योगी सरकार का बड़ा कदम: ब्लॉक स्तर पर एस्ट्रो लैब्स, युवाओं को अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनाने की पहल
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने प्रदेश के बच्चों को अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनाने की दिशा में एक बड़ा और अभिनव कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, प्रदेश के हर ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में 'एस्ट्रो लैब्स' तैयार की जा रही हैं। यह पहल बच्चों को केवल किताबों से ही नहीं, बल्कि टेलीस्कोप समेत अन्य अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए अंतरिक्ष के रहस्यों से रूबरू कराएगी, जिससे वे विज्ञान और खगोलशास्त्र में गहरी रुचि विकसित कर सकें।
पीपीपी मॉडल पर 'अमृत काल लर्निंग सेंटर्स'
सीएम योगी के निर्देश पर वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों के ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर एस्ट्रो लैब्स बनकर तैयार भी हो गई हैं। ये लैब्स 'अमृत काल लर्निंग सेंटर्स' का नाम दिया गया है, जो गुणवत्तापूर्ण और तकनीक-समर्थ शिक्षा उपलब्ध कराने के सीएम योगी के विजन को साकार कर रही हैं। इन लैब्स के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र अंतरिक्ष, प्रकाश, गुरुत्वाकर्षण जैसे जटिल सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से समझ पा रहे हैं।
यह पहल इस बात पर जोर देती है कि शिक्षा केवल सैद्धांतिक नहीं होनी चाहिए, बल्कि अनुभव-आधारित और जिज्ञासा-आधारित भी होनी चाहिए। ऐसे में, वह दिन दूर नहीं, जब प्रदेश का हर बच्चा शुभांशु शुक्ला की तरह अंतरिक्ष की उड़ान भर सकेगा और अपने सपनों को पंख दे सकेगा।
अत्याधुनिक उपकरण और शिक्षकों का प्रशिक्षण
इन एस्ट्रो लैब्स को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया गया है ताकि बच्चों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ा जा सके। यहां बच्चों का ज्ञान डॉबसोनियन टेलीस्कोप, पीआर हेडसेट, माइक्रोस्कोप और मानव शरीर रचना मॉडल जैसे उपकरणों के जरिए बढ़ाया जा रहा है। ये उपकरण छात्रों को ब्रह्मांड, सूक्ष्मजीवों और मानव शरीर की जटिलताओं को करीब से समझने में मदद करेंगे।
इतना ही नहीं, शिक्षकों के लिए भी विशेष ओरिएंटेशन प्रोग्राम, वीडियो गाइड और मेंटरशिप की व्यवस्था की गई है। यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षक इन उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें और बच्चों को सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकें।
बलिया में पहल: सभी 17 ब्लॉकों में एस्ट्रो लैब्स
इस पहल के सफल कार्यान्वयन का एक उत्कृष्ट उदाहरण बलिया जिले में देखने को मिला है। बलिया के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप बलिया के सभी 17 ब्लॉकों में विज्ञान एवं खगोलशास्त्र प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। उन्होंने जोर दिया कि इन लैब्स के माध्यम से बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बलिया के सीडीओ ओजस्वी राज ने बताया कि एस्ट्रो लैब्स को स्थापित करने में 2.5 से 3 लाख रुपए का खर्च आता है, जिसमें उपकरण और शिक्षकों का प्रशिक्षण भी शामिल है। इन सभी लैब्स को पीपीपी मॉडल पर स्थापित किया गया है, जो सरकारी और निजी क्षेत्रों के सहयोग से बड़े पैमाने पर ऐसी पहलों को लागू करने की संभावना को दर्शाता है।
बच्चों में बढ़ती जिज्ञासा और बड़े सपने
एस्ट्रो लैब्स के माध्यम से बच्चों में जिज्ञासा और वैचारिक स्पष्टता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। सीडीओ ओजस्वी राज ने बताया कि "अब वे सवाल पूछने लगे हैं, आकाश को टकटकी लगाकर देखने लगे हैं और ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए लालायित हैं।" यह दर्शाता है कि ये लैब्स बच्चों में विज्ञान के प्रति स्वाभाविक रुचि और सीखने की ललक पैदा कर रही हैं।
इस पहल का सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि प्रदेश के गांव के बच्चे भी अब नासा (NASA) और इसरो (ISRO) में जाने के अपने सपनों को पंख दे रहे हैं। यह उन्हें बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए प्रेरित कर रहा है, जिससे भविष्य में भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और अधिक प्रतिभाएं मिलेंगी।
योगी सरकार द्वारा ब्लॉक स्तर पर एस्ट्रो लैब्स की स्थापना एक दूरदर्शी कदम है जो उत्तर प्रदेश में शिक्षा के परिदृश्य को बदल सकता है। यह पहल न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों तक पहुंच प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति प्रेरित भी कर रही है। 'अमृत काल लर्निंग सेंटर्स' के रूप में ये लैब्स प्रदेश के युवाओं को भविष्य के अंतरिक्ष वैज्ञानिक और नवाचारकर्ता बनने के लिए तैयार करेंगी, जिससे 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।