रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ELI) को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी: 3.5 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रोजगार सृजन और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी 'रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना' (Employment Linked Incentive - ELI) को मंजूरी दे दी है। इस योजना का विशेष ध्यान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर है, लेकिन यह सभी क्षेत्रों में रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह पहल देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और कार्यबल को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
योजना की पृष्ठभूमि और बजट परिव्यय
रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ELI) की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी। इस पूरे पैकेज का कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपए है, जो सरकार की रोजगारोन्मुखी नीतियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ELI योजना को 99,446 करोड़ रुपए के विशिष्ट परिव्यय के साथ लाया गया है, जिसका लक्ष्य अगले दो वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार वर्कफोर्स में प्रवेश करने वाले होंगे, जो युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने पर जोर देता है।
योजना का क्रियान्वयन: दो मुख्य भाग
यह योजना दो मुख्य भागों में लाई जा रही है, जो कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को लक्षित करते हैं ताकि रोजगार सृजन को व्यापक प्रोत्साहन मिल सके:
- पहला भाग: पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों पर केंद्रित
- दूसरा भाग: नियोक्ताओं द्वारा अतिरिक्त रोजगार सृजन पर केंद्रित
भाग 1: पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन
योजना के पहले भाग के तहत, पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को सीधा वित्तीय लाभ प्रदान किया जाएगा। इसमें वे कर्मचारी शामिल होंगे जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के साथ पंजीकृत हैं और जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपए तक है। इन कर्मचारियों को एक महीने तक का वेतन दो किस्तों में दिया जाएगा।
पात्रता: 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारी इस भाग के तहत पात्र होंगे।
किस्तें:
पहली किस्त: 6 महीने की सेवा पूरी करने के बाद दी जाएगी।
दूसरी किस्त: 12 महीने की सेवा पूरी करने और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद दी जाएगी।
- बचत प्रोत्साहन: प्रोत्साहन का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए एक जमा खाते के बचत साधन में रखा जाएगा। कर्मचारी इस राशि को बाद की तारीख में निकाल सकते हैं, जिससे बचत को भी बढ़ावा मिलेगा।
- लाभार्थी: इस भाग के तहत लगभग 1.92 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो नए कार्यबल के लिए एक बड़ा समर्थन होगा।
- भुगतान मोड: सभी भुगतान 'आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम' का उपयोग कर डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) मोड के माध्यम से सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में किए जाएंगे, जिससे पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होगी।
भाग 2: नियोक्ताओं के लिए रोजगार सृजन प्रोत्साहन
योजना का दूसरा भाग नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। यह सभी क्षेत्रों को कवर करेगा, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- पात्रता: नियोक्ताओं को 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन मिलेगा।
- प्रोत्साहन की अवधि: सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्ष तक 3,000 रुपए प्रतिमाह तक का प्रोत्साहन देगी।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए विशेष लाभ: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा, जो इस क्षेत्र में दीर्घकालिक रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
नियोक्ता की शर्तें: EPFO के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों को प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा:
- 50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए: कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करने होंगे।
- 50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए: कम से कम पांच अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करने होंगे।
- इन कर्मचारियों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए।
प्रोत्साहन संरचना (मासिक वेतन के आधार पर):
- 10,000 रुपए के ईपीएफ वेतन स्लैब वाले अतिरिक्त कर्मचारी के लिए: नियोक्ता को 1,000 रुपए का प्रोत्साहन मिलेगा।
- 10,000 से 20,000 रुपए के वेतन स्लैब के लिए: नियोक्ता को प्रति कर्मचारी 2,000 रुपए का प्रोत्साहन मिलेगा।
- 20,000 रुपए से अधिक और 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारी के लिए: प्रोत्साहन 3,000 रुपए तक होगा।
लाभार्थी: इस भाग से लगभग 2.60 करोड़ लोगों के अतिरिक्त रोजगार के सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
भुगतान मोड: भाग बी के तहत नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा।
योजना का प्रभाव और लक्ष्य
ELI योजना का लाभ 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगा। यह योजना देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने, कार्यबल को औपचारिक बनाने और सामाजिक सुरक्षा दायरे का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष जोर भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि युवाओं के लिए नए करियर मार्ग भी खोलेगा और देश के समग्र विकास में योगदान देगा।
यह योजना ऐसे समय में आई है जब वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं रोजगार सृजन की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। भारत सरकार की यह पहल रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और एक मजबूत, कुशल कार्यबल तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश की आर्थिक प्रगति में सहायक होगा।