योगी की तारीफ करते ही सपा विधायक पूजा पाल निष्कासित, राज्यसभा चुनाव में भी की थी बगावत
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कौशांबी की चायल सीट से सपा विधायक पूजा पाल को गुरुवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब विधानसभा में पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर प्रशंसा की थी।
योगी आदित्यनाथ की तारीफ बनी वजह
विधानसभा सत्र के दौरान पूजा पाल ने अपने पति राजू पाल हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा —
“मेरे पति के हत्यारों को सजा देकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे न्याय दिलाया।”
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। कई लोगों ने इसे सपा के खिलाफ सीधा संदेश माना, खासकर तब जब राज्यसभा चुनाव में भी पूजा पाल का रुख पार्टी लाइन से अलग रहा था।
राज्यसभा चुनाव में बगावत
मार्च 2024 के राज्यसभा चुनाव में पूजा पाल समेत आठ सपा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके भाजपा के पक्ष में मतदान किया था। इसे सपा नेतृत्व ने पार्टी अनुशासन का गंभीर उल्लंघन माना।
- हाल ही में सपा ने इनमें से चार विधायकों को पार्टी से निष्कासित किया था।
- पूजा पाल को अभी तक मौका दिया गया था, लेकिन योगी की तारीफ के बाद कार्रवाई तेज हो गई।
निष्कासन का पत्र
अखिलेश यादव के हस्ताक्षर से जारी पत्र में पूजा पाल पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और गंभीर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है।
पत्र में लिखा गया:
- “आपको पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर चेतावनी दी गई थी, लेकिन आपने इन्हें बंद नहीं किया।”
- “आपके कार्य से पार्टी को नुकसान हुआ।”
- “आपको सपा के सभी पदों से तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है और आप किसी भी कार्यक्रम या बैठक में भाग नहीं लेंगी।”
राजू पाल हत्याकांड से राजनीतिक सफर तक
पूजा पाल के जीवन और राजनीति की सबसे बड़ी घटना उनके पति राजू पाल की हत्या है।
- 2004: अतीक अहमद को सांसद बनने पर इलाहाबाद पश्चिमी सीट खाली हुई।
- सपा ने उनके भाई अशरफ को टिकट दिया।
- बसपा उम्मीदवार राजू पाल ने यह चुनाव जीत लिया, जिससे अतीक परिवार को बड़ा झटका लगा।
- 2005: विधायक बनने के कुछ ही दिनों बाद राजू पाल की ताबड़तोड़ फायरिंग में हत्या कर दी गई।
- इस हत्याकांड में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम आया।
सपा में शामिल होना
हालांकि राजू पाल बसपा से विधायक थे, लेकिन बाद में परिस्थितियां बदलीं और पूजा पाल सपा में शामिल हो गईं।
- उन्होंने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
- 2022 के विधानसभा चुनाव में भी वे कौशांबी की चायल सीट से सपा विधायक बनीं।
योगी आदित्यनाथ से संबंधों की चर्चा
हाल के वर्षों में पूजा पाल और योगी आदित्यनाथ के बीच संबंधों को लेकर चर्चा रही है।
- राजू पाल हत्याकांड के मामले में कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से योगी सरकार की तारीफ की।
- इसे कई लोग व्यक्तिगत आभार मानते हैं, लेकिन सपा के भीतर इसे राजनीतिक संदेश माना गया।
राजनीतिक विश्लेषण
पूजा पाल का निष्कासन कई मायनों में अहम है —
- सपा के भीतर अनुशासन का संदेश: अखिलेश यादव ने साफ कर दिया कि पार्टी लाइन से हटकर बयान या कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- भाजपा के लिए संभावित लाभ: भाजपा अगर पूजा पाल को शामिल करती है तो यह सपा के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
- कौशांबी में राजनीतिक समीकरण: पूजा पाल का क्षेत्रीय प्रभाव भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है।
Final Thoughts
पूजा पाल का निष्कासन सिर्फ एक विधायक को हटाने का मामला नहीं है, बल्कि यह यूपी की राजनीति में बदलते समीकरणों का संकेत है। योगी आदित्यनाथ की तारीफ ने उनके राजनीतिक करियर की दिशा बदल दी है। अब देखना होगा कि वह आगे किस पार्टी का दामन थामती हैं या स्वतंत्र रूप से राजनीति करती हैं। एक बात तय है — आने वाले चुनावों में उनका अगला कदम कई सीटों पर असर डाल सकता है।