'धुरंधर' के बाद चर्चा में आया ल्यारी का 'जल्लाद'—उज़ैर बलूच का वो वायरल इंटरव्यू, जब पत्रकार ने पूछा- "पानी की किल्लत में आपके घर स्विमिंग पूल कैसे?"
नई दिल्ली/कराची — सिनेमा अक्सर समाज का आईना होता है, लेकिन कभी-कभी हकीकत सिनेमाई पर्दे से भी ज्यादा खौफनाक होती है। आदित्य धर और रणवीर सिंह की हालिया फिल्म 'धुरंधर' (Dhurandhar) ने एक बार फिर पाकिस्तान के कराची स्थित ल्यारी (Lyari) के उस काले अध्याय को खोल दिया है, जिसे दुनिया शायद भूल चुकी थी। फिल्म में अक्षय खन्ना ने कुख्यात रहमान डकैत और दानिश पंडोर ने उसके भाई उज़ैर बलूच (Uzair Baloch) का किरदार निभाया है। परदे पर इन किरदारों को खूब पसंद किया जा रहा है, लेकिन असल जिंदगी में उज़ैर बलूच की क्रूरता की कहानियां सुनकर रूह कांप जाती है।
इस बीच, सोशल मीडिया पर उज़ैर बलूच का एक पुराना इंटरव्यू जंगल की आग की तरह वायरल हो रहा है। वरिष्ठ पत्रकार नूर-उल-आरिफीन द्वारा लिए गए इस इंटरव्यू को देखकर लोग हैरान हैं कि कैसे एक निहत्थे पत्रकार ने कराची के सबसे खूंखार गैंगस्टर की आंखों में आंखें डालकर तीखे सवाल पूछे थे।
रील बनाम रियल: 'फुटबॉल' खेलने वाला जल्लाद
फिल्म 'धुरंधर' में दानिश पंडोर ने उज़ैर बलूच के किरदार में जान डाल दी है, लेकिन असल जिंदगी का उज़ैर इससे कहीं ज्यादा बेरहम था। कराची के ल्यारी इलाके में उसे 'जल्लाद' कहा जाता था। रहमान डकैत की मौत के बाद गैंग की कमान संभालने वाले उज़ैर ने हिंसा का ऐसा नंगा नाच किया कि पूरा कराची थर्रा उठा था।
क्रूरता की हद: उज़ैर बलूच की दरिंदगी का सबसे खौफनाक किस्सा उसके प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर अरशद पप्पू (Arshad Pappu) की हत्या से जुड़ा है। रिपोर्ट्स और स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, उज़ैर ने न केवल अरशद पप्पू की हत्या की, बल्कि उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद जो हुआ, वह इंसानियत को शर्मसार करने वाला था—कहा जाता है कि उज़ैर और उसके गुर्गों ने उस कटे हुए सिर के साथ फुटबॉल खेला था। 'धुरंधर 2' में दर्शकों को इस हैवानियत की झलक देखने को मिल सकती है।
वायरल इंटरव्यू: जब पत्रकार ने गैंगस्टर को किया 'क्लीन बोल्ड'
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना वीडियो क्लिप उस दौर का है जब उज़ैर बलूच का सिक्का चलता था। पत्रकार नूर-उल-आरिफीन ने उसके आलीशान बंगले में बैठकर उसका इंटरव्यू लिया था। इस इंटरव्यू में पत्रकार ने जिस बेबाकी से सवाल पूछे, उसे देखकर आज की पीढ़ी हैरान है।
अमीरी बनाम गरीबी: ल्यारी, जो अपनी गरीबी, तंग गलियों और पानी की किल्लत के लिए जाना जाता है, वहां उज़ैर बलूच एक राजा की तरह रहता था।
- पत्रकार का सवाल: इंटरव्यू में नूर-उल-आरिफीन ने सीधा हमला बोलते हुए पूछा, "पूरे इलाके में पानी को लेकर हाहाकार मचा है, लोग बूंद-बूंद को तरस रहे हैं, लेकिन आपके घर में पानी के झरने लगे हैं, स्विमिंग पूल है। ये विरोधाभास क्यों?"
- उज़ैर का जवाब: गैंगस्टर ने बड़ी बेशर्मी से जवाब दिया, "ये सब अल्लाह की देन है। मैं ट्रांसपोर्टर हूं, मेरी खुद की जमीनें हैं और दुबई में कारोबार है। मैं लोगों में भी ये चीजें बांटता हूं।"
उसने कैमरे पर यहां तक दावा किया कि उसने आज तक एक 'चींटी' भी नहीं मारी है, जबकि पूरी दुनिया उसके अपराधों से वाकिफ थी।
सोशल मीडिया पर बाढ़: "क्या यह पत्रकार जिंदा है?"
इस पुराने वीडियो के दोबारा वायरल होने के बाद नेटिजन्स पत्रकार की हिम्मत की दाद दे रहे हैं।
- एक यूजर ने कमेंट किया: "क्या ये जर्नलिस्ट अभी भी जिंदा है? शेर के मांद में घुसकर उसे ललकारना इसे ही कहते हैं।"
- दूसरे ने लिखा: "जिस तरह से इन्होंने सवाल किए हैं, लगता नहीं कि बलूच ने इसे आसानी से जाने दिया होगा।"
- एक अन्य यूजर ने फिल्म मेकर्स को सलाह दी: "इस पत्रकार को 'धुरंधर' में एक रोल पक्का मिलना चाहिए था। यह असली हीरो है।"
ल्यारी का सच: भूख, प्यार और गैंगवार
ल्यारी सिर्फ एक जगह का नाम नहीं, बल्कि एक त्रासदी है। यह इलाका कभी फुटबॉल और बॉक्सिंग के लिए जाना जाता था, लेकिन 80 और 90 के दशक में यह ड्रग्स और गैंगवार का केंद्र बन गया। जब वहां की जनता भूख और गरीबी से जूझ रही थी, उज़ैर बलूच जबरन वसूली (Extortion) और नशीली दवाओं के धंधे से पैसे कूट रहा था।
उसका चार मंजिला बंगला किसी किले से कम नहीं था। जहां बाहर लोग दाने-दाने को मोहताज थे, वहां अंदर अय्याशी का हर सामान मौजूद था। 'धुरंधर' फिल्म ने इसी कंट्रास्ट को दिखाने की कोशिश की है, लेकिन वायरल इंटरव्यू ने दर्शकों को हकीकत का असली आईना दिखा दिया है।
हमारी राय
सिनेमा में अक्सर गैंगस्टर्स को 'लार्जर देन लाइफ' (Larger than life) दिखाया जाता है, जिससे कभी-कभी अनजाने में उनके प्रति एक आकर्षण पैदा हो जाता है। लेकिन उज़ैर बलूच जैसे अपराधियों की असलियत यह वायरल इंटरव्यू बयां करता है। एक क्रूर हत्यारा, जो अपने ही लोगों के संसाधनों को लूटकर स्विमिंग पूल में नहाता है और खुद को 'मसीहा' बताता है।
The Trending People का मानना है कि असली 'धुरंधर' वह गैंगस्टर नहीं, बल्कि वह पत्रकार नूर-उल-आरिफीन हैं, जिन्होंने बंदूक के साये में भी सवाल पूछने का धर्म नहीं छोड़ा। यह वीडियो आज की पत्रकारिता के लिए भी एक सबक है कि सत्ता और ताकत के सामने सच कैसे बोला जाता है। फिल्म का मनोरंजन अपनी जगह है, लेकिन हमें इतिहास के इन काले पन्नों और उनसे लड़ने वाले असली नायकों को नहीं भूलना चाहिए।