ब्रेकिंग: अखिलेश यादव ने आजम खां से मिलकर कहा, 'वो पार्टी की धड़कन हैं'; भाजपा पर कसा Guinness World Record का तंज
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ और कद्दावर नेता आजम खां से मुलाकात की। करीब 23 महीने जेल से लौटने के बाद अखिलेश पहली बार आजम खां के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे। इस मुलाकात के बाद सपा मुखिया ने बेहद भावुक और राजनीतिक रूप से बड़ा बयान देते हुए कहा कि आजम खां पार्टी की धड़कन हैं।
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही आजम खां ने कहा था कि वे सिर्फ अखिलेश यादव से ही मिलेंगे। अखिलेश के जौहर यूनिवर्सिटी स्थित आवास पर पहुंचते ही सपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला और उन्होंने जमकर नारेबाजी की।
खामोशी और जज़्बातों की दास्तान
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर आजम खां के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं। इस दौरान उन्होंने एक भावुक शेर भी लिखा, जो दोनों नेताओं के बीच के गहरे रिश्तों को बयां करता है:
"क्या कहें भला उस मुलाकात की दास्तान, जहां बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की।"
यह पोस्ट दिखाता है कि 23 महीने की लंबी दूरी के बाद इस मुलाकात का पार्टी और दोनों नेताओं के लिए क्या महत्व है।
'झूठे मुकदमों' पर भाजपा को घेरा
आजम खां से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि आजम खां और उनके पूरे परिवार को झूठे मुकदमों में फंसाया गया है।
सपा प्रमुख ने तंज कसते हुए कहा:
"सबसे ज्यादा झूठे मुकदमे किसी एक परिवार पर लगे हैं, वो आजम खां हैं। भाजपा ने आजम खां के परिवार पर इतने मुकदमे लाद दिए हैं कि अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होना चाहिए।"
अखिलेश ने आजम खां को एक 'पुराना नेता' और 'दरख्त' (पेड़) बताते हुए उनके लिए न्याय की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके बेटे और पत्नी समेत पूरे परिवार को झूठे केस में फंसाया गया है।
पीडीए और 2027 चुनाव का एजेंडा
इस मुलाकात को सपा के लिए एकजुटता और भविष्य की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। अखिलेश यादव ने दावा किया कि इस सरकार में पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) वर्ग खुद को अपमानित महसूस कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि पीडीए की आवाज बुलंद हो रही है और 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि वे आगे भी लगातार आजम खां से मिलते रहेंगे।
सुरक्षा और मीडिया पर सख्ती
अखिलेश यादव के दौरे को लेकर प्रशासन मंगलवार से ही अलर्ट पर था। जौहर यूनिवर्सिटी परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। पुलिस ने मीडियाकर्मियों को आजम खां के आवास के बाहर ही रोक दिया, जिससे मुलाकात को पूरी तरह गोपनीय रखा गया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और खुफिया विभाग लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे थे, जो इस हाई-प्रोफाइल मुलाकात की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
Hindi.TheTrendingPeople.com के अंतिम विचार
अखिलेश यादव और आजम खां की यह मुलाकात महज एक औपचारिक भेंट नहीं है, बल्कि 2027 चुनाव से पहले सपा के लिए एकता का बड़ा राजनीतिक संदेश है। 'धड़कन' और 'दरख्त' जैसे शब्दों का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि अखिलेश अब आजम खां को पूरी तरह से पार्टी की मुख्यधारा में वापस ला रहे हैं। भाजपा पर 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' का तंज कसना अखिलेश की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वे मुकदमों के बहाने पीडीए वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। यह मुलाकात उत्तर प्रदेश की राजनीति में विपक्ष की अगली चाल की दिशा तय कर सकती है।
