महावीर जयंती 2025: भगवान महावीर के आदर्शों की प्रेरणादायक गाथा
महावीर जयंती 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त:
महावीर जयंती, जैन समुदाय के लिए एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है। यह भगवान महावीर स्वामी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर माने जाते हैं। वर्ष 2025 में यह पर्व 10 अप्रैल को मनाया जाएगा।
ड्रिक पंचांग के अनुसार, यह पर्व चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष त्रयोदशी तिथि 9 अप्रैल की रात 10:55 बजे प्रारंभ होकर 11 अप्रैल की रात 1:00 बजे समाप्त होगी।
भगवान महावीर का जीवन परिचय:
भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में बिहार के कुंडग्राम (वर्तमान में वैशाली ज़िले में) में हुआ था। वे इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के पुत्र थे। बचपन से ही उनमें त्याग, तपस्या और करुणा की भावना थी।
30 वर्ष की आयु में उन्होंने राजसी सुखों को त्यागकर आत्मज्ञान की खोज में वन की ओर प्रस्थान किया। 12 वर्षों की कठोर तपस्या और ध्यान के बाद उन्हें 'केवल ज्ञान' (पूर्ण ज्ञान) की प्राप्ति हुई। इसके बाद उन्होंने अपने जीवन को मानवता की सेवा और जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में समर्पित कर दिया।
महावीर जयंती का महत्व:
यह पर्व भगवान महावीर के पाँच मूल सिद्धांतों की याद दिलाता है:
- अहिंसा (Non-Violence)
- सत्य (Truth)
- अस्तेय (Non-Stealing)
- ब्रह्मचर्य (Celibacy)
- अपरिग्रह (Non-Possession)
इन सिद्धांतों पर चलकर ही व्यक्ति आंतरिक शांति, सत्य और आत्म-साक्षात्कार की ओर अग्रसर हो सकता है। महावीर जयंती पर श्रद्धालु उपवास रखते हैं, ध्यान करते हैं, और प्रभु महावीर के जीवन एवं शिक्षाओं पर विचार करते हैं।
महावीर जयंती 2025 के प्रमुख आयोजनों और रीति-रिवाजों की झलक:
- रथ यात्रा: भगवान महावीर की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसमें उनका विग्रह सुसज्जित रथ में विराजमान किया जाता है।
- अभिषेक: भगवान के विग्रह का विशेष स्नान (अभिषेक) किया जाता है।
- भजन-कीर्तन और प्रवचन: जैन मंदिरों में भक्ति गीतों का आयोजन होता है, साथ ही संतों द्वारा धर्म उपदेश दिए जाते हैं।
- दान-पुण्य और सेवा: गरीबों को भोजन, वस्त्र और दवाएं वितरित की जाती हैं।
समाज पर प्रभाव और आज की प्रासंगिकता:
भगवान महावीर की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी सदियों पहले थीं। उनकी अहिंसा की नीति महात्मा गांधी जैसे नेताओं को भी प्रेरणा देती रही है। पर्यावरण संरक्षण, नैतिकता, संयम और करुणा के उनके संदेश आज के दौर में सामाजिक समरसता की राह दिखाते हैं।
महावीर जयंती केवल एक पर्व नहीं, बल्कि मानवता, त्याग, और आत्मज्ञान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह दिन हर व्यक्ति को जीवन में सादगी, सत्य और सहिष्णुता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।