नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025। सावन माह में आने वाली शिवरात्रि को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। इस वर्ष सावन शिवरात्रि का पर्व 23 जुलाई को पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत व्रत रखने, शिवलिंग पर जल व बेलपत्र चढ़ाने तथा रात भर जागरण करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन शिवरात्रि हर वर्ष सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 23 जुलाई को सुबह 4:39 बजे से आरंभ होकर 24 जुलाई को रात 2:28 बजे तक रहेगी। ऐसे में पूजन और व्रत का शुभ दिन 23 जुलाई को ही माना जाएगा।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और बेलपत्र चढ़ाया जाता है। शिव भक्त व्रत रखते हैं, पूरे दिन फलाहार करते हैं और रात्रि में शिव कथा का श्रवण करते हैं या भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं।
विशेष बात यह है कि शिवरात्रि पर केवल शिवलिंग की पूजा ही नहीं बल्कि बेलपत्र का पौधा लगाने का भी विशेष महत्व होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यदि इस दिन बेलपत्र का पौधा घर में लगाया जाए, तो महादेव की कृपा सदा घर पर बनी रहती है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेलपत्र का पौधा उत्तर दिशा या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है और नकारात्मकता को समाप्त करती है। साथ ही यह पौधा वातावरण को पवित्र रखने में भी सहायक होता है।
पूजन की विधियों की बात करें तो इस दिन प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। फिर शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक कर उसमें बेलपत्र, धतूरा और आक की पुष्पांजलि अर्पित करनी चाहिए। श्रद्धा से किया गया 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ बहुत पुण्यदायी माना जाता है।
रात्रि में शिव जागरण और शिव कथा का श्रवण अथवा पाठ करने से साधक को विशेष आध्यात्मिक अनुभव होते हैं। भक्तों की मान्यता है कि जो शिवरात्रि को पूरी भक्ति से भगवान शिव का ध्यान करते हैं, उन्हें जीवन में किसी प्रकार का भय नहीं सताता और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इस बार चूंकि शिवरात्रि सावन मास के बुधवार को पड़ रही है, ऐसे में बुध ग्रह के दोषों से भी मुक्ति मिल सकती है। बुध ग्रह बुद्धि, व्यापार और संवाद का प्रतिनिधि होता है। शिव जी की पूजा बुध को विशेष फल देती है।
TheTrendingPeople की अंतिम टिप्पणी:
सावन शिवरात्रि न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह अध्यात्म और संयम की साधना का विशेष अवसर भी है। यह दिन हमें ईश्वर के प्रति श्रद्धा, प्रकृति के प्रति सम्मान और आत्मविकास की ओर प्रेरित करता है। बेलपत्र का पौधा लगाकर न केवल भगवान शिव की कृपा प्राप्त की जा सकती है, बल्कि अपने वातावरण को भी सकारात्मक बनाया जा सकता है। TheTrendingPeople अपने पाठकों को सावन शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं देता है और आह्वान करता है कि इस पावन अवसर पर हम सभी आस्था, परंपरा और पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने का संकल्प लें।