छत्तीसगढ़ ऑपरेशन में 27 नक्सली ढेर, टॉप कमांडर बसवराज की मौत की खबर से हलचल
नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में चलाए गए एक बड़े एंटी-नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को ऐतिहासिक सफलता मिली है। नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ इलाके में District Reserve Guard (DRG) द्वारा चलाए गए इस ऑपरेशन में 27 नक्सली मारे गए, जिनमें भारत सरकार द्वारा मोस्ट वांटेड घोषित किए गए टॉप कमांडर नंबाला केशव राव उर्फ बसवराज भी शामिल हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने X (पूर्व ट्विटर) पर इस ऑपरेशन को “नक्सलवाद के खिलाफ ऐतिहासिक उपलब्धि” बताते हुए लिखा कि यह पहली बार है जब CPI (माओवादी) के महासचिव जैसे वरिष्ठ नेता को मुठभेड़ में मार गिराया गया है।
बसवराज: माओवाद की रीढ़ की हड्डी
बसवराज, जिन पर ₹1 करोड़ का इनाम घोषित था, माओवादी आंदोलन का सबसे ऊंचा चेहरा थे। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम से आने वाले इस पूर्व इंजीनियर को पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की नींव मजबूत करने का श्रेय भी दिया जाता है।
वह CPI (माओवादी) के पोलित ब्यूरो के सदस्य और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रमुख रह चुके थे। सालों से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में टॉप पर रहे बसवराज की मौत को माओवाद के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
कैसे चला ऑपरेशन?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, DRG को सूचना मिली थी कि अबुझमाड़ क्षेत्र में माओवादी केंद्रीय समिति, पोलित ब्यूरो और माड़ डिवीजन के सीनियर कैडर की एक उच्चस्तरीय बैठक हो रही है। इसके बाद नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव से DRG टीमें जंगलों में रवाना हुईं।
72 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने कठिन भौगोलिक चुनौतियों का सामना करते हुए गहराई में घुसकर कार्रवाई की। ओरछा तक वाहन से जाने के बाद जवानों को पैदल ही ऑपरेशन को अंजाम देना पड़ा।
बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी ने बताया कि ऑपरेशन में बड़ी मात्रा में आधुनिक हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। हालांकि उन्होंने अभी तक बसवराज की मौत की औपचारिक पुष्टि नहीं की है लेकिन सूत्रों के अनुसार डीएनए जांच के लिए शव को सुरक्षित रखा गया है।
एक जवान शहीद, कई घायल
इस मुठभेड़ में DRG का एक जवान शहीद हो गया और कई अन्य घायल हुए हैं। सभी को समय रहते चिकित्सा सहायता पहुंचाई गई और अब वे खतरे से बाहर हैं।
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के बाद की सबसे बड़ी सफलता
यह कार्रवाई उसी श्रृंखला का हिस्सा है, जिसके तहत हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में 21 दिनों तक चले अभियान में 31 नक्सली मारे गए थे। गृह मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के बाद कुल 54 नक्सली गिरफ्तार किए गए और 84 ने आत्मसमर्पण किया है।
नक्सलवाद अब गिरावट पर: गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय के अनुसार, वामपंथी उग्रवाद अब भारत में तेजी से घट रहा है। 2010 में जहां 9 राज्यों के 126 जिलों में नक्सली गतिविधियां होती थीं, वहीं 2024 तक यह संख्या घटकर सिर्फ 38 जिलों तक सीमित रह गई है।
2023-24 में सिर्फ बस्तर क्षेत्र में ही 123 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 217 संदिग्ध माओवादी मारे गए, 929 गिरफ्तार किए गए और 419 केस दर्ज किए गए। फरवरी 2024 तक अकेले 81 माओवादी मारे जा चुके हैं।
निष्कर्ष: क्या बसवराज की मौत से नक्सलवाद का अंत?
विशेषज्ञों का मानना है कि बसवराज जैसे शीर्ष नेता की मौत से CPI (माओवादी) के संगठनात्मक ढांचे को गहरा झटका लगा है। हालांकि यह नक्सलवाद का पूर्ण अंत नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से उस दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
मोदी सरकार की ओर से यह संदेश स्पष्ट है — 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य अब और मजबूत हुआ है।