रोडियम और रेडियम: वो दुर्लभ धातुएं जो सोने से भी
नेशनल डेस्क | TheTrendingPeople — दुनिया में जब भी कीमती धातुओं की बात होती है, तो अधिकतर लोग सोने, प्लेटिनम या हीरे का नाम लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ धातुएं ऐसी भी हैं जो इनसे कई गुना ज्यादा महंगी और दुर्लभ होती हैं? इनमें सबसे प्रमुख हैं रोडियम (Rhodium) और रेडियम (Radium)। इन दोनों धातुओं की मांग, उपयोगिता और सीमित उपलब्धता ने इन्हें दुनिया की सबसे महंगी धातुओं की सूची में शुमार कर दिया है।
रोडियम: ‘धातुओं का हीरा’
रोडियम एक अत्यंत दुर्लभ, रासायनिक रूप से निष्क्रिय और जंग प्रतिरोधी धातु है। इसकी चमकदार सतह और उच्च रिफ्लेक्टिव क्षमता के कारण इसे "धातुओं का हीरा" भी कहा जाता है।
वर्तमान कीमत:
साल 2024 में रोडियम की कीमत ₹12,416 प्रति ग्राम तक पहुंच गई थी, जो सोने से लगभग डेढ़ गुना अधिक है।
मुख्य उपयोग:
- सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में होता है, खासकर कैटलिटिक कन्वर्टर्स में।
- यह वाहनों से निकलने वाले खतरनाक गैसों को कम करने में मदद करता है।
- इसके अलावा ज्वेलरी में सफेद सोने (White Gold) को चमकदार बनाने के लिए रोडियम की कोटिंग की जाती है।
खनन और उपलब्धता:
दुनिया में रोडियम का 80% से अधिक उत्पादन दक्षिण अफ्रीका से होता है। इसके अलावा रूस और कनाडा भी इसके सीमित स्रोत हैं। इसकी दुर्लभता और उपयोगिता ने इसे निवेशकों और उद्योगों दोनों के लिए आकर्षक बना दिया है।
रेडियम: एक खतरनाक पर कीमती धातु
रेडियम एक रेडियोएक्टिव धातु है जो यूरेनियम अयस्क में अत्यंत सीमित मात्रा में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है। यह अत्यधिक ऊर्जा उत्सर्जन करने वाली धातु है।
इतिहास और खोज:
रेडियम की खोज 1898 में प्रसिद्ध वैज्ञानिक मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी ने की थी। इसके बाद रेडियम को वैज्ञानिक क्रांति का हिस्सा माना गया।
उपयोग:
- 20वीं सदी की शुरुआत में रेडियम का उपयोग कैंसर के इलाज में किया गया था।
- इसकी गामा किरणें ट्यूमर को खत्म करने में प्रभावी मानी जाती थीं।
- रेडियम युक्त पदार्थों का इस्तेमाल चमकदार घड़ी के डायल, हवाई जहाज के स्विच, पेंट, और यहां तक कि कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में भी किया गया।
खतरनाक प्रभाव:
बाद में वैज्ञानिकों ने पाया कि रेडियम के रेडियोएक्टिव गुण मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं।
- इससे त्वचा, हड्डियों और रक्त कोशिकाओं को गंभीर नुकसान हो सकता है।
- 1930 के दशक के बाद से रेडियम का उपयोग दवाओं, पेंट और सौंदर्य प्रसाधनों में पूरी तरह बंद कर दिया गया।
वर्तमान में रेडियम का क्या उपयोग है?
आज रेडियम का इस्तेमाल मुख्य रूप से वैज्ञानिक अनुसंधानों और चिकित्सा उपकरणों में सीमित हो गया है। इसके उत्पादन की प्रक्रिया अत्यंत खर्चीली और जटिल है, जिससे यह बाजार में बहुत ही दुर्लभ बना हुआ है।
क्या सोने को पीछे छोड़ देंगे रोडियम और रेडियम?
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरणीय मानकों को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, रोडियम की मांग और कीमत में और वृद्धि हो सकती है। वहीं, रेडियम जैसे खतरनाक लेकिन शक्तिशाली तत्वों का इस्तेमाल तकनीकी रिसर्च और परमाणु विज्ञान में एक बार फिर अहम हो सकता है।
हालांकि, इन दोनों धातुओं में निवेश या व्यापार करना आम जनता के लिए संभव नहीं है, क्योंकि:
- इनकी कीमत बेहद अधिक है,
- बाजार में इनकी उपलब्धता बहुत सीमित है,
- और खासकर रेडियम के मामले में कानूनी व स्वास्थ्य जोखिम जुड़े हैं।
TheTrendingPeople का निष्कर्ष
रोडियम और रेडियम, दोनों ही धातुएं न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से कीमती हैं, बल्कि वैज्ञानिक और औद्योगिक महत्व की दृष्टि से भी बेहद अहम हैं। जहां रोडियम ग्लोबल ऑटो सेक्टर और ज्वेलरी उद्योग का भविष्य तय कर रहा है, वहीं रेडियम विज्ञान और शोध के क्षेत्र में सीमित लेकिन रणनीतिक भूमिका निभा रहा है।
भारत में इनकी जानकारी और समझ अभी भी सीमित है, लेकिन वैश्विक बाजार में इनकी बढ़ती मांग यह संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में ये दोनों धातुएं ‘सोने का नया चेहरा’ बन सकती हैं।
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