PM मोदी की मालदीव यात्रा: दोस्ती, रक्षा और विकास की नई उड़ान
भारत-मालदीव संबंधों में नई मजबूती, 5000 करोड़ की आर्थिक मदद और रणनीतिक साझेदारी पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय ऐतिहासिक दौरे पर शुक्रवार को मालदीव पहुंचे। माले के वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खुद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने उनका भव्य स्वागत किया। यह यात्रा दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है, जो दोनों देशों की गहरी दोस्ती और साझा भविष्य की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ रही है।
संयुक्त प्रेस वार्ता में मोदी के प्रमुख बिंदु
60 साल की दोस्ती का जश्न
- “भारत और मालदीव के संबंध इतिहास से भी पुराने और समुद्र जितने गहरे हैं।”
- “यह वर्ष हमारी राजनयिक मित्रता की हीरक जयंती है।”
- “मालदीव की आजादी के 60 साल पूरे होने पर भारतवासियों की तरफ से शुभकामनाएं।”
भारत बना मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र
- ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी के तहत मालदीव को मिला विशेष स्थान
- कोविड संकट और प्राकृतिक आपदाओं में भारत बना फर्स्ट रिस्पांडर
- 4000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स, ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, हवाई अड्डे का विकास — भारत की बड़ी विकास पहलें
5,000 करोड़ की नई सहायता और व्यापार समझौते की दिशा में बढ़त
- भारत देगा ₹5,000 करोड़ की Line of Credit
- जल्द ही द्विपक्षीय निवेश संधि (BIPA) को अंतिम रूप
- फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर भी बातचीत शुरू
- “हमारा लक्ष्य है – कागज से समृद्धि तक की यात्रा।”
रक्षा और समुद्री सुरक्षा में भी रणनीतिक साझेदारी
- रक्षा मंत्रालय की नई बिल्डिंग का उद्घाटन — द्विपक्षीय सुरक्षा संबंधों का प्रतीक
- कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव के तहत क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को नया आयाम
- हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता – साझा लक्ष्य
- मौसम विज्ञान और रिन्यूएबल एनर्जी में भारत देगा तकनीकी सहयोग
जलवायु परिवर्तन पर साझा संघर्ष और रिन्यूएबल ऊर्जा में सहयोग
- भारत और मालदीव मिलकर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटेंगे
- भारत साझा करेगा रिन्यूएबल एनर्जी में अनुभव
- "मौसम चाहे जैसा हो, हमारी मित्रता सदैव उज्ज्वल और स्पष्ट रहेगी।"