"मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की सहमति दी"
"केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में बैठक, किरेन रिजिजू बोले – सदन सुचारू रूप से चलाना सभी की जिम्मेदारी"
नई दिल्ली, 20 जुलाई (The Trending People):
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। सत्र से एक दिन पहले रविवार को केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर जिम्मेदारी निभानी होगी।
सदन का संचालन सामूहिक जिम्मेदारी: रिजिजू
किरेन रिजिजू ने कहा,
“राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं, मगर सदन का अच्छे से चलना सभी की जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं बल्कि विपक्ष की भी है।”
उन्होंने आगे बताया कि इस सर्वदलीय बैठक में 51 राजनीतिक दलों और निर्दलीय सांसदों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 54 सदस्य उपस्थित थे। लगभग 40 नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी की राय और सत्र में उठाने वाले मुद्दे प्रस्तुत किए।
छोटे दलों को बोलने का पर्याप्त समय
रिजिजू ने यह भी स्वीकार किया कि छोटे दलों के पास अक्सर सीमित समय होता है। उन्होंने कहा,
“विशेषकर जिन पार्टियों के केवल 1-2 सांसद हैं, उन्हें बोलने का समय कम मिलता है। हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि छोटी पार्टियों के नेताओं को पर्याप्त समय मिल सके।”
कई अहम मुद्दों पर चर्चा की तैयारी
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने कई अहम मुद्दों पर बहस की मांग रखी है, जिन पर सरकार नियमों और संसदीय परंपराओं के अनुसार चर्चा को तैयार है।
उन्होंने कहा,
“हम खुले दिल से सभी मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार हैं। हमारी प्राथमिकता है कि सत्र सुचारू रूप से चले और जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक बहस हो।”
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा तय
रिजिजू ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विभिन्न दलों के प्रतिनिधिमंडलों की बैठकों से जो अनुभव सामने आए हैं, उन्हें राष्ट्र के साथ साझा किया जाना चाहिए।
“हमें ऑपरेशन सिंदूर पर बहस का स्वागत करना चाहिए और इससे जुड़े सकारात्मक अनुभवों को सामने लाना चाहिए।”
निष्कर्ष
सर्वदलीय बैठक में सत्र के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अलावा मणिपुर संकट, बेरोजगारी, महंगाई और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे विषयों पर भी चर्चा के संकेत मिले हैं। अब 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में यह देखना होगा कि सरकार और विपक्ष मिलकर कितनी रचनात्मक बहस कर पाते हैं।