8वें वेतन आयोग को मंजूरी: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी, जानें कब से
मिनिमम बेसिक सैलरी में ₹30,000 तक की बढ़ोतरी संभव
8वें वेतन आयोग के आने से हर सैलरी वर्ग के केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। मन में सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर न्यूनतम बेसिक सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है? अनुमान है कि आठवें वेतन आयोग के अंतर्गत मिनिमम बेसिक सैलरी में ₹18,000 से ₹30,000 तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और बढ़ती महंगाई का सामना करने में मदद करेगी।
कब से मिलेगी ज़्यादा सैलरी? 2026 या 2027 की शुरुआत
सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। पहले ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। हालांकि, अब बताया जा रहा है कि आठवां वेतन आयोग 2026 के अंत तक या 2027 की शुरुआत में ही लागू हो पाएगा। ऐसी स्थिति में, इसके लागू होने तक 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। यह देरी प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक बाधाओं के कारण हो सकती है।
65-68 लाख पेंशनभोगियों को भी मिलेगा फायदा
8वें वेतन आयोग का फायदा सिर्फ वर्तमान में नौकरी कर रहे 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को ही नहीं मिलेगा, बल्कि केंद्रीय सरकारी नौकरी से रिटायर हुए लगभग 65-68 लाख पेंशनभोगी भी इससे लाभान्वित होंगे। यह उनके लिए भी एक बड़ी वित्तीय राहत होगी, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की आय में सुधार होगा।
8वें वेतन आयोग में देरी के कारण
8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया में देरी के कई मुख्य कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक बाधाएं: जैसे आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में समय लगना।
- ToR (Terms of Reference) का अंतिम रूप न देना: आयोग के कामकाज के दायरे और नियमों को तय करने में देरी।
- बजटीय प्रावधानों की कमी: आवश्यक वित्तीय आवंटन की व्यवस्था में विलंब।
सरकार ने हितधारकों से इनपुट मांगने की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन अभी तक इस मामले में बहुत ज़्यादा प्रगति नहीं हुई है। 8वें वेतन आयोग को लागू करने के लिए मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करके एक नया सैलरी स्ट्रक्चर बनाना होगा, और इस प्रक्रिया में भी समय लगेगा।
निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग का गठन केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बहुप्रतीक्षित कदम है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार आएगा। हालांकि, इसके लागू होने में कुछ देरी हो सकती है, लेकिन सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट है। यह आयोग न केवल वेतन और भत्तों में वृद्धि करेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी एक बेहतर और सुरक्षित जीवन जी सकें।