लक्ष्य सेन: भारत के बैडमिंटन का नया सितारा, 2028 ओलंपिक में पदक की उम्मीद
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 – प्रकाश पादुकोण, पुलेला गोपीचंद, सायना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के बाद अब भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की जिम्मेदारी एक नए चेहरे पर है – लक्ष्य सेन। 24 वर्षीय लक्ष्य को भारतीय पुरुष बैडमिंटन का भविष्य माना जा रहा है और पेरिस 2024 ओलंपिक में उनके शानदार प्रदर्शन ने इस उम्मीद को और मजबूत किया है।
पेरिस ओलंपिक 2024: इतिहास के करीब पहुंचा सपना
लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलंपिक में पुरुष एकल सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया।
- पहले भारतीय पुरुष जो बैडमिंटन एकल में सेमीफाइनल तक पहुंचे।
- ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मैच में बेहद करीबी मुकाबले में हार मिली, लेकिन पूरे देश को विश्वास दिला गए कि भारत की खाली रही पदक झोली जल्द भर सकती है।
उत्तराखंड से बेंगलुरु तक: एक खिलाड़ी की यात्रा
- जन्म: 16 अगस्त 2001, अल्मोड़ा, उत्तराखंड
- परिवार: दादा और पिता बैडमिंटन खिलाड़ी, बड़े भाई चिराग सेन भी बैडमिंटन खेलते हैं।
- प्रशिक्षण: 10 साल की उम्र में कोच विमल कुमार की अकादमी में शामिल, प्रकाश पादुकोण की एकेडमी में भी ट्रेनिंग ली और उन्हें अपना मेंटर मानते हैं।
जूनियर से सीनियर तक का सफर
- जूनियर स्तर पर दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी रह चुके हैं।
- 2021: विश्व चैंपियनशिप (पुरुष एकल) – ब्रॉन्ज मेडल
- 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स (बर्मिंघम) – गोल्ड मेडल
- 2022: थॉमस कप – गोल्ड मेडल
- 2022: अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित
कोच और मेंटर का भरोसा
लक्ष्य के कोच विमल कुमार का मानना है कि पेरिस में जो चूक हुई, उसे लक्ष्य 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में सुधारेंगे। उनका कहना है,
“लक्ष्य में ओलंपिक मेडल जीतने की पूरी क्षमता है। आने वाले तीन साल उनकी तैयारी और मानसिक मजबूती के लिए निर्णायक होंगे।”
क्यों है लक्ष्य से इतनी उम्मीदें?
- लगातार बेहतर प्रदर्शन – राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में स्थिरता।
- कम उम्र में बड़ी उपलब्धियां – 24 साल की उम्र में ही शीर्ष उपलब्धियां।
- मानसिक दृढ़ता – बड़े मुकाबलों में दबाव झेलने की क्षमता।
2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक: अगला लक्ष्य
बैडमिंटन के पुरुष एकल में भारत अभी तक ओलंपिक पदक जीतने से वंचित है। लक्ष्य सेन के प्रदर्शन और अनुभव को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि वह 2028 ओलंपिक में इतिहास रच सकते हैं।
TheTrendingPeople.com की अंतिम टिप्पणी
लक्ष्य सेन सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि उस उम्मीद का नाम हैं जो भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है। पेरिस में जो अधूरा सपना रह गया, वह लॉस एंजिल्स में पूरा हो सकता है – और तब शायद उनका नाम भारतीय खेल इतिहास के सबसे बड़े दिग्गजों में लिखा जाएगा।
