उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट की रोक बरकरार, कमेटी ने सुझाए 6 बदलाव
नेशनल डेस्क, 21 जुलाई (दी ट्रेंडिंग पीपल)। राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक बरकरार रखी है। यह फिल्म 11 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, लेकिन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका दायर कर दावा किया था कि फिल्म का कंटेंट सांप्रदायिक तनाव भड़का सकता है। इस बीच, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने फिल्म में छह महत्वपूर्ण बदलाव करने के सुझाव दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इन सुझावों की कॉपी याचिकाकर्ताओं को सौंपने और अगली सुनवाई 24 जुलाई को करने का निर्देश दिया है। तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक जारी रहेगी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि वे केंद्र के फैसले की कॉपी देखने के बाद अगली सुनवाई में मामले पर विचार करेंगे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि केंद्र सरकार ने इन सुझावों के साथ आदेश जारी कर दिया है।
जांच कमेटी द्वारा सुझाए गए प्रमुख बदलाव
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर गठित जांच कमेटी ने फिल्म में कई महत्वपूर्ण बदलावों की सलाह दी है, ताकि इसके संभावित सांप्रदायिक प्रभाव को कम किया जा सके:
डिस्क्लेमर में बदलाव: फिल्म के डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) में बदलाव करने का सुझाव दिया गया है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि फिल्म किसी समुदाय विशेष को निशाना नहीं बनाती है।वॉयस ओवर जोड़ना: कुछ दृश्यों में वॉयस ओवर (पार्श्व स्वर) जोड़ने की सलाह दी गई है, संभवतः संदर्भ स्पष्ट करने या किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए।
कुछ क्रेडिट फ्रेम हटाना: फिल्म के क्रेडिट फ्रेम से कुछ हिस्सों को हटाने का सुझाव दिया गया है।
एआई-जनरेटेड सीन में बदलाव: सऊदी अरब में इस्तेमाल होने वाली पगड़ी के एआई-जनरेटेड (AI-generated) सीन में बदलाव करने को कहा गया है। यह संभवतः सांस्कृतिक संवेदनशीलता या गलत चित्रण से बचने के लिए है।
फिल्म का आधार और कलाकारों की भूमिका
‘उदयपुर फाइल्स’ 2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल साहू की नृशंस हत्या पर आधारित है। यह घटना देशभर में सांप्रदायिक तनाव का कारण बनी थी। फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने 50 से ज्यादा कट के साथ मंजूरी दी थी, लेकिन याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इसके बावजूद यह सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है।
फिल्म में विजय राज, रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं। इन कलाकारों का अभिनय फिल्म को एक गंभीर और संवेदनशील विषय पर आधारित होने के बावजूद दर्शकों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण होगा।
‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट की रोक और जांच कमेटी द्वारा सुझाए गए बदलाव यह दर्शाते हैं कि कलात्मक स्वतंत्रता और सामाजिक सद्भाव के बीच संतुलन बनाना कितना महत्वपूर्ण है। कन्हैयालाल हत्याकांड जैसे संवेदनशील विषय पर बनी फिल्म को लेकर समाज में चिंताएं स्वाभाविक हैं। अब सभी की निगाहें 24 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां सुप्रीम कोर्ट केंद्र के फैसले और याचिकाकर्ताओं की प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद अंतिम निर्णय लेगा। यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सामाजिक जिम्मेदारी और न्यायपालिका की भूमिका के बीच एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देता है।