ब्रेकिंग: भारत का सरकारी कर्ज GDP के 77% तक घटेगा, 2035 तक 71% पर आने का अनुमान - CareEdge रेटिंग्स
नई दिल्ली: देश की आर्थिक सेहत के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। केयरएज रेटिंग्स द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत सरकार का कुल कर्ज (Government Debt) वित्त वर्ष 2031 तक घटकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 77 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इतना ही नहीं, यह गिरावट जारी रहेगी और वित्त वर्ष 2035 तक यह अनुपात और कम होकर 71 प्रतिशत तक आ सकता है।
वर्तमान में, भारत का सरकारी डेट-टू-जीडीपी अनुपात 81 प्रतिशत पर बना हुआ है।
कर्ज घटने की मुख्य वजह क्या है?
'ग्लोबल इकोनॉमी अपडेट' शीर्षक वाली केयरएज रेटिंग्स की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि डेट-टू-जीडीपी अनुपात में यह कमी मुख्य रूप से दो बड़े कारकों के कारण आएगी:
- राजकोषीय समेकन (Fiscal Consolidation): सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे वित्तीय सुधार और अनुशासन से कर्ज का बोझ कम होगा।
- स्थिर जीडीपी ग्रोथ: देश की जीडीपी विकास दर का लगातार 6.5 प्रतिशत के आसपास बने रहने का अनुमान है, जो कर्ज के अनुपात को कम करने में मदद करेगा।
हालाँकि, रिपोर्ट ने भविष्य के लिए कुछ चुनौतियाँ भी बताई हैं। इसमें कहा गया है कि कुछ राज्यों द्वारा दी जाने वाली मुफ्त 'रेवड़ियाँ' और राजस्व की तुलना में ब्याज भुगतान में वृद्धि की स्थिति को भविष्य में मॉनिटर किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर केयरएज की राय
केयरएज रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर भी महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं:
1. अमेरिका में महंगाई और फेडरल रिजर्व
रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्यादातर विकसित अर्थव्यवस्थाओं में ऊंची महंगाई दर (Inflation) का कारण बढ़ती सेवा लागत, मजदूरी में वृद्धि और कर्ज का उच्च स्तर है।
- बढ़ते टैरिफ (सीमा शुल्क) ने भी अमेरिका में महंगाई को बढ़ावा दिया है।
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सितंबर में अपनी नीतिगत दर में 25 आधार अंकों की कटौती की थी और इस साल दो और कटौती का संकेत दिया है।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लंबे समय तक 'शटडाउन' रहने से उपभोक्ता और निवेशक धारणा कमजोर हो सकती है, जिससे समग्र आर्थिक गतिविधि धीमी हो जाएगी।
2. जापान और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद
- जापान में मुद्रास्फीति कम हो रही है, लेकिन यह लगातार तीन वर्षों से केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।
- बाजार को उम्मीद है कि साल के अंत तक बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है।
3. सैन्य खर्च पर राजकोषीय क्षमता की कमी
केयरएज ने एक महत्वपूर्ण विश्लेषण में यह भी कहा कि ग्रीस, अमेरिका, फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और कनाडा सहित कई उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के पास पहले से ही बढ़े हुए कर्ज के स्तर के कारण सैन्य खर्च बढ़ाने की सीमित राजकोषीय क्षमता है।
Hindi.TheTrendingPeople.com के अंतिम विचार
केयरएज रेटिंग्स का यह अनुमान भारत की आर्थिक स्थिरता में निवेशकों का भरोसा बढ़ाने वाला है। जीडीपी के मुकाबले कर्ज के बोझ का कम होना एक मजबूत संकेत है कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालाँकि, सरकार और राज्यों दोनों को राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने की जरूरत है, ताकि मुफ्त योजनाओं (Freebies) और बढ़ते ब्याज भुगतान जैसी चुनौतियों से निपटा जा सके। वैश्विक स्तर पर बढ़ती महंगाई और भू-राजनीतिक अस्थिरता के बीच, भारत की यह स्थिरता इसे दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक मजबूत स्थान दिलाती है।
