BSNL 5G सेवा का नाम 'Q-5G' घोषित किया, 1 लाख नए टावर लगाने की योजना
नई दिल्ली, – भारत की सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने अपनी बहुप्रतीक्षित 5G सेवा की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कंपनी ने अब इस अत्याधुनिक सर्विस के नाम की भी आधिकारिक घोषणा कर दी है। बीएसएनएल ने अपनी 5G सेवा का नाम "Q-5G" यानी क्वांटम 5G रखा है, जो कंपनी के अनुसार जनता से सुझाव मांगने के बाद चुना गया है। बीएसएनएल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी साझा करते हुए अपने यूजर्स को धन्यवाद दिया और कहा – "आपने नाम दिया और हमने उसे रख लिया।" यह कदम निजी टेलीकॉम कंपनियों को कड़ी चुनौती देने की दिशा में बीएसएनएल की बढ़ती तैयारियों को दर्शाता है।
क्या है Q-5G और इसकी क्षमता?
Q-5G बीएसएनएल की आने वाली 5G सेवा है, जिसे देशभर में चरणबद्ध तरीके से लॉन्च किया जाएगा। माना जा रहा है कि बीएसएनएल की यह नई सेवा निजी टेलीकॉम कंपनियों जैसे जियो और एयरटेल के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। बीएसएनएल हमेशा से ही अपने किफायती प्लान्स और व्यापक कवरेज के लिए जाना जाता रहा है, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में जहां निजी कंपनियों की पहुंच अभी भी सीमित है। Q-5G के साथ, बीएसएनएल का लक्ष्य देश के हर कोने में उच्च गति की इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना है, जिससे डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी।
यह नई सेवा न केवल तेज इंटरनेट स्पीड प्रदान करेगी, बल्कि यह विभिन्न उद्योगों, जैसे कि स्मार्ट सिटी, दूरस्थ शिक्षा, टेलीमेडिसिन और कृषि प्रौद्योगिकी में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है। बीएसएनएल का फोकस स्वदेशी तकनीक और मेक इन इंडिया पहल पर भी है, जिससे यह सेवा देश की आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगी।
1 लाख नए मोबाइल टावर लगाने की महत्वाकांक्षी योजना
बीएसएनएल अपनी कनेक्टिविटी और नेटवर्क कवरेज को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर विस्तार की योजना बना रहा है। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने हाल ही में बताया कि बीएसएनएल अपनी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए दूसरे चरण में 1 लाख और नए 4G मोबाइल टावर लगाएगा। यह विस्तार देश के उन हिस्सों तक उच्च गुणवत्ता वाली दूरसंचार सेवाएं पहुंचाने में मदद करेगा, जहां अभी भी कनेक्टिविटी की कमी है।
फिलहाल, दूरसंचार विभाग (DoT) को बीएसएनएल की 4G सेवा के अगले चरण को रोल आउट करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट से अंतिम अप्रूवल मिलने का इंतजार है। इस अप्रूवल के बाद, इस विशाल परियोजना को गति मिलेगी।
चंद्रशेखर पेम्मासानी ने इस परियोजना की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा, "1 लाख मोबाइल टावर को सफलतापूर्वक लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट से अतिरिक्त 1 लाख नए 4G/5G मोबाइल टावर लगाए जाने के अप्रूवल का इंतजार कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि 1 लाख और नए मोबाइल टावर लगाए जाने के बाद दूरसंचार कंपनी के 4G मोबाइल टावर्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसकी वजह से करोड़ों यूजर्स को बेहतर कनेक्टिविटी और निर्बाध सेवा मिल सकेगी। यह विस्तार बीएसएनएल को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद करेगा।
स्वदेशी तकनीक पर बीएसएनएल का भरोसा
बीएसएनएल अपनी नेटवर्क विस्तार योजनाओं में स्वदेशी तकनीक पर विशेष जोर दे रहा है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के अनुरूप है। मई 2023 में, बीएसएनएल ने टेलीकॉम इक्विपमेंट्स लगाने के लिए एरिक्सन जैसी कंपनियों के साथ अनुबंध किया था। इसके अलावा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और तेजस नेटवर्क को मोबाइल टावर लगाने और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का काम दिया गया था। यह स्वदेशी कंपनियों को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण दूरसंचार प्रौद्योगिकियों में भारत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकारी टेलीकॉम कंपनी ने अपने नए 4G मोबाइल टावरों के अगले 10 साल तक रखरखाव (मेंटेनेंस) के लिए 13 हजार करोड़ रुपये का भारी निवेश किया है। यह निवेश नेटवर्क की स्थिरता और दीर्घकालिक कार्यक्षमता सुनिश्चित करेगा। वर्तमान में, सरकारी टेलीकॉम कंपनी के 1 लाख 4G/5G टावर लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 70 हजार से ज्यादा टावर लाइव (चालू) हो गए हैं और सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। यह तेजी से हो रहा रोलआउट दर्शाता है कि बीएसएनएल देश में 4G और 5G सेवाओं के विस्तार के लिए कितनी प्रतिबद्ध है। इस विस्तार से न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण भारत में भी डिजिटल डिवाइड को पाटने में मदद मिलेगी, जिससे सभी नागरिकों को उच्च गति की इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होगी।
बीएसएनएल का Q-5G का लॉन्च और विशाल नेटवर्क विस्तार योजनाएं भारत के दूरसंचार परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती हैं, जिससे देश के डिजिटल भविष्य को एक नई दिशा मिलेगी।