विदेशी निवेशकों ने दिखाई भारतीय बाजार में मजबूत रुचि, मई 2025 में ₹19,860 करोड़ का निवेश
नई दिल्ली, 2 जून – विदेशी निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार में अपना विश्वास फिर से जताया है। मई 2025 में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में ₹19,860 करोड़ का शुद्ध निवेश किया, जो मजबूत घरेलू आर्थिक संकेतकों और वैश्विक बाजारों में सकारात्मकता के चलते संभव हुआ। यह अप्रैल 2025 में किए गए ₹4,223 करोड़ के निवेश के बाद लगातार दूसरी बार शुद्ध निवेश दर्ज किया गया है।
मार्च से मई 2025 तक एफपीआई निवेश का आंकड़ा
महीना | एफपीआई निवेश (₹ करोड़) |
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जनवरी | -78,027 |
फरवरी | -34,574 |
मार्च | -3,973 |
अप्रैल | +4,223 |
मई | +19,860 |
मई में आया यह उछाल वर्ष 2025 में अब तक के ₹92,491 करोड़ के कुल बहिर्वाह को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
निवेशकों के लिए भारत क्यों बना आकर्षण का केंद्र?
वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी मुद्रास्फीति में नरमी और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं ने भारत जैसे उभरते बाजारों को निवेश के लिए और आकर्षक बना दिया है।
घरेलू स्तर पर, भारत की स्थिर आर्थिक वृद्धि, जीडीपी में सुधार, कॉर्पोरेट आय में बढ़ोतरी और लगातार नीति सुधारों ने एफपीआई का भरोसा मजबूत किया है।
वी.के. विजयकुमार, (मुख्य निवेश रणनीतिकार, जियोजित फाइनेंशियल) के अनुसार:
“डॉलर की कमजोरी, वैश्विक मंदी के संकेत और भारत की मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति विदेशी निवेश को आकर्षित कर रही है। हालांकि, बाजार के ऊंचे वैल्यूएशन पर मुनाफावसूली की संभावना बनी हुई है।”
एफपीआई की सेक्टोरल रणनीति
विश्लेषकों का कहना है कि एफपीआई निवेश ऑटो, कंपोनेंट्स, टेलीकॉम और वित्तीय क्षेत्रों में अधिक केंद्रित रहा है। मई 2025 के पहले पखवाड़े में इन क्षेत्रों में खरीदारी अधिक देखी गई।
इसके अलावा, एफपीआई ने केवल इक्विटी ही नहीं, बल्कि डेट मार्केट में भी निवेश किया:
- डेट जनरल लिमिट में: ₹19,615 करोड़
- डेट वॉलंटरी रिटेंशन रूट (VRR) में: ₹1,899 करोड़
नीति सुधार और घरेलू ताकत बनी रीढ़
भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि दर, नीतिगत स्थिरता, और बुनियादी ढांचे पर जोर ने भारत को एक दीर्घकालिक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सरकार की संभावित निरंतरता और सुधारों की दिशा ने भी विदेशी निवेशकों के भरोसे को बढ़ाया है।
हिमांशु श्रीवास्तव, (एसोसिएट डायरेक्टर, मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट):
"भारत की नीति स्थिरता और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच इसकी वृद्धि की क्षमता एफपीआई के लिए इसे दीर्घकालिक निवेश का बेहतरीन विकल्प बनाती है।"
आगे की संभावनाएं: निवेश जारी रहेगा या मुनाफावसूली होगी?
हालांकि मई 2025 में एफपीआई का रुझान सकारात्मक रहा है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि बाजार की ऊंची कीमतें लघु अवधि की मुनाफावसूली को प्रोत्साहित कर सकती हैं।
एफपीआई की रणनीति अब घरेलू नीति संकेतकों, जीडीपी डेटा, और वैश्विक ब्याज दरों की दिशा पर निर्भर करेगी।
विदेशी निवेशकों की वापसी भारतीय बाजार के लिए शुभ संकेत
मई 2025 में विदेशी निवेशकों की मजबूत वापसी यह दर्शाती है कि भारत वैश्विक निवेश मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान बनाए हुए है। यदि वैश्विक संकेतक सकारात्मक बने रहते हैं और घरेलू आर्थिक प्रदर्शन स्थिर रहता है, तो एफपीआई निवेश की यह प्रवृत्ति आगामी महीनों में भी जारी रह सकती है।