भारत बना डिजिटल भुगतान में दुनिया का लीडर, IMF की रिपोर्ट में UPI की तारीफजून में 24 लाख करोड़ का लेन-देन, 18.39 अरब ट्रांजैक्शन और 7 देशों में UPI की पहुंच
नई दिल्ली, 21 जुलाई (TheTrendingPeople): भारत ने डिजिटल भुगतान (Digital Payment) के क्षेत्र में पूरी दुनिया को पीछे छोड़ दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अब रियल-टाइम डिजिटल भुगतान का ग्लोबल लीडर बन चुका है। इसका सबसे बड़ा कारण है – UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस।
जून 2025 में UPI से ₹24.03 लाख करोड़ का लेन-देन हुआ। ये ट्रांजैक्शन 18.39 अरब बार किए गए। मतलब हर दिन करोड़ों लोग UPI से पैसे भेजते या भुगतान करते हैं।
UPI क्या है?
UPI एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जिससे आप अपने मोबाइल फोन से सीधे बैंक अकाउंट से पैसे भेज सकते हैं।
न कैश की जरूरत, न कार्ड की — सिर्फ फोन से कुछ टैप में पेमेंट हो जाता है।
जून में कितना लेन-देन हुआ?
जून 2025 में:₹24.03 लाख करोड़ का लेन-देन
18.39 अरब ट्रांजैक्शन
पिछले साल जून 2024 में:
13.88 अरब ट्रांजैक्शन
यानि एक साल में ट्रांजैक्शन में 32% की बढ़ोतरी हुई।
भारत में डिजिटल पेमेंट का क्या रोल है?
IMF ने बताया कि:
- भारत में होने वाले 85% डिजिटल भुगतान UPI के जरिए होते हैं
- दुनिया में जितने रियल-टाइम पेमेंट होते हैं, उनमें 50% भारत के UPI से होते हैं
यानि भारत न केवल अपने देश में, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा डिजिटल भुगतान करता है।
VISA से भी आगे निकला UPI
IMF की रिपोर्ट के अनुसार:
- UPI हर दिन 64 करोड़ ट्रांजैक्शन करता है
- जबकि VISA हर दिन 63.9 करोड़ ट्रांजैक्शन करता है
यानि अब भारत का सिस्टम दुनिया की सबसे बड़ी पेमेंट कंपनियों से आगे निकल गया है।
कितने लोग और बैंक जुड़ चुके हैं UPI से?
- 49.1 करोड़ लोग (individual users)
- 6.5 करोड़ व्यापारी (merchants)
- 675 बैंक UPI से जुड़े हैं
यानि देश का हर कोना अब डिजिटल पेमेंट से जुड़ चुका है — गांव, शहर, दुकान, कंपनी — सब।
UPI से गांव और गरीब भी जुड़े
UPI से देश के छोटे शहरों, गांवों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोग भी अब बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट से जुड़ गए हैं।
- अब बिना ATM जाए, बिना लाइन में लगे, मोबाइल से पैसा भेजा या लिया जा सकता है।
- यह सस्ता, तेज़ और आसान तरीका है।
दुनिया के किन देशों में पहुंचा UPI?
अब UPI सिर्फ भारत में नहीं, दुनिया के 7 देशों में भी इस्तेमाल हो रहा है:
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
- सिंगापुर
- भूटान
- नेपाल
- श्रीलंका
- फ्रांस
- मॉरीशस
फ्रांस में UPI की शुरुआत यूरोप में भारत के डिजिटल सिस्टम की एंट्री मानी जा रही है। अब फ्रांस घूमने गए भारतीय आसानी से भुगतान कर सकते हैं।
ब्रिक्स देशों में भी बढ़ेगा UPI?
भारत अब चाह रहा है कि ब्रिक्स देशों (जैसे रूस, चीन, ब्राजील आदि) में भी UPI को एक साझा पेमेंट सिस्टम बनाया जाए।
अगर ऐसा हुआ तो:
- अंतरराष्ट्रीय पेमेंट तेज़ और सस्ता होगा
- भारत की डिजिटल ताकत और बढ़ेगी
- देश को वैश्विक मंच पर बड़ी पहचान मिलेगी
UPI कैसे बना इतनी बड़ी सफलता की कहानी?
UPI को NPCI (National Payments Corporation of India) ने 2016 में लॉन्च किया था।
- पहले दिन 0 ट्रांजैक्शन
- आज हर दिन 64 करोड़ ट्रांजैक्शन
ये भारत सरकार की डिजिटल इंडिया योजना, आधार कार्ड, मोबाइल नेटवर्क और बैंकिंग सिस्टम के बेहतर तालमेल की वजह से हुआ है।
आज UPI सिर्फ एक ऐप या पेमेंट सिस्टम नहीं है, बल्कि भारत की डिजिटल तरक्की और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है। IMF की रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि भारत अब सिर्फ दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं, बल्कि सबसे आगे बढ़ा हुआ डिजिटल देश भी बन चुका है।