भारत-अमेरिका ट्रेड डील का पहला चरण नवंबर तक फाइनल हो सकता है: पीयूष गोयल
नई दिल्ली, 11 सितंबर — केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील का पहला चरण इस साल नवंबर तक फाइनल हो सकता है। दोनों देशों के बीच चर्चाएं सकारात्मक माहौल में जारी हैं और अब तक हुई प्रगति से दोनों पक्ष संतुष्ट हैं।
पीएम मोदी और ट्रंप के निर्देश के बाद तेज हुई बातचीत
पीयूष गोयल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने मंत्रियों को इस समझौते पर काम करने और नवंबर 2025 तक पहले चरण को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया था। मंत्री ने कहा कि मार्च से ही दोनों पक्षों के बीच लगातार गंभीर और रचनात्मक वार्ताएं हो रही हैं।
गोयल ने बताया, “यह चर्चाएं बहुत अच्छे माहौल में चल रही हैं और प्रगति से दोनों पक्ष संतुष्ट हैं। हमें विश्वास है कि पहला चरण नवंबर तक पूरा हो जाएगा।”
सोशल मीडिया पर मोदी-ट्रंप की सकारात्मक बातचीत
इस घोषणा से पहले सोशल मीडिया पर मोदी और ट्रंप के बीच हुए संवाद ने माहौल को और उत्साहित किया।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि उन्हें खुशी है कि भारत और अमेरिका व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए निरंतर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे आने वाले हफ्तों में अपने “बहुत अच्छे दोस्त” प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के इच्छुक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (X) पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका को भारत का “घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार” बताया। मोदी ने लिखा कि ट्रेड डील से भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाएं सामने आएंगी और दोनों पक्ष जल्द से जल्द बातचीत पूरी करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
बाद में ट्रंप ने पीएम मोदी के पोस्ट को रीशेयर कर संकेत दिया कि वाशिंगटन और नई दिल्ली दोनों ही इस डील को लेकर सकारात्मक रुख में हैं।
क्यों अहम है यह ट्रेड डील?
भारत और अमेरिका के बीच यह संभावित ट्रेड डील देश की अर्थव्यवस्था और व्यापारिक रिश्तों के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि डील के पहले चरण में टैरिफ, आयात-निर्यात नियमों और बाजार पहुंच से जुड़ी बाधाओं को दूर किया जा सकता है। इससे भारतीय उद्योगों को अमेरिकी बाजार में और अधिक अवसर मिलेंगे।
वहीं, अमेरिका भी भारतीय उपभोक्ता बाजार तक और आसानी से पहुंच बना सकेगा। यह डील ‘मेक इन इंडिया’ पहल को गति दे सकती है और दोनों देशों के बीच निवेश, टेक्नोलॉजी और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दे सकती है।
आगे का रास्ता
ट्रेड डील के पहले चरण पर सहमति बनना भारत-अमेरिका संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत साबित हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच मतभेद वाले मुद्दों—जैसे कृषि, ई-कॉमर्स नियम और वीजा नीतियों—पर अभी और गहन बातचीत की आवश्यकता होगी।
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक रिश्ते न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती देंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नए अवसरों के द्वार खोलेंगे। नवंबर तक इस ट्रेड डील के पहले चरण पर सहमति बनना भारत की आर्थिक कूटनीति के लिए बड़ी सफलता होगी। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बातचीत किस तरह दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाती है।