79वां स्वतंत्रता दिवस: लाल किले से पीएम मोदी का 12वां संबोधन, 85 गांवों के सरपंच बने गवाह
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 – 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को 12वीं बार संबोधित किया। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 85 गांवों के सरपंचों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
गांव के विकास को बताया देश की आधारशिला
पुणे के कोरेगांव भीमा के सरपंच संदीप ढेरंगे ने पीएम मोदी के भाषण की सराहना करते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री ने कृषि, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। गांव का विकास ही देश के विकास की नींव है।”
उन्होंने युवाओं के लिए घोषित विकसित भारत रोजगार योजना को एक बड़ा कदम बताया, जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
महिला सशक्तिकरण पर जोर
महाराष्ट्र से आई डॉ. अनुप्रीता ने कहा कि भाषण में महिला सशक्तिकरण का उल्लेख सुनकर गर्व महसूस हुआ।
“महिलाएं राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दे रही हैं, यह सुनकर मन प्रसन्न हुआ।”
कार्यक्रम में शामिल होने का गर्व
अंजलि ने बताया कि कार्यक्रम में शामिल होना उनके जीवन का यादगार पल था।
“प्रधानमंत्री को लाइव सुनना मेरे लिए गर्व का क्षण था।”
हरियाणा के सरपंचों ने बताया ऐतिहासिक पल
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जसमेर सिंह (सुल्तानपुर, करनाल):
“कभी नहीं सोचा था कि सरपंचों को ऐसे कार्यक्रम में बुलाया जाएगा। पीएम मोदी ने गांव में केंद्रीय टीम भेजकर सर्वे करवाया था और अब काम उसी अनुसार हो रहा है।”
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रतन पाल सिंह चौहान (नीरपुर राजपूत, महेंद्रगढ़):
“पहले लगता था कि ऐसे आयोजन केवल बड़े अधिकारियों के लिए होते हैं, लेकिन हमें भी सम्मान और वीवीआईपी सुविधाएं मिलीं। पीएम मोदी ने नए भारत का संदेश दिया और युवाओं को प्रेरित किया।”
उन्होंने पीएम मोदी की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा,
“वह इस उम्र में 24 घंटे देश के लिए काम करते हैं, जो युवाओं के लिए प्रेरणा है। भारत किसी के आगे नहीं झुकता।”
TheTrendingIndia.com की टिप्पणी
यह स्वतंत्रता दिवस न सिर्फ लाल किले से दिए गए प्रधानमंत्री के संदेश के लिए ऐतिहासिक रहा, बल्कि इसलिए भी कि गांवों के जनप्रतिनिधियों को पहली पंक्ति में जगह मिली। यह ग्रामीण भारत को राष्ट्रीय मंच पर लाने की एक मजबूत पहल है।