड़ा रिकॉर्ड: 427 मेगावाट
कुछ दिनों से तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी के बाद दफ्तरों और घरों में एयर कंडीशनर (ए.सी.) से लेकर चल रहे कूलर और पंखों की वजह से बिजली की खपत भी मंगलवार को इस साल के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई। मंगलवार को शहर में बिजली की कुल खपत 427 मेगावाट रही, जो इस साल में अब तक की सबसे ज्यादा है। यह आंकड़ा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि लोग गर्मी से राहत पाने के लिए बिजली उपकरणों पर कितनी अधिक निर्भरता दिखा रहे हैं।
यह उल्लेखनीय है कि इस साल गर्मियों के मौसम में ज्यादातर दिनों में बारिश की वजह से बिजली की खपत 400 मेगावाट से नीचे ही रही थी। इस साल गर्मियों में सिर्फ 6 दिन ही बिजली की खपत 400 मेगावाट से ऊपर रही थी, जबकि 5 जून को तो शहर में सिर्फ 283 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी। यह तुलनात्मक आंकड़ा बताता है कि मंगलवार को दर्ज की गई 427 मेगावाट की खपत कितनी असाधारण थी, जो मौजूदा गर्मी की लहर की तीव्रता को रेखांकित करती है। बढ़ती बिजली की मांग ने बिजली आपूर्ति प्रणाली पर भी दबाव बढ़ा दिया है, जिससे संभावित कटौती की चिंताएं भी बढ़ गई हैं।
आगे की राह: तैयारी और सावधानी
जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप जारी है, शहर के निवासियों के लिए सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। हाइड्रेटेड रहना, दिन के सबसे गर्म समय में बाहर निकलने से बचना और हल्के, ढीले कपड़े पहनना आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन भी संभावित बिजली की कमी और स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार है। मौसम में बदलाव के पूर्वानुमान के बावजूद, नागरिकों को तब तक अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए जब तक कि मानसून पूरी तरह से सक्रिय न हो जाए और तापमान में स्थायी गिरावट न आ जाए। यह भीषण गर्मी एक बार फिर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और इसके लिए तैयारियों की आवश्यकता पर जोर देती है।