बिहार में विशेष पुनरीक्षण पर अभी फैसला नहीं, विपक्ष ने आठ प्रमुख मुद्दों पर बनाई रणनीति"
नई दिल्ली, 20 जुलाई (The Trending People):
मानसून सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों की एक बड़ी मांग मान ली है। सूत्रों के अनुसार, संसद के मानसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस की अनुमति दे दी गई है। हालांकि, चुनावी राज्य बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) पर बहस को लेकर सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा। इस बार का सत्र कई वजहों से खास रहने वाला है, क्योंकि यह अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पहला सत्र होगा।
विपक्ष ने बनाई आठ मुद्दों पर रणनीति
शनिवार को विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की 24 पार्टियों की वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले आठ प्रमुख मुद्दों पर रणनीति तय की गई। ये मुद्दे इस प्रकार हैं:
- पहलगाम आतंकी हमला, जिसमें 25 पर्यटकों और एक स्थानीय पोनीवाले की जान गई थी
- ऑपरेशन सिंदूर — भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित संघर्षविराम (Ceasefire)
- भारत की विदेश नीति
- बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (SIR)
- मणिपुर में जारी संकट
- बेरोजगारी और महंगाई
- संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता में हस्तक्षेप
कौन-कौन रहा बैठक में शामिल?
इस रणनीतिक बैठक में विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। कांग्रेस से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश ने हिस्सा लिया। अन्य दलों में शामिल रहे:
- सपा: राम गोपाल यादव
- टीएमसी: अभिषेक बनर्जी
- शिवसेना (उद्धव गुट): उद्धव ठाकरे, संजय राउत
- एनसीपी (शरद पवार गुट): शरद पवार, जयंत पाटिल
- नेशनल कॉन्फ्रेंस: उमर अब्दुल्ला
- झारखंड मुक्ति मोर्चा: हेमंत सोरेन
- राजद: तेजस्वी यादव
- डीएमके: तिरुचि शिवा
- वाम दलों में डी. राजा (सीपीआई), एम.ए. बेबी (सीपीआई-एम), और दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआई-एमएल)
- अन्य पार्टियां: केरल कांग्रेस (एम), आरएसपी, विदुथलाई चिरुथैगल काची, आईयूएमएल आदि
ऑपरेशन सिंदूर: क्या है यह मिशन?
'ऑपरेशन सिंदूर' भारत द्वारा अप्रैल 2025 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और आतंकी लॉन्चपैड्स पर की गई गुप्त सैन्य कार्रवाई थी। इसे पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा गया। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में कई आतंकियों को मार गिराया गया और पाकिस्तान की आतंक प्रायोजित गतिविधियों पर करारा प्रहार किया गया।
सरकार पर बढ़ेगा दबाव
विपक्ष इस सत्र में सरकार को कड़ी घेराबंदी की तैयारी में है। खासकर मणिपुर संकट, बेरोजगारी, महंगाई और संवैधानिक संस्थाओं में हस्तक्षेप जैसे मुद्दों पर जोर रहेगा। वहीं, बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर भी विपक्ष सरकार से पारदर्शिता की मांग कर रहा है।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की स्वीकृति देना केंद्र सरकार के रुख में एक लचीलापन दिखाता है। यह विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच संवाद की संभावनाओं को भी दर्शाता है। लेकिन सत्र के दौरान सरकार को अन्य संवेदनशील मुद्दों पर भी जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।