अमरनाथ यात्रा: 26वां जत्था भारी बारिश के बीच रवाना, 3.77 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन
जम्मू, 28 जुलाई। दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन करने के लिए 1,635 तीर्थयात्रियों का 26वां जत्था रविवार को भारी बारिश के बीच जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ। घाटी से 3 जुलाई को शुरू हुई 38 दिवसीय तीर्थयात्रा के दौरान अब तक 3.77 लाख से अधिक तीर्थयात्री भगवान शिव के बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं।
26वां जत्था रवाना: उत्साह और सुरक्षा का संगम
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस कर्मियों की कड़ी सुरक्षा में 1,303 पुरुषों, 286 महिलाओं, चार बच्चों और 42 साधुओं एवं साध्वियों समेत कुल 1,635 तीर्थयात्रियों का जत्था 59 वाहनों में सवार होकर भगवती नगर आधार शिविर से सुबह 3 बजकर 25 मिनट से 4 बजे के बीच कश्मीर स्थित दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। भारी बारिश के बावजूद तीर्थयात्री ‘‘बम बम भोले’’ और ‘‘हर हर महादेव’’ के जयकारे लगाते हुए गुफा मंदिर की ओर रवाना हुए, जिससे पूरे वातावरण में भक्तिमय ऊर्जा का संचार हो गया।
- बालटाल मार्ग: 17 वाहनों में 374 श्रद्धालुओं को लेकर पहला काफिला गांदरबल जिले के 14 किलोमीटर लंबे लेकिन कठिन बालटाल मार्ग के लिए रवाना हुआ।
- पहलगाम मार्ग: जबकि 62 वाहनों का दूसरा काफिला 1,262 श्रद्धालुओं के साथ अनंतनाग जिले के 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग के लिए निकला।
तीर्थयात्रियों की प्रतिक्रिया: सुरक्षा और सुविधाओं की सराहना
तीर्थयात्रियों ने सरकार की ओर से मुहैया कराई गई सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं की खुले दिल से तारीफ की। उन्होंने भारतीय सेना पर पूरा भरोसा जताया, जो यात्रा मार्ग पर हर कदम पर सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। श्रद्धालुओं ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार व्यवस्थाएं काफी बेहतर हैं, जिससे उनकी यात्रा अधिक सुगम और सुरक्षित बन रही है।
यात्रा की अवधि और अब तक के दर्शनार्थी
यह तीर्थयात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों तक चलेगी। इसका समापन 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के पावन दिन होगा। पिछले वर्ष 5.10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की थी, जहां प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ का शिवलिंग स्थित है। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
अमरनाथ यात्रा के लिए 26वें जत्थे का रवाना होना, श्रद्धालुओं के अटूट विश्वास और सरकार की प्रभावी व्यवस्थाओं का प्रतीक है। सुरक्षा में सुधार और सुविधाओं की उपलब्धता ने इस पवित्र यात्रा को पहले से कहीं अधिक सुगम और सुरक्षित बना दिया है। 'बम बम भोले' के जयकारों के साथ आगे बढ़ते तीर्थयात्री न केवल अपनी आस्था को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि यह भी संदेश दे रहे हैं कि दृढ़ इच्छाशक्ति और सामूहिक प्रयासों से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। यह यात्रा देश की एकता और धार्मिक सद्भाव का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बनी हुई है।