भारत में सोने की मांग 2024 में 800 टन के पार, निवेश में दिखी ऐतिहासिक तेजी
सोने-चांदी का भाव - फोटो : दी ट्रेंडिंग पीपल

मुंबई: भारत में सोने की मांग 2024 में ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इस साल देश में कुल गोल्ड डिमांड 800 टन से अधिक रही, जिसका मुख्य कारण ज्वेलरी की मजबूत खपत और गोल्ड ईटीएफ में लोगों की बढ़ती दिलचस्पी है।
जीरोधा फंड हाउस की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत 2024 में वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा गोल्ड ज्वेलरी कंज़्यूमर रहा। रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष देश में लगभग 563 टन सोने की ज्वेलरी की खपत हुई, जिसकी बाज़ार मूल्य लगभग ₹3.6 लाख करोड़ आंकी गई।
भारतीय संस्कृति में सोने की भूमिका
भारतीय समाज में सोना सदियों से न केवल सौंदर्य और निवेश का साधन रहा है, बल्कि यह सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। शादी-विवाह, त्योहार और अन्य शुभ अवसरों पर सोना खरीदना शुभ संकेत माना जाता है।
निवेश के नए रुझान: बार और कॉइन की लोकप्रियता
2024 में भारतीयों ने केवल आभूषणों में ही नहीं, बल्कि सोने की बार और कॉइन में भी जमकर निवेश किया। रिपोर्ट के अनुसार, वर्षभर में देशभर में 239 टन सोने की बार और कॉइन खरीदी गईं, जिनकी कुल वैल्यू लगभग ₹1.5 लाख करोड़ रही। यह 2023 के मुकाबले 60% अधिक है, जो दर्शाता है कि निवेशकों का रुझान पारंपरिक सोने के निवेश की ओर भी तेजी से बढ़ा है।
भारत बना चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड इन्वेस्टर
गोल्ड कॉइन और बार में निवेश के मामले में भारत ने चीन के बाद दुनिया में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इससे पता चलता है कि गोल्ड इन्वेस्टमेंट के मामले में भारत की स्थिति वैश्विक मंच पर मजबूत होती जा रही है।
गोल्ड ETF की बढ़ती पकड़
रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय निवेशक अब फिजिकल गोल्ड के अलावा गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) की ओर भी तेजी से रुख कर रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग्स 21 टन से बढ़कर 63 टन तक पहुंच चुकी है। यह डिजिटल निवेश के क्षेत्र में लोगों की भागीदारी को दर्शाता है।
2025 की पहली तिमाही में रिकॉर्ड निवेश
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में सोने पर आधारित ETF में $21 बिलियन (लगभग 226 टन) का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा 2020 की दूसरी तिमाही के बाद सबसे ज्यादा माना जा रहा है।
सबसे अधिक रिटर्न देने वाला एसेट बना सोना
NSE के आंकड़ों के मुताबिक, FY25 में सोना सभी एसेट क्लास में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला निवेश साधन साबित हुआ है। डॉलर में सोने ने 41% रिटर्न दिया है, जो इसे निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित और लाभदायक एसेट बना रहा है।
वैश्विक अस्थिरता और सोने की मांग
गोल्ड की बढ़ती मांग के पीछे वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता को प्रमुख कारण माना जा रहा है। दुनिया भर में ब्याज दरों में अनिश्चितता, मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनावों के चलते निवेशकों ने "सेफ हेवन" के रूप में सोने की ओर रुख किया है।
निष्कर्ष:
भारत में 2024 के दौरान सोने की मांग और निवेश ने जो रिकॉर्ड बनाए हैं, वे न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं, बल्कि लोगों के बढ़ते निवेश जागरूकता को भी साबित करते हैं। आने वाले समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और गोल्ड ETF भारत के गोल्ड मार्केट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।