हफ्ते में चार बार चिकन खाने से बढ़ सकता है पेट के कैंसर का खतरा, पुरुषों में जोखिम दोगुना
नई दिल्ली: अगर आप नॉनवेज खाने के शौकीन हैं और आपकी थाली में नियमित रूप से चिकन शामिल रहता है, तो यह खबर आपको सावधान कर सकती है। इटली में हुई एक नई स्टडी में यह सामने आया है कि हफ्ते में चार बार या उससे अधिक पोल्ट्री प्रॉडक्ट्स—विशेष रूप से चिकन—का सेवन करने से गैस्ट्रिक कैंसर (पेट के कैंसर) का खतरा बढ़ सकता है।
यह अध्ययन प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल ‘Nutrients’ में प्रकाशित हुआ है, जिसमें 4,000 से अधिक लोगों की जीवनशैली, खानपान और स्वास्थ्य संबंधी आदतों का विश्लेषण किया गया।
क्या कहती है स्टडी?
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों से उनकी उम्र, लिंग, स्वास्थ्य स्थिति, जीवनशैली और मेडिकल इतिहास की जानकारी ली। इसके बाद उन्हें फूड फ्रीक्वेंसी क्वेश्चनर दिया गया, जिससे यह पता लगाया गया कि वे किस तरह और कितनी मात्रा में मांस खाते हैं।
मांस को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया:
- रेड मीट (गाय, बकरी, भेड़ आदि का मांस)
- पोल्ट्री (मुर्गी, टर्की आदि)
- कुल मांस सेवन (Total Meat)
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
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जो लोग हफ्ते में 300 ग्राम या अधिक पोल्ट्री खाते थे, उनमें गैस्ट्रिक कैंसर से मृत्यु का जोखिम 27% अधिक पाया गया, उनकी तुलना में जो 100 ग्राम से कम खाते हैं।
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खासकर पुरुषों में यह खतरा अधिक पाया गया। जिन पुरुषों का चिकन सेवन 300 ग्राम प्रति सप्ताह से अधिक था, उनमें कैंसर से मरने की संभावना लगभग दोगुनी हो गई।
कैंसर का कारण बन सकते हैं ये फैक्टर
स्टडी में यह भी माना गया कि चिकन सीधे कैंसर का कारण नहीं है, लेकिन कुछ संभावित कारक ऐसे हैं जो इसके खतरे को बढ़ा सकते हैं:
1. हाई टेम्परेचर पर चिकन पकाना
चिकन को बहुत ज्यादा तापमान पर पकाने से HCA (heterocyclic amines) और PAH (polycyclic aromatic hydrocarbons) जैसे केमिकल्स बनते हैं, जो DNA को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर की शुरुआत कर सकते हैं।
2. फीड में एंटीबायोटिक्स और हार्मोन
मुर्गियों को दिए जाने वाले फीड में हार्मोन, एंटीबायोटिक्स और कीटनाशक शामिल हो सकते हैं। ये शरीर में धीरे-धीरे जमा होकर कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकते हैं।
3. लिंग आधारित जैविक अंतर
महिलाओं में मौजूद एस्ट्रोजन हार्मोन कुछ हद तक सुरक्षात्मक भूमिका निभा सकता है। पुरुषों में इसका प्रभाव नहीं होता, जिससे उनमें खतरा बढ़ जाता है।
4. भोजन की मात्रा
पुरुष अक्सर महिलाओं की तुलना में अधिक मात्रा में मांसाहारी भोजन करते हैं, जिससे उनके शरीर में कार्सिनोजेनिक तत्वों का प्रभाव ज्यादा होता है।
कौन से लोग रहें सावधान?
- वे जो रोजाना या सप्ताह में कई बार चिकन खाते हैं
- जिनका पाचन तंत्र पहले से कमजोर है
- जो प्रोसेस्ड चिकन या डीप फ्राइड पोल्ट्री ज्यादा खाते हैं
- जिनका खानपान असंतुलित है
क्या पूरी तरह से चिकन छोड़ देना चाहिए?
नहीं, रिसर्च का मकसद लोगों को डरा कर चिकन से दूर करना नहीं है। इसका उद्देश्य यह है कि चिकन के सेवन में संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। यदि आप हफ्ते में दो से तीन बार, सही तरीके से पका हुआ चिकन खाते हैं, तो यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत हो सकता है।
लेकिन यदि आप इसे अत्यधिक मात्रा में, तेल और मसालों के साथ पकाकर खाते हैं, तो यह शरीर के लिए नुकसानदायक बन सकता है।
The Trending People राय:
इस नई रिसर्च ने एक अहम संकेत दिया है कि अधिक मात्रा में चिकन का सेवन सेहत के लिए घातक हो सकता है, खासकर पुरुषों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने मांसाहारी आहार को संतुलित करें और नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहें। खानपान में जागरूकता ही बीमारी से बचाव का पहला कदम है।