शेयर बाजार का सकारात्मक आगाज: वैश्विक संकेतों से मिला सहारा, मिडकैप-स्मॉलकैप में भी रौनक
नई दिल्ली, 4 जून (The Trending People) – वैश्विक शेयर बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के दम पर भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार के कारोबारी सत्र की शुरुआत हरे निशान में की। बुधवार सुबह बाजार खुलते ही प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में शुरुआती बढ़त देखने को मिली, जिससे निवेशकों के बीच उत्साह का माहौल बना। यह तेजी वैश्विक अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदों और कुछ कंपनियों के मजबूत वित्तीय रुझानों का परिणाम मानी जा रही है।
सुबह 9:26 बजे, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स 155.81 अंक या 0.19 प्रतिशत बढ़कर 80,893.32 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 50 सूचकांक भी 60 अंक या 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,602.80 पर पहुँच गया था। यह शुरुआती बढ़त पिछले सत्र की गिरावट से उबरने का संकेत दे रही थी, जब मंगलवार को बाजार लाल निशान में बंद हुआ था।
मिडकैप और स्मॉलकैप में दिखी खरीदारी की बहार
बुधवार के शुरुआती कारोबार में सिर्फ बड़े शेयरों में ही नहीं, बल्कि मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में भी निवेशकों की मजबूत खरीदारी देखने को मिली। यह बाजार की समग्र मजबूती का एक महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि निवेशकों का विश्वास केवल बड़ी और स्थापित कंपनियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वे मध्यम और छोटी आकार की कंपनियों में भी अवसरों की तलाश कर रहे हैं।
निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 309.30 अंक या 0.54 प्रतिशत की शानदार बढ़त के साथ 57,826.40 के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स भी 88.40 अंक या 0.49 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 18,210.75 पर कारोबार कर रहा था। यह प्रदर्शन बाजार की व्यापक भागीदारी को दर्शाता है और सुझाव देता है कि हाल की कुछ अस्थिरता के बाद निवेशकों का जोखिम लेने का रुझान वापस लौट रहा है।
सेंसेक्स के टॉप गेनर्स और लूजर्स: किस शेयर में दिखा दम, कौन रहा कमजोर
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में शुरुआती कारोबार के दौरान कुछ शेयरों में मजबूत बढ़त देखने को मिली, जबकि कुछ में गिरावट दर्ज की गई।
टॉप गेनर्स:
प्रमुख लाभ कमाने वाले शेयरों में भारती एयरटेल, इटरनल (ज़ोमैटो), टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम), इंडसइंड बैंक, मारुति सुजुकी, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) और इंफोसिस शामिल थे। इन कंपनियों में देखी गई खरीदारी निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है, खासकर ऑटो, आईटी और एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों में।
टॉप लूजर्स:
वहीं, गिरावट दर्ज करने वाले शेयरों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, टाइटन और सन फार्मा शामिल थे। इन शेयरों में देखी गई बिकवाली संभवतः मुनाफावसूली या संबंधित क्षेत्रों में कुछ चिंताओं का परिणाम हो सकती है।
विशेषज्ञ की राय: निफ्टी के लिए महत्वपूर्ण स्तर
चॉइस ब्रोकिंग के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट मंदार भोजने ने बुधवार के कारोबार पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि, "शुरुआती सपाट शुरुआत के बाद निफ्टी को 24,500 पर सपोर्ट मिल सकता है, उसके बाद 24,400 और 24,300 अहम स्तर होंगे।" इसका अर्थ है कि यदि बाजार में गिरावट आती है, तो ये स्तर निफ्टी को नीचे जाने से रोकने में मदद कर सकते हैं।
वहीं, तेजी की स्थिति में उन्होंने बताया कि, "24,800, 24,900 और 25,000 एक रुकावट का स्तर होगा।" ये ऐसे स्तर हैं जहां निफ्टी को आगे बढ़ने में प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है, और इन स्तरों को तोड़ने के लिए मजबूत खरीदारी की आवश्यकता होगी। ये तकनीकी स्तर निवेशकों और व्यापारियों के लिए बाजार के रुझान को समझने और अपनी रणनीतियों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सेक्टोरल प्रदर्शन: हरे और लाल निशान में रहे क्षेत्र
क्षेत्रीय आधार पर, बुधवार के शुरुआती कारोबार में कुछ क्षेत्रों में अच्छी बढ़त देखने को मिली, जबकि कुछ में गिरावट दर्ज की गई।
हरे निशान में रहे क्षेत्र:
ऑटोमोबाइल (ऑटो), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), मीडिया और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जो इन क्षेत्रों में सकारात्मक भावनाओं और खरीदारी के रुझान को दर्शाता है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में तेजी संभवतः मजबूत मांग या आगामी लॉन्च की उम्मीदों से प्रेरित हो सकती है, जबकि आईटी क्षेत्र में बढ़त वैश्विक बाजारों में सकारात्मक संकेतों और डिजिटल सेवाओं की बढ़ती मांग के कारण हो सकती है।
लाल निशान में रहे क्षेत्र:
वहीं, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मास्यूटिकल्स (फार्मा), फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी), मेटल और रियल्टी क्षेत्र लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इन क्षेत्रों में गिरावट संभवतः मुनाफावसूली, नियामक चिंताओं या विशिष्ट कंपनी-संबंधी मुद्दों के कारण हो सकती है।
वैश्विक बाजारों का मजबूत रुझान: एशियाई और अमेरिकी बाजारों से मिला सहारा
भारतीय बाजार को वैश्विक संकेतों से मजबूत सहारा मिला। बुधवार को अधिकांश एशियाई शेयर बाजार हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और निवेशकों के बढ़े हुए भरोसे को दर्शाता है। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग, सियोल और जकार्ता जैसे प्रमुख एशियाई बाजार सबसे ज्यादा बढ़ने वाले बाजारों में शामिल थे, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सकारात्मक रुझान को रेखांकित करता है।
इसके अलावा, मंगलवार को अमेरिकी बाजार भी हरे निशान में बंद हुए थे। वॉल स्ट्रीट पर सकारात्मक क्लोजिंग ने बुधवार को एशियाई और भारतीय बाजारों के लिए एक सकारात्मक शुरुआत के लिए मंच तैयार किया। वैश्विक बाजारों का यह समकालिक सकारात्मक प्रदर्शन बताता है कि निवेशक फिलहाल आर्थिक विकास और कॉर्पोरेट आय में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
संस्थागत निवेशकों का रुख: एफआईआई की बिकवाली, डीआईआई की मजबूत खरीदारी जारी
संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों पर नजर डालें तो, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 3 जून को लगातार तीसरे सत्र के लिए अपनी बिकवाली जारी रखी। उन्होंने भारतीय इक्विटी बाजार से 2,853.83 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एफआईआई की लगातार बिकवाली कभी-कभी बाजार के लिए चिंता का विषय हो सकती है, क्योंकि यह विदेशी पूंजी के बहिर्वाह को दर्शाता है।
पृष्ठभूमि: एफआईआई और डीआईआई की भूमिका
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) भारतीय शेयर बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एफआईआई, विदेशी निवेश फंडों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो वैश्विक रुझानों और अपनी निवेश रणनीतियों के आधार पर भारत में निवेश करते हैं। वहीं, डीआईआई में भारतीय म्युचुअल फंड, बीमा कंपनियां और पेंशन फंड शामिल होते हैं। उनकी गतिविधियों से बाजार की दिशा और भावना पर काफी प्रभाव पड़ता है। एफआईआई की बिकवाली के बावजूद, डीआईआई द्वारा लगातार खरीदारी बाजार में स्थानीय विश्वास और मजबूती का संकेत देती है।
हालांकि, इस बिकवाली के बावजूद, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) भारतीय बाजार के लिए एक मजबूत सहारा बने हुए हैं। डीआईआई लगातार 11वें सत्र के लिए शुद्ध खरीदार बने रहे, जिन्होंने 3 जून को शेयरों में 5,907.97 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया। डीआईआई की यह मजबूत खरीदारी एफआईआई की बिकवाली के प्रभाव को कम करने में मदद कर रही है और बाजार को स्थिरता प्रदान कर रही है। यह भारतीय निवेशकों और संस्थानों के देश की दीर्घकालिक विकास गाथा में विश्वास को दर्शाता है।
मंगलवार के बाजार का संक्षिप्त हाल: गिरावट के साथ हुआ था बंद
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बुधवार की सकारात्मक शुरुआत से पहले, भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को लाल निशान में बंद हुआ था। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 636.24 अंक या 0.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,737.51 पर और निफ्टी 174.10 अंक या 0.70 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,542.50 पर था। बुधवार की शुरुआती बढ़त इस पिछले दिन की गिरावट से कुछ हद तक उबरने का संकेत देती है, जिससे निवेशकों को राहत मिली है।
आगे का दृष्टिकोण
कुल मिलाकर, बुधवार के शुरुआती कारोबारी सत्र ने सकारात्मक वैश्विक संकेतों और डीआईआई की मजबूत खरीदारी के दम पर भारतीय शेयर बाजार में एक नई उम्मीद जगाई है। हालांकि, एफआईआई की लगातार बिकवाली कुछ सावधानी बरतने का भी संकेत देती है। बाजार की आगे की दिशा घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों, कॉर्पोरेट आय परिणामों और संस्थागत प्रवाह पर निर्भर करेगी। निवेशक अब विशेषज्ञ द्वारा बताए गए महत्वपूर्ण समर्थन और प्रतिरोध स्तरों पर अपनी नजर रखेंगे।