उत्तराखंड में 'लखपति दीदी' योजना ने पूरा किया लक्ष्य, अब 1.5 लाख और महिलाओं को बनाने का नया लक्ष्य
देहरादून – उत्तराखंड में ग्राम्य विकास विभाग के तहत संचालित 'लखपति दीदी' योजना ने एक महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर लिया है। राज्य सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 1.65 लाख महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनाने का अपना निर्धारित लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस बड़ी सफलता के बाद, प्रदेशभर में 1.50 लाख और महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनाने का नया और महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके साथ ही, 'हाउस ऑफ हिमालया' पहल के तहत आदि कैलाश रूट पर भी नए आउटलेट खोले जाएंगे, जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं को अतिरिक्त आय के अवसर प्राप्त होंगे।
महिला सशक्तिकरण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आवश्यक
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने हाल ही में 'लखपति दीदी' योजना और 'हाउस ऑफ हिमालया' के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। मीडिया को जारी बयान में ग्राम्य विकास मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए महिलाओं को सशक्त करना अत्यंत आवश्यक है। उनका यह बयान महिला सशक्तिकरण को आर्थिक विकास के एक केंद्रीय स्तंभ के रूप में देखता है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना और मार्गदर्शन से यह कार्य 'लखपति दीदी' योजना के तहत मजबूती से आगे बढ़ रहा है। इस योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं की आय को बढ़ाकर उन्हें सालाना 1 लाख रुपये या उससे अधिक तक पहुंचाना है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। मंत्री जोशी ने स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिए जाने के कार्य को भी प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपनी आय में प्रभावी ढंग से वृद्धि कर सकें। ये प्रशिक्षण कौशल विकास पर केंद्रित होंगे, जिससे महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में संलग्न हो सकें।
'हाउस ऑफ हिमालया' और चारधाम यात्रा मार्गों पर आउटलेट
ग्राम्य विकास मंत्री ने जानकारी दी कि 'हाउस ऑफ हिमालया' पहल के तहत चारधाम यात्रा मार्गों पर अब तक कुल 164 आउटलेट खोले जा चुके हैं। ये आउटलेट स्थानीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए हस्तशिल्प, कृषि उत्पाद, और अन्य पारंपरिक वस्तुओं को बेचने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं, जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सीधा लाभ मिलता है। इन आउटलेट्स पर स्थानीय, जैविक और पारंपरिक उत्पादों को प्रदर्शित किया जाता है, जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
नए आउटलेट खोलने की कार्यवाही भी तेजी से जारी है, जिसमें अब आदि कैलाश रूट को भी शामिल किया गया है। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है, क्योंकि यह स्थानीय उत्पादन और पर्यटन को बढ़ावा देती है। यह योजना उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और उन्हें समाज में अधिक सम्मानजनक स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 'लखपति दीदी' योजना उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सफल मॉडल बनकर उभरी है।