ब्रेकिंग: देसी फाइटर जेट तेजस Mk1A के प्रोडक्शन को मिली रफ्तार, अमेरिकी इंजन की डिलीवरी से IAF को जल्द मिलेंगे जेट्स
नई दिल्ली: भारत का स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस Mk1A अब जल्द ही आसमान में दहाड़ने को तैयार है। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, इसे बनाने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस (GE Aerospace) से चौथा GE-F404 इंजन प्राप्त हो गया है। यह डिलीवरी भारतीय वायुसेना (IAF) को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम है, जिसने जेट के प्रोडक्शन में आई सुस्ती को दूर किया है।
'देसी दहाड़' को मिली नई रफ्तार
जीई एयरोस्पेस से इंजन की यह डिलीवरी 2021 में हुए बड़े अनुबंध का हिस्सा है। इस सौदे के तहत जीई को HAL को कुल 99 इंजन सप्लाई करने हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इंजन की आपूर्ति बढ़ने के साथ ही तेजस Mk1A के उत्पादन को तेज किया जा सकता है।
HAL के अधिकारियों ने CNN न्यूज18 को बताया कि:
"हम भारतीय वायुसेना को पहली डिलीवरी के लिए पूरी तरह तैयार हैं। शुरुआत में दो जेट्स से शुरू कर सकते हैं। हथियार परीक्षण पहले से चल रहे हैं। इसके अलावा कम से कम 10 अतिरिक्त यूनिट इंजनों के इंतजार में तैयार हैं।"
यह बयान स्पष्ट करता है कि जैसे ही बाकी इंजन आएंगे, HAL तुरंत प्रोडक्शन और डिलीवरी को गति देगा।
इंजन सप्लाई का सौदा और देरी का कारण
GE के साथ यह इंजन सप्लाई 2021 के 716 मिलियन डॉलर (लगभग ₹5,375 करोड़ रुपये) के अनुबंध का हिस्सा है। इस कॉन्ट्रैक्ट में देरी का मुख्य कारण सप्लाई चेन की समस्याएं थीं, जिसमें एक दक्षिण कोरियाई वेंडर की विफलता शामिल थी।
इन समस्याओं के कारण डिलीवरी शेड्यूल को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया था, लेकिन अब नई आपूर्ति के साथ गति पकड़ ली गई है।
टाइमलाइन और टेस्ट:
- 2021: HAL और GE एयरोस्पेस के बीच 99 GE-F404 इंजनों के लिए $716 मिलियन का अनुबंध।
- विलंब: सप्लाई चेन की समस्याओं के कारण प्रोडक्शन और डिलीवरी में देरी।
- वर्तमान: चौथा GE-F404 इंजन प्राप्त हुआ, प्रोडक्शन को रफ्तार।
- इस महीने के अंत में: HAL की नासिक सुविधा से फ्लाइट टेस्ट निर्धारित।
- वर्तमान में जारी: हथियार फायरिंग ट्रायल्स पहले से चल रहे हैं।
- जल्द डिलीवरी: पहले दो तेजस Mk1A जेट्स IAF को सौंपने की तैयारी।
भारत के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है? (राष्ट्रीय प्रभाव)
तेजस Mk1A कार्यक्रम का तेज होना भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक दोनों तरह से महत्वपूर्ण है:
- वायुसेना की मजबूती: तेजस Mk1A भारतीय वायुसेना में पुराने फाइटर जेट्स की जगह लेगा, जिससे IAF की लड़ाकू क्षमता और भी मजबूत होगी।
- आत्मनिर्भर भारत: यह पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू विमान है। इंजन की आपूर्ति शुरू होने से भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल को बड़ी सफलता मिली है। यह दिखाता है कि भारत अब रक्षा उत्पादन में वैश्विक सप्लाई चेन पर कम निर्भर हो रहा है।
- उत्पादन और रोज़गार: HAL द्वारा उत्पादन में तेज़ी लाने से देश के रक्षा निर्माण क्षेत्र में रोज़गार और तकनीकी क्षमता का विकास होगा।
Hindi.TheTrendingPeople.com के अंतिम विचार
देसी फाइटर जेट तेजस Mk1A का आसमान में दहाड़ना हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। अमेरिकी कंपनी जीई से इंजनों की आपूर्ति में आई तेजी एक शुभ संकेत है कि अब 'इंतजार' खत्म होने वाला है। तकनीकी बाधाओं के बावजूद HAL ने जिस तरह से प्रोडक्शन को संभाला है, वह सराहनीय है। यह न केवल भारतीय वायुसेना की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की रक्षा निर्माण शक्ति को भी स्थापित करेगा। यह देखना रोमांचक होगा कि कैसे पहले दो जेट्स की डिलीवरी के बाद तेजस की पूरी फ्लीट IAF के बेड़े में शामिल होती है, और 'मेक इन इंडिया' की ताकत दुनिया को दिखाती है।