दिग्वेश सिंह: मिस्ट्री स्पिनर, आईपीएल से टीम इंडिया तक का सफरफोटो : IANS
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के क्षितिज पर एक नया सितारा तेजी से उभर रहा है - दिग्वेश सिंह, एक 'मिस्ट्री स्पिनर' जो अपनी गेंद फेंकने की अनूठी शैली के लिए जाने जाते हैं। वह गेंद को छिपाकर रखते हैं, ताकि बल्लेबाज उसे पढ़ न सके, जिससे उन्हें विकेट लेने में मदद मिलती है। दिल्ली में 15 दिसंबर 1999 को जन्मा यह गेंदबाज दिल्ली प्रीमियर लीग (डीपीएल) की खोज माना जाता है, और अब वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी अपनी छाप छोड़ चुके हैं।
दिल्ली प्रीमियर लीग से आईपीएल तक का सफर
साल 2024 में दिग्वेश सिंह ने डीपीएल के पहले ही सीजन में अपनी चमक बिखेरते हुए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 7.82 की इकॉनमी के साथ 14 शिकार किए, जो एक स्पिनर के लिए प्रभावशाली आंकड़े हैं। यही वजह रही कि इंडियन प्रीमियर लीग-2025 (आईपीएल) के लिए नीलामी में लखनऊ सुपर जायंट्स ने उन्हें 30 लाख रुपये के बेस प्राइज पर अपने साथ जोड़ा, जो उनकी प्रतिभा पर फ्रेंचाइजी के विश्वास को दर्शाता है।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन
आईपीएल से पहले, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी-2025 में भी दिग्वेश राठी ने शानदार गेंदबाजी करते हुए अपनी काबिलियत साबित की। उन्होंने 2 मुकाबलों में 2.71 की इकॉनमी के साथ तीन विकेट अपने नाम किए। वह दो से ज्यादा मुकाबले खेलते हुए टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ इकॉनमी वाले गेंदबाज रहे, जो उनकी नियंत्रित और प्रभावी गेंदबाजी का प्रमाण है।
बल्लेबाज बनने की चाहत से स्पिनर बनने तक
यूं तो, दिग्वेश एक बल्लेबाज बनना चाहते थे, लेकिन नेट्स पर प्रैक्टिस की कमी के चलते उन्हें गेंदबाजी चुननी पड़ी। यह फैसला उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। दिग्वेश वेस्टइंडीज के रहस्यमयी स्पिनर सुनील नरेन के बड़े फैन हैं। यही वजह है कि दिग्वेश का गेंदबाजी एक्शन भी इसी खिलाड़ी से मेल खाता है, जिससे उनकी 'मिस्ट्री स्पिनर' वाली पहचान और मजबूत होती है।
संघर्ष और वापसी: क्रिकेट में कोई 'गॉडफादर' नहीं
क्रिकेट में दिग्वेश राठी का कोई 'गॉडफादर' नहीं था, और उनका सफर आसान नहीं रहा। 2018-19 सत्र में उन्हें दिल्ली अंडर-23 टीम के लिए चुना तो गया, लेकिन एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। अगले सीजन में उन्हें टीम से बाहर ही कर दिया गया, जिससे उनकी उम्मीदों को झटका लगा।
2022-23 सीजन तक राठी क्रिकेट से गुमनाम ही हो गए थे। इसी बीच बीसीसीआई ने अंडर-23 प्रतियोगिता को अंडर-25 में बदला, जिसने राठी को वापसी का मौका दिया। इस बदलाव के बाद राठी ने दिल्ली के लिए लाल और सफेद गेंदों के फॉर्मेट में 10 मैच खेले, जिससे उन्हें अपनी प्रतिभा को फिर से दिखाने का अवसर मिला।
डीपीएल में मिली सफलता के बाद, राठी ने अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के खिलाफ सैयद मुश्ताक अली टी20 मैच खेलते हुए खुद को साबित कर दिखाया, जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
आईपीएल में जलवा और 'नोटबुक सेलिब्रेशन' विवाद
दिग्वेश राठी ने आईपीएल-2025 में लखनऊ सुपरजायंट्स की ओर से 13 मैच खेले, जिसमें 8.25 की इकॉनमी के साथ 14 शिकार किए। यह उनका आईपीएल में एक सफल डेब्यू सीजन था, जहां उन्होंने अपनी मिस्ट्री स्पिन से बल्लेबाजों को परेशान किया। हालांकि, आईपीएल के दौरान अपने चर्चित 'नोटबुक सेलिब्रेशन' के चलते दिग्वेश राठी को एक मैच का बैन तक झेलना पड़ा, जो उनकी आक्रामक शैली का एक हिस्सा था।
जून 2025 में दिग्वेश राठी ने एक लोकल मैच में पांच गेंदों में पांच विकेट लेकर सनसनी मचा दी। इस दौरान उन्होंने दो बल्लेबाजों को एलबीडब्ल्यू, जबकि तीन बल्लेबाजों को बोल्ड किया। राठी ने इस मैच में कुल सात विकेट अपने नाम किए, जो उनकी विकेट लेने की क्षमता को दर्शाता है।
एक अच्छे फील्डर और फिटनेस आइकॉन
दिग्वेश राठी शानदार गेंदबाज के साथ एक अच्छे फील्डर भी हैं। मैदान पर उनकी एनर्जी देखने लायक होती है, जो टीम के लिए एक अतिरिक्त लाभ है। राठी की फिटनेस उन्हें लंबे स्पेल फेंकने में सक्षम बनाती है, जो एक स्पिनर के लिए बेहद जरूरी गुण है, खासकर टी20 जैसे फॉर्मेट में जहां गेंदबाजों पर काफी दबाव होता है।
फैंस का मानना है कि अगर आईपीएल-2026 में भी दिग्वेश अपना जलवा दिखाएं, तो उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे खुल सकते हैं। उनकी अद्वितीय गेंदबाजी शैली, फिटनेस और प्रदर्शन में निरंतरता उन्हें भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना सकती है।