अतुल अग्निहोत्री: अभिनेता से सफल निर्माता तक का सफर, आज मना रहे 55वां जन्मदिन
नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा में अतुल अग्निहोत्री एक ऐसा नाम है जो बतौर अभिनेता भले ही ज्यादा सफलता हासिल नहीं कर पाए, लेकिन निर्माता-निर्देशक के तौर पर उन्होंने बॉलीवुड को कुछ अच्छी और पारिवारिक फिल्में दीं। मंगलवार, 8 जुलाई को वह अपना 55वां जन्मदिन परिवार के साथ सेलिब्रेट करेंगे। उनका करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा है, जिसमें अभिनय से लेकर निर्माण और निर्देशन तक के कई पड़ाव शामिल हैं।
अभिनय करियर की शुरुआत और चुनौतियां (1990 का दशक)
अतुल अग्निहोत्री ने अपने करियर की शुरुआत बतौर अभिनेता साल 1993 में की। यह वह दौर था जब सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख खान जैसे उभरते सितारे बॉलीवुड में दस्तक दे चुके थे और अपनी जमीन मजबूत कर रहे थे। इन स्थापित होते सितारों के बीच किसी भी नए अभिनेता के लिए अपनी पहचान बनाना आसान नहीं था। अतुल, जो अपने लुक के लिए काफी चर्चा में थे, उन्होंने 1993 में फिल्म 'सर' से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। इस फिल्म में उनके साथ पूजा भट्ट थीं और इसका निर्देशन महेश भट्ट ने किया था। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह ने मुख्य भूमिका निभाई थी, जबकि परेश रावल और गुलशन ग्रोवर खलनायक की भूमिका में थे।
हालांकि फिल्म 'सर' बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं कर पाई, लेकिन इसके बावजूद अतुल ने करीब 20 फिल्मों में अभिनेता के तौर पर काम किया। उन्होंने अपने दौर के कई बड़े सितारों के साथ स्क्रीन साझा की। सलमान खान के साथ उन्होंने 'वीरगति' (1995) में काम किया, जो दर्शकों के बीच काफी पसंद की गई। नाना पाटेकर के साथ फिल्म 'क्रांतिवीर' (1994) में उनकी जोड़ी को दर्शकों ने काफी सराहा और यह फिल्म भी व्यावसायिक रूप से सफल रही। साल 1994 में उन्होंने संजय दत्त के साथ फिल्म 'आतिश' में भी काम किया, जिसे दर्शकों ने पसंद किया। अतुल ने 1990 के दशक में कई सफल फिल्मों में काम किया, जिससे उन्हें एक पहचान मिली। हालांकि, बाद में उन्होंने अभिनय से दूरी बनाते हुए फिल्मों का निर्माण और निर्देशन शुरू कर दिया। आखिरी बार उन्होंने शाहरुख खान, सलमान खान और माधुरी दीक्षित अभिनीत फिल्म 'हम तुम्हारे हैं सनम' (2002) में सहायक कलाकार के तौर पर काम किया था।
निर्देशन और निर्माण में कदम: सफलता और असफलता
अभिनय से हटकर अतुल अग्निहोत्री ने निर्देशन के क्षेत्र में भी हाथ आजमाया। उन्होंने 'दिल ने जिसे अपना कहा' (2004) और 'हेलो' (2008) जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। दुर्भाग्य से, ये दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं, जिससे उनके निर्देशन करियर को खास गति नहीं मिल पाई।
हालांकि, बतौर निर्माता उन्होंने उल्लेखनीय सफलताएं हासिल कीं। उनकी निर्माण कंपनी ने 'बॉडीगार्ड' (2011) और 'भारत' (2019) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं। इन फिल्मों में उनके जीजा सलमान खान मुख्य भूमिका में थे। सलमान खान के साथ उनकी निर्माता-अभिनेता की जोड़ी को दर्शकों ने खूब सराहा है, और ये फिल्में इस बात का सटीक उदाहरण हैं कि कैसे उन्होंने निर्माण के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। 'बॉडीगार्ड' और 'भारत' दोनों ही व्यावसायिक रूप से बेहद सफल रहीं और उन्होंने अतुल को एक सफल निर्माता के रूप में स्थापित किया।
पारिवारिक जीवन और सलमान खान से रिश्ता
अतुल अग्निहोत्री अपने फिल्मी करियर के अलावा अपने पारिवारिक जीवन के लिए भी काफी चर्चा में रहते हैं। पंजाबी ब्राह्मण परिवार से आने वाले अतुल ने मुस्लिम परिवार में शादी की। उन्होंने सुपरस्टार सलमान खान की बहन और मशहूर लेखक सलीम खान की बेटी अलवीरा खान से शादी की है। यह अंतरधार्मिक विवाह बॉलीवुड में काफी चर्चित रहा है। अतुल और अलवीरा का रिश्ता काफी मजबूत है और वे अक्सर पारिवारिक आयोजनों में साथ नजर आते हैं। यह रिश्ता उन्हें सलमान खान और उनके परिवार के करीब लाता है, जिसका उनके फिल्मी करियर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
हिंदी सिनेमा में 30 साल पूरे कर चुके अतुल अग्निहोत्री फिल्मों से फिलहाल दूर हैं। वह अपने परिवार को पूरा समय दे रहे हैं और एक संतुलित जीवन जी रहे हैं।
निष्कर्ष
अतुल अग्निहोत्री ने अपने करियर में उतार-चढ़ाव देखे हैं। अभिनय में सीमित सफलता और निर्देशन में असफलताओं के बावजूद, उन्होंने एक निर्माता के रूप में कुछ उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं। उनकी यह यात्रा दृढ़ता और बदलते समय के साथ अनुकूलन की कहानी है। अपने पारिवारिक जीवन और सलमान खान से रिश्ते के कारण भी वह हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। 55वें जन्मदिन पर, अतुल अग्निहोत्री का सफर हिंदी सिनेमा में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा, जिसने विभिन्न भूमिकाओं में योगदान दिया और परिवार के साथ अपने मजबूत बंधन को बनाए रखा।