गोल्ड लोन पर बड़ी राहत: RBI ने ₹2.5 लाख तक के लोन पर LTV बढ़ाकर 85% किया
नई दिल्ली, 7 जून 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को गोल्ड लोन लेने वालों को एक बड़ी राहत दी है। केंद्रीय बैंक ने घोषणा की है कि ₹2.5 लाख तक के गोल्ड लोन पर लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेश्यो को बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दिया गया है, जो अब तक 75 प्रतिशत था।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यह जानकारी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि इस फैसले से घर और छोटे व्यवसाय चलाने वालों के लिए कर्ज लेना आसान हो जाएगा।
"हम उम्मीद करते हैं कि गोल्ड लोन पर नए नियमन आज या सोमवार तक जारी कर दिए जाएंगे," — संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक
गोल्ड लोन पर क्या बदलेगा?
गोल्ड लोन पर LTV रेश्यो में बदलाव का मतलब है कि:
- यदि कोई व्यक्ति ₹1 लाख मूल्य का सोना गिरवी रखता है, तो अब उसे ₹75,000 की जगह ₹85,000 तक का लोन मिल सकेगा।
- यह फैसला ₹2.5 लाख तक के लोन के लिए लागू होगा।
छोटे लोन के लिए क्रेडिट मूल्यांकन की बाध्यता समाप्त
संजय मल्होत्रा ने यह भी बताया कि छोटे टिकट लोन (₹2 लाख तक) के मामलों में अब क्रेडिट मूल्यांकन की आवश्यकता नहीं होगी। इसका उद्देश्य उधार प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाना है, खासकर उन लोगों के लिए जो सीमित संसाधनों के बावजूद कर्ज लेना चाहते हैं।
वित्त मंत्रालय का हस्तक्षेप बना बदलाव की वजह
यह निर्णय वित्त मंत्रालय के सुझावों के बाद आया है। पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने RBI को सुझाव दिया था कि वह ₹2 लाख तक के छोटे गोल्ड लोन उधारकर्ताओं को ड्राफ्ट गाइडलाइंस से बाहर रखे।
वित्त मंत्रालय ने यह भी सलाह दी थी कि इन दिशा-निर्देशों को अगले वर्ष तक स्थगित किया जाए, ताकि छोटे उधारकर्ताओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
"छोटे गोल्ड लोन उधारकर्ताओं की आवश्यकताओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े, इसके लिए RBI को सुझाव दिए गए हैं," — वित्त मंत्रालय
क्या कहा था RBI ने 30 मई को?
RBI ने 30 मई को एक बयान में कहा था कि वह मसौदा दिशा-निर्देशों पर मिली जनता और हितधारकों की प्रतिक्रियाओं की समीक्षा कर रहा है। और उम्मीद जताई थी कि फीडबैक को ध्यान में रखते हुए अंतिम दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
RBI का यह निर्णय देशभर में लाखों छोटे उधारकर्ताओं और ग्रामीण घरों के लिए आर्थिक राहत का काम करेगा। यह न केवल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा, बल्कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे छोटे व्यापारियों को भी कर्ज के लिए ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराएगा।