ठंड से बचने के लिए हीटर से चिपके रहना पड़ सकता है भारी—डॉक्टरों की चेतावनी, 'आराम' कहीं बन न जाए 'आफत'
नई दिल्ली, दिनांक: 23 दिसंबर 2025 — उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में इन दिनों कड़ाके की ठंड (Cold Wave) का प्रकोप जारी है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिसके चलते कई जिलों में स्कूलों को बंद करने के आदेश तक दे दिए गए हैं। भीषण कोहरे और शीतलहर ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से बचने के लिए लोग रजाई और कंबलों में दुबकने के अलावा रूम हीटर (Room Heaters) का सहारा ले रहे हैं।
इलेक्ट्रिक हीटर या ब्लोअर तुरंत गर्मी देते हैं और ठंड से राहत दिलाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हीटर के सामने घंटों बैठे रहना या रात भर उसे चलाकर सोना आपकी सेहत के लिए 'मीठा जहर' साबित हो सकता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है कि हीटर का अत्यधिक और गलत इस्तेमाल सांस, त्वचा और आंखों से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकता है।
'आराम' के पीछे छिपा 'जोखिम': हवा से गायब होती नमी
डॉक्टर्स का कहना है कि हीटर का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि यह कमरे के वातावरण को बेहद शुष्क (Dry) बना देता है।
- हवा में सूखापन: हीटर काम करते समय हवा में मौजूद प्राकृतिक नमी (Humidity) को सोख लेते हैं। जब कमरे की हवा शुष्क हो जाती है, तो इसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है।
- ऑक्सीजन की कमी: बंद कमरे में लंबे समय तक हीटर चलाने से ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों का स्तर बढ़ सकता है, जो बेहद खतरनाक है।
इन 3 अंगों पर होता है सबसे बुरा असर
विशेषज्ञों ने तीन प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं को चिन्हित किया है जो हीटर के ज्यादा इस्तेमाल से सीधे तौर पर जुड़ी हैं:
1. सांस की समस्याएं और अस्थमा अटैक का खतरा
सर्दियों में वैसे भी वायु प्रदूषण के कारण सांस के मरीजों की दिक्कतें बढ़ी रहती हैं, ऊपर से हीटर की सूखी हवा कोढ़ में खाज का काम करती है।
- ट्रिगर: जिन लोगों को पहले से अस्थमा (Asthma), एलर्जी या ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की समस्याएं हैं, उनके लिए हीटर की गर्म और सूखी हवा एक 'ट्रिगर' का काम करती है।
- लक्षण: यह हवा सांस की नलियों (Windpipe) को शुष्क कर देती है, जिससे गले में खराश, लगातार खांसी और सीने में जकड़न महसूस हो सकती है। फेफड़ों की नमी कम होने से बलगम सूख सकता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
2. त्वचा का रूखापन और एलर्जी (Skin Dryness)
हीटर के सीधे संपर्क में रहने का सबसे पहला असर हमारी त्वचा पर दिखता है।
- प्राकृतिक तेल का नुकसान: हवा में नमी कम होने के कारण हमारी त्वचा की ऊपरी परत (Epidermis) से प्राकृतिक तेल (Natural Oils) तेजी से खत्म होने लगते हैं।
- समस्याएं: इसके चलते त्वचा में अत्यधिक रूखापन आ जाता है। कई लोगों को इसके कारण 'विंटर रैश', तेज खुजली, लाल चकत्ते और एक्जिमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। होंठ फटना और एड़ियों में दरारें आना भी आम बात है।
3. ड्राई आइज (Dry Eyes) का बढ़ता प्रकोप
अगर आप हीटर के सामने बैठकर काम करते हैं या टीवी देखते हैं, तो अपनी आंखों का खास ख्याल रखें।
- नमी का वाष्पीकरण: हीटर की गर्म हवा आंखों की सतह पर मौजूद 'टियर फिल्म' (Tear Film) को तेजी से सुखा देती है।
- तकलीफ: इससे आंखों में जलन, चुभन, लालिमा और किरकिराहट महसूस होती है। जो लोग कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, उनके लिए यह स्थिति और भी कष्टदायक हो सकती है। लगातार सूखापन रहने से कॉर्निया (Cornea) को नुकसान पहुंचने का जोखिम भी रहता है।
बचाव है जरूरी: इन 5 बातों का रखें ध्यान
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड से बचना जरूरी है, लेकिन हीटर का इस्तेमाल समझदारी से करना चाहिए। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां दी गई हैं:
- वेंटिलेशन: हीटर चलाते समय कमरे को पूरी तरह एयर-टाइट न करें। खिड़की या दरवाजे का थोड़ा सा हिस्सा खुला रखें ताकि ताजी हवा आती रहे और ऑक्सीजन का संतुलन बना रहे।
- सीमित इस्तेमाल: हीटर को लगातार घंटों तक न चलाएं। कमरा गर्म होने के बाद उसे बंद कर दें। रात भर हीटर चलाकर सोना जानलेवा हो सकता है।
- नमी बनाए रखें: कमरे में नमी (Humidity) बनाए रखने के लिए हीटर के पास एक कटोरे में पानी भरकर रखें। भाप बनने से हवा में नमी बनी रहेगी। आप ह्यूमिडिफायर (Humidifier) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सुरक्षित दूरी: हीटर के एकदम पास न बैठें। इसे बिस्तर, सोफे या पर्दों से कम से कम 3-4 फीट की दूरी पर रखें ताकि आग लगने का खतरा न हो और स्किन पर सीधा असर न पड़े।
- हाइड्रेशन: सर्दियों में प्यास कम लगती है, लेकिन हीटर के दुष्प्रभाव से बचने के लिए खूब पानी पिएं और अपनी त्वचा पर मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें।
हमारी राय
सर्दियों में हीटर एक जरूरत बन गया है, लेकिन इसका 'लत' की तरह इस्तेमाल करना सेहत के साथ खिलवाड़ है। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के कमरे में तेल वाले हीटर (Oil Filled Radiators) का उपयोग करना ज्यादा सुरक्षित माना जाता है क्योंकि वे हवा को कम शुष्क करते हैं।
The Trending People की सलाह है कि प्राकृतिक तरीके से शरीर को गर्म रखने की कोशिश करें। गर्म कपड़े पहनें (लेयरिंग करें), गर्म तासीर वाला भोजन (जैसे सूप, ड्राई फ्रूट्स) लें और धूप का सेवन करें। तकनीक का उपयोग सुविधा के लिए करें, सेहत को दांव पर लगाकर नहीं। थोड़ी सी सावधानी आपको इस सर्दी में 'बीमार' होने से बचा सकती है।

