नैसकॉम ने नई टैलेंट काउंसिल का गठन किया: भारत को ग्लोबल टेक टैलेंट हब बनाने की पहल
नई दिल्ली, 1 जुलाई - । भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के शीर्ष निकाय, नैसकॉम (NASSCOM) ने मंगलवार को देश की स्थिति को ग्लोबल टेक्नोलॉजी टैलेंट हब के रूप में और मजबूत बनाने के लिए अपनी नई टैलेंट काउंसिल के गठन की घोषणा की है। यह एक रणनीतिक और उद्योग-नेतृत्व वाली पहल है, जो भविष्य के लिए तैयार, वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी डिजिटल वर्कफोर्स के निर्माण के लिए समर्पित है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत अपनी डिजिटल अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ा रहा है और विश्व स्तर पर तकनीकी प्रतिभा के एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभर रहा है।
नेतृत्व और अनुभव: सतीश एचसी बने अध्यक्ष
नैसकॉम ने इस महत्वपूर्ण पहल का नेतृत्व करने के लिए इंफोसिस के मुख्य वितरण अधिकारी (Chief Delivery Officer) सतीश एचसी को नैसकॉम टैलेंट काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है। सतीश एचसी एक अनुभवी उद्योगपति हैं, जिनके पास ग्लोबल टैलेंट स्ट्रैटेजी, इनोवेशन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है।
नैसकॉम ने एक बयान में कहा कि सतीश एचसी अपने व्यापक अनुभव के साथ "वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी, हाई-ट्रस्ट इंडस्ट्री वर्कफोर्स को आकार देने के लिए काउंसिल के प्रयासों का नेतृत्व करेंगे।" उनकी नियुक्ति इस बात का संकेत है कि नैसकॉम इस काउंसिल के माध्यम से भारतीय तकनीकी प्रतिभा को विश्व मंच पर और अधिक सशक्त बनाने के लिए गंभीर है। उनका नेतृत्व काउंसिल को सही दिशा में आगे बढ़ने और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नैसकॉम की प्रतिबद्धता: नवाचार और समावेशी विकास
यह पहल इनोवेशन को बढ़ावा देने, डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने और एक मजबूत एवं वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी वर्कफोर्स का निर्माण कर समावेशी विकास को सक्षम करने की दिशा में नैसकॉम की निरंतर प्रतिबद्धता का हिस्सा है। नैसकॉम लंबे समय से भारतीय आईटी उद्योग के विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने में अग्रणी रहा है। यह नई टैलेंट काउंसिल उसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को केवल एक सेवा प्रदाता के बजाय एक नवाचार और प्रतिभा केंद्र के रूप में स्थापित करने पर केंद्रित है।
काउंसिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय कार्यबल न केवल वर्तमान तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करे, बल्कि भविष्य की उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए भी तैयार रहे। इसमें कौशल विकास कार्यक्रम, उद्योग-अकादमिक सहयोग और नीतिगत सिफारिशें शामिल होंगी ताकि एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके जो निरंतर सीखने और अनुकूलन को बढ़ावा दे।
भारत का बढ़ता डिजिटल अर्थव्यवस्था और प्रतिभा की आवश्यकता
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, और इसके साथ ही डिजिटल रूप से कुशल पेशेवरों की आवश्यकता भी बढ़ रही है। अनुमान है कि 2026 तक भारत को लगभग 30 मिलियन डिजिटल रूप से कुशल पेशेवरों की आवश्यकता होगी। यह एक बहुत बड़ी संख्या है जो मौजूदा प्रतिभा पूल में महत्वपूर्ण वृद्धि की मांग करती है। इसके अलावा, एक और बड़ी चुनौती यह है कि मौजूदा वर्कफोर्स के 50 प्रतिशत को उभरती टेक्नोलॉजी में फिर से कौशल की आवश्यकता होगी। इसका मतलब है कि केवल नए प्रतिभाओं को जोड़ना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि मौजूदा कार्यबल को भी लगातार अपस्किल और रीस्किल करना होगा ताकि वे बदलती तकनीकी मांगों के साथ तालमेल बिठा सकें।
इस चुनौती को देखते हुए, नैसकॉम टैलेंट काउंसिल का गठन अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। यह काउंसिल इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक रोडमैप तैयार करेगी, जिसमें शिक्षा प्रणाली को उद्योग की जरूरतों के साथ संरेखित करना, आजीवन सीखने के कार्यक्रमों को बढ़ावा देना और कौशल अंतर को पाटने के लिए अभिनव समाधान विकसित करना शामिल है।
भारत की तकनीकी प्रतिभा की शक्ति और वैश्विक नेतृत्व की क्षमता
5.4 मिलियन से अधिक तकनीकी प्रतिभा आधार के साथ, भारत पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े तकनीकी कार्यबलों में से एक है। यह संख्या भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में एक मजबूत स्थिति में रखती है। भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डीपटेक (DeepTech), सेमीकंडक्टर और साइबर सिक्योरिटी जैसे उच्च-प्रभाव वाले डोमेन में नेतृत्व करने के लिए अच्छी स्थिति में है। इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, और भारत इन क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नैसकॉम टैलेंट काउंसिल के अध्यक्ष सतीश एचसी ने इस क्षमता पर जोर देते हुए कहा, "भारत एआई और उभरती टेक्नोलॉजी के युग में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए एक मजबूत स्थिति में है। यह कदम कौशल विकास से कहीं अधिक है; यह प्रतिभा-समृद्ध से 'विशेषज्ञ प्रतिभा' में बदलाव के बारे में है, जो एप्लीकेशन के माध्यम से टेक्नोलॉजी की शक्ति का उपयोग करता है और हमारे आस-पास के उद्यम और समाज में इनोवेशन करता है।" उनका यह बयान भारत को केवल तकनीकी सेवाओं के प्रदाता के बजाय तकनीकी नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करने के दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह गुणवत्ता पर जोर देता है – "विशेषज्ञ प्रतिभा" का निर्माण जो वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने और सामाजिक प्रभाव पैदा करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सके।
काउंसिल की रणनीतिक पहलें और भविष्य की दिशा
टैलेंट काउंसिल केवल कौशल विकास तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह व्यापक रणनीतिक पहलों पर काम करेगी:
- टैलेंट मोबिलिटी और रिटेंशन के लिए नए मॉडल: काउंसिल प्रतिभा को आकर्षित करने, बनाए रखने और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी गतिशीलता को सुविधाजनक बनाने के लिए नए मॉडल पेश करेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि सही प्रतिभा सही जगह पर हो, जिससे उद्योग की उत्पादकता बढ़े।
- क्षेत्रीय रूप से वितरित रोजगार कार्यक्रम: यह काउंसिल क्षेत्रीय रूप से वितरित रोजगार कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाएगी। इसका उद्देश्य केवल बड़े शहरों तक ही सीमित न रहकर, देश के विभिन्न हिस्सों में तकनीकी प्रतिभा को विकसित करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। यह समावेशी विकास को बढ़ावा देगा और टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा।
- उद्योग-अकादमिक सहयोग: काउंसिल उद्योग और शिक्षाविदों के बीच सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि शैक्षणिक पाठ्यक्रम उद्योग की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप हों और छात्रों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके।
- नीतिगत सिफारिशें: नैसकॉम टैलेंट काउंसिल सरकार को नीतिगत सिफारिशें भी प्रदान करेगी ताकि एक अनुकूल नियामक वातावरण बनाया जा सके जो प्रतिभा विकास और नवाचार को बढ़ावा दे।
निष्कर्ष: भारत का भविष्य एक वैश्विक तकनीकी शक्ति के रूप में
नैसकॉम की नई टैलेंट काउंसिल का गठन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह खुद को एक प्रमुख वैश्विक प्रौद्योगिकी शक्ति के रूप में स्थापित करना चाहता है। यह पहल न केवल देश की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था की मांगों को पूरा करने में मदद करेगी, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि भारत एआई और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों के युग में नेतृत्व की भूमिका निभाए। सतीश एचसी के नेतृत्व में, यह काउंसिल भारत की विशाल प्रतिभा क्षमता का दोहन करने, कौशल अंतर को पाटने और एक ऐसे कार्यबल का निर्माण करने के लिए तैयार है जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो। यह भारत के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा, जहां नवाचार, विकास और समावेशी समृद्धि एक साथ आगे बढ़ेंगे।